वायुसेना काफिला हमला: आतंकियों की तलाश जारी, पूछताछ के लिए कई लोगों को हिरासत में लिया गया

मेंढर/जम्मू. जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के काफिले पर हमले में शामिल आतंकवादियों का पता लगाने के लिए व्यापक तलाशी अभियान रविवार को दूसरे दिन भी जारी रहा और कई लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. जम्मू के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आनंद जैन और सेना तथा खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने सुरनकोट क्षेत्र में हमला स्थल का दौरा किया.

उन्होंने बताया कि सेना ने एक हेलीकॉप्टर के जरिये हवाई निगरानी भी की. शाहसितार के पास शनिवार शाम हुए हमले में वायुसेना के पांच कर्मी घायल हो गए और उनमें से एक ने बाद में एक सैन्य अस्पताल में दम तोड़ दिया. अधिकारियों ने कहा कि आतंकवादियों का सफाया करने के लिए शाहसितार, गुरसाई, सनाई और शीनदारा टॉप समेत कई इलाकों में सेना व पुलिस का संयुक्त अभियान जारी है.
उन्होंने बताया कि माना जा रहा है कि हमले के बाद हमलावर जंगल में भाग गए.

अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों ने अधिकाधिक लोगों को हताहत करने के लिए एके असॉल्ट राइफलों के अलावा अमेरिका में निर्मित एम4 कार्बाइन और स्टील की गोलियों का भी इस्तेमाल किया. वायुसेना ने शहीद नायक की पहचान कॉरपोरल विक्की पहाड़े के रूप में की है और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है.

वायुसेना ने कहा, ह्लवायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी. आर. चौधरी और भारतीय वायुसेना के सभी कर्मी वीर कॉरपोरल विक्की पहाड़े को नमन करते हैं, जिन्होंने पुंछ सेक्टर में राष्ट्र की सेवा में सर्वोच्च बलिदान दिया. शोक संतप्त परिवार के प्रति हम गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं. दुख की इस घड़ी में हम आपके साथ मजबूती से खड़े हैं.ह्व अधिकारियों ने कहा कि सेना के पैरा कमांडो की अलग-अलग टीम को भी तलाशी अभियान में लगाया गया है.

उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के ठिकाने के बारे में अभी कुछ पता नहीं चला है. अधिकारियों ने कहा कि हमले के संबंध में पूछताछ के लिए कई लोगों को हिरासत में लिया गया है. यह इस साल जम्मू क्षेत्र में पहली बड़ी आतंकवादी घटना है. सीमावर्ती पुंछ जिले के साथ-साथ निकटवर्ती राजौरी में पिछले दो वर्ष में बड़े आतंकवादी हमले हुए हैं. वर्ष 2003 और 2021 के बीच यह क्षेत्र शांतिपूर्ण रहा था.

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