स्वदेशी समुद्री इंजन निगरानी प्रौद्योगिकी के विकास के लिए समझौता

मुंबई: नेप्ट्यूनस पावर प्लांट र्सिवसेज प्राइवेट लिमिटेड ने शुक्रवार को कहा कि उसने स्वदेशी समुद्री इंजन स्थिति-निगरानी की प्रौद्योगिकी के विकास के लिए ‘इंडियन रजिस्टर आॅफ शिंिपग’ (आईआरएस) के साथ समझौता किया है। यह पहल केंद्र सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ योजना के तहत की गई है।

नेप्ट्यूनस ने एक बयान में कहा कि इस साझेदारी का उद्देश्य देश में समुद्री इंजनों की निगरानी और रखरखाव के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाना है। इसके तहत उन्नत डेटा विश्लेषण और वास्तविक समय निदान प्रणाली विकसित की जाएगी, जिससे जहाजों की परिचालन दक्षता बढ़ेगी।

नेप्ट्यूनस ने कहा कि इस समझौते से भारतीय जहाजरानी उद्योग को विदेशी निगरानी प्रणालियों पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी और देश में मरीन तकनीकी नवाचार को बढ़ावा मिलेगा। इस समझौते पर ‘भारत समुद्री सप्ताह 2025’ में हस्ताक्षर किए गए।

इस साझेदारी के तहत इंडियन रजिस्टर आॅफ शिंिपग (आईआरएस) ने नेप्ट्यूनस को उसकी दो स्वदेशी प्रौद्योगिकियों वीआईबी 360 (इंजन की स्थिति निगरानी प्रणाली) और टॉर्क सेंस शापोली के लिए प्रमाण पत्र प्रदान किया। नेपट्यूनस के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी उदय पुरोहित ने कहा, “आईआरएस के साथ यह समझौता हमारे इस विश्वास को और मजबूत करता है कि भारतीय इंजीनियंिरग विश्व के समुद्री क्षेत्र का भविष्य तय करने की क्षमता रखती है।”

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