‘अमृत काल’ भारत के इतिहास का वह कालखंड जब देश एक लंबी छलांग लगाने जा रहा है: मोदी

नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को विश्वास जताया कि भारत मौजूदा कालखंड में लंबी छलांग लगाएगा और उन्होंने कहा कि युवा पीढ.ी को इस तरह से तैयार करना होगा कि वह देश को नेतृत्व प्रदान करे तथा राष्ट्रीय हित को सर्वोच्च प्राथमिकता दे.
‘विकसित भारत 2047: युवाओं की आवाज’ पहल की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की युवा शक्ति ‘परिवर्तन की एजेंट’ और ‘परिवर्तन की लाभार्थी’ दोनों है.

उन्होंने कहा, ”किसी भी राष्ट्र के जीवन में इतिहास एक मौका देता है जब राष्ट्र अपनी विकास यात्रा में तेजी से प्रगति कर सकता है. भारत में अभी अमृत काल चल रहा है और यह भारत के इतिहास का वह कालखंड है जब देश एक लंबी छलांग लगाने जा रहा है.” उन्होंने आस-पास के कई देशों का उदाहरण दिया जिन्होंने एक निर्धारित समय सीमा में इतनी लंबी छलांग लगाई कि विकसित राष्ट्र बन गए.

उन्होंने कहा, ”भारत के लिए यही समय है, सही समय है. इस अमृत काल के प्रत्येक क्षण का उपयोग किया जाना चाहिए.” प्रधानमंत्री ने एक ऐसी अमृत पीढ.ी बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया जो राष्ट्रीय हित को सर्वोपरि रखे. प्रधानमंत्री आजादी की 75वीं वर्षगांठ से 100वीं वर्षगांठ तक के सफर को अक्सर अमृत काल कहते हैं. उन्होंने शिक्षा और कौशल से आगे बढ.ने की जरूरत पर बल दिया और नागरिकों के बीच राष्ट्रीय हित और नागरिक भावना के लिए सतर्कता का आह्वान किया.

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब नागरिक अपनी भूमिका में अपना कर्तव्य निभाना शुरू कर देते हैं, तो देश आगे बढ.ता है. उन्होंने जल संरक्षण, बिजली की बचत, खेती में कम रसायनों का उपयोग और सार्वजनिक परिवहन के उपयोग के माध्यम से प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण का उदाहरण दिया. उन्होंने शिक्षाविद् समुदाय से स्वच्छता अभियान को नई ऊर्जा देने, जीवनशैली के मुद्दों से निपटने और युवाओं द्वारा मोबाइल फोन से परे दुनिया की खोज करने के तरीके सुझाने को कहा.

उन्होंने कहा, ”पूरी दुनिया की नजर भारत के युवाओं पर है. युवा शक्ति परिवर्तन की वाहक भी है और परिवर्तन की लाभार्थी भी.” प्रधानमंत्री ने कुलपतियों और संस्थानों के प्रमुखों से छात्रों के लिए आदर्श बनने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, ”आपको अपने संस्थानों में दाखिला लेने वाले छात्रों के लिए आदर्श बनने की जरूरत है.” देश की तेजी से बढ.ती आबादी में युवाओं की संख्या का उल्लेख करते हुए मोदी ने बताया कि भारत आने वाले 25-30 वर्षों तक कामकाजी उम्र की आबादी के मामले में अग्रणी बनने जा रहा है और दुनिया इस बात को समझती है.

उन्होंने कहा, ”युवा शक्ति बदलाव की वाहक भी है और बदलाव की लाभार्थी भी है.” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगले 25 साल आज के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में युवाओं के करियर के लिए निर्णायक होंगे. उन्होंने कहा कि ये युवा ही हैं जो भविष्य में नए परिवार और नया समाज बनाएंगे, उन्हें ही यह तय करने का अधिकार है कि एक विकसित भारत कैसा होना चाहिए. प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी भावना के साथ सरकार देश के हर युवा को विकसित भारत की कार्ययोजना से जोड़ना चाहती है.

विकसित भारत के निर्माण के लिए देश के युवाओं की आवाज को नीतिगत रणनीति में ढालने पर जोर देते हुए मोदी ने युवाओं के साथ अधिकतम संपर्क बनाए रखने वाले शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका पर प्रकाश डाला. ‘विकसित भारत 2047’ का लक्ष्य भारत को स्वाधीनता के 100वें वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाना है. इस दृष्टिकोण में विकास के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया है, जिनमें आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, पर्यावरणीय स्थिरता और सुशासन शामिल हैं.

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