ओडिशा में माओवादियों के 650 समर्थकों ने किया आत्मसमर्पण

भुवनेश्वर. ओडिशा और आंध्र प्रदेश की सीमा पर स्थित गांवों में रहने वाले 650 सक्रिय माओवाद समर्थकों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. अधिकारी ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले माओवाद समर्थकों में से ज्यादातर मलकानगिरी जिले के स्वाभिमान अंचल की स्थानीय ग्राम समितियों या चेतना नाट्य मंडली के सदस्य हैं, जो कभी मुख्य भूमि ओडिशा से कटा हुआ लाल गलियारा था.

चेतना नाट्य मंडली भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) (भाकपा-माओवादी) से जुड़ा एक सांस्कृतिक संगठन है. डीआईजी (दक्षिण-पश्चिमी रेंज) राजेश पंडित ने कहा, ‘‘आत्मसमर्पण करने वाले माओवाद समर्थक ओडिशा और आंध्र प्रदेश के दूरदराज के गांवों से हैं. समर्थक अन्य हिंसक गतिविधियों के अलावा सुरक्षा बलों और नागरिकों पर हमले करने में प्रतिबंधित संगठन के कार्यकर्ताओं की सहायता करते थे.’’

आत्मसमर्पण करने से पहले माओवाद समर्थकों ने ‘‘माओवादी मुर्दाबाद, आमा सरकार जिंदाबाद’’ जैसे नारे लगाते हुए शनिवार को माओवादी साहित्य, पुतले और प्रतिबंधित संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा पहनी जाने वाली वर्दी को जला दिया. स्वाभिमान अंचल, जिसमें 182 गांव शामिल हैं, क्षेत्र में कई विकास परियोजनाओं की शुरुआत के साथ ‘‘त्वरित बदलाव’’ का अनुभव कर रहा है.

जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) नितेश वाधवानी ने कहा, ‘‘मुख्य भूमि ओडिशा के साथ क्षेत्र को जोड़ने वाले गुरुप्रिया पुल के निर्माण ने मलकानगिरि के इन गांवों में विकास से जुड़े बदलाव लाने में मदद की है. लोगों के पास अब बिजली, पीने का पानी और अन्य बुनियादी सुविधाएं हैं.’’

उन्होंने कहा कि इन गांवों में चिकित्सा सुविधाएं और मोबाइल नेटवर्क भी उपलब्ध हैं. एसपी ने कहा, ‘‘कई स्थानीय लोगों ने अब अपनी आजीविका के लिए मछली पालन को अपनाया है.’’ साल की शुरुआत में भी स्वाभिमान अंचल में सैकड़ों माओवाद समर्थकों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था. एसपी ने कहा, ‘‘कई और माओवाद समर्थक निकट भविष्य में ‘घर वापसी’ पर विचार कर रहे हैं.’’ भाषा सुरभि पारुल

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