साल वनों के द्वीप को नक्सलवाद से मुक्त कर फिर बनाएंगे शांति का टापू: मुख्यमंत्री बघेल

रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज झीरम घाटी शहादत दिवस के अवसर जगदलपुर के लालबाग स्थित झीरम मेमोरियल में झीरम घाटी के शहीदों को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और उन्हें नमन किया. मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि नक्सलवाद के खिलाफ सर्वाेच्च कुर्बानी देने वाले शहीदों की शहादत को बेकार नहीं जाने देंगे, साल वनों के द्वीप बस्तर क्षेत्र को नक्सलवाद से मुक्त कर फिर से शांति का टापू बनाएंगे.

मुख्यमंत्री बघेल सहित जनप्रतिनिधियों ने इस अवसर झीरम के शहीदों की याद में दो मिनट का मौन रखा और उपस्थित सभी लोगों को प्रदेश को पुनः शांति का टापू बनाने की शपथ दिलाई. इस दौरान मुख्यमंत्री बघेल ने झीरम घाटी के शहीदों के परिजनों से मुलाकात की और शॉल-श्रीफल भेंट किया.

मुख्यमंत्री बघेल ने श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए कहा कि झीरम घाटी की घटना को दस बरस हो गए हैं. हर साल हम लोग झीरम के शहीदों को नमन करते है और जब भी 25 मई आता है, हम सब का दिल भर जाता है. जो बच गए उन्होंने घटना को अपनी आंखों से देखा. वे बताते थे कि घटना कितनी भयावह थी. मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि इस घटना में शहीद हुए नेताओं ने परिवर्तन की बात कही थी. जिसका शुभारंभ सरगुजा से हुआ था. हमारे नेता कहते थे कि किसानों, आदिवासियों, युवाओं और महिलाओं के जीवन में परिवर्तन लाना है. परिवर्तन का संकल्प लेने वाले हमारे सभी बड़े नेता हमारे बीच नहीं रहे. उन्होंने झीरम में अपनी शहादत दी है.

झीरम की घटना को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी राज्यसभा की सदस्य फूलो देवी नेताम निकली और उन्होंने कहा कि यह बंद करो. वो एक बहादुर महिला हैं. जब हमारे नेताओं को चारों ओर से घेर लिया गया था. शहीद महेंद्र कर्मा निकले और नक्सलियों से कहा कि बेकसूरों को मारना बंद करो, गोलियां चलाना बंद करो. तुम्हारी दुश्मनी मुझसे है. मैं आत्मसमर्पण करता हूँ. मैं बस्तर टाइगर, मैं महेंद्र कर्मा इस प्रकार की बात उन्होंने कही. महेंद्र कर्मा ने माफी नहीं माँगी, अपने प्राणों की आहुति दे दी. किसके लिए, बस्तर के लिए, प्रदेश के लिए, लोकतंत्र के लिए, हम सबके लिए. अपनी जान देकर अपनों को बचाने का उनका संकल्प कितना बड़ा था, यह समझा जा सकता है.

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जिस नव निर्माण के पवित्र उद्देश्य के लिए हमारे नेताओं ने परिवर्तन यात्रा की थी, उस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए हमने लगातार परिश्रम किया है. हमने विकास, विश्वास और सुरक्षा की नीति से नक्सलियों को चंद इलाकों तक ही समेट दिया है. उन्होंने कहा कि हमने अपनी योजनाओं और नीतियों से बस्तर का विकास सुनिश्चित किया. हमने शिक्षा, स्वास्थ्य, आदिवासी संस्कृति के संरक्षण सहित अन्य विकास कार्यों को गति दी और बेहतर कार्य कर दिखाया है.

झीरम घाटी शहादत दिवस की दसवीं बरसी पर उद्योग मंत्री कवासी लखमा, लोकसभा क्षेत्र बस्तर के सांसद दीपक बैज, बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल, उपाध्यक्ष विक्रम मंडावी, संसदीय सचिव रेखचन्द जैन, विधायक मोहन मरकाम, संगीता सिन्हा, चंदन कश्यप, महापौर जगदलपुर सफीरा साहू, नगर पालिका अध्यक्ष कविता साहू, इंद्रावती बेसिन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राजीव शर्मा, कमिश्नर श्याम धावड़े, आईजी सुंदरराज पी. कलेक्टर विजय दयाराम के., वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेंद्र मीणा सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी.

शहीदों के परिजनों से मुलाकात के दौरान भावुक हुए मुख्यमंत्री – मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने झीरम घाटी के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के उपरांत शहीदों के परिजनों से मुलाकात की. उन्होंने परिजनों को शॉल-श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया. शहीदों के परिजनों से चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री भावुक हो गए. मुख्यमंत्री ने सभी का कुशल क्षेम जाना. मुख्यमंत्री ने परिजनों से कहा कि आप सभी ने बहुत बड़ा त्याग किया है. छत्तीसगढ़ सरकार हर पल आपके साथ खड़ी है.

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