एक अन्य पीठ ने भी राज्यसभा चुनाव में मतदान के लिए जेल से रिहाई की मलिक की याचिका ठुकराई
मुंबई. राज्यसभा चुनाव में मतदान के लिए जेल से अस्थायी रिहाई की मांग को लेकर महाराष्ट्र के मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता नवाब मलिक की अर्जी शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय की एकल पीठ द्वारा खारिज किये जाने के कुछ घंटों के भीतर ही एक अन्य पीठ ने भी उनकी याचिका ठुकरा दी.
न्यायमूर्ति भारती डांगरे की एकल पीठ ने मलिक की याचिका खारिज करते हुए कहा कि जब राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान करने के वास्ते रिहा करने या पुलिस के साथ भेजने की अनुमति विशेष अदालत द्वारा नामंजूर कर दी गई है तो इसकी मंजूरी देने का सवाल ही पैदा नहीं होता. राज्यसभा की छह सीटों के लिए मतदान यहां विधान भवन में सुबह नौ बजे शुरू हुआ और शाम चार बजे तक यह प्रक्रिया चलेगी. राकांपा नेता मलिक इस समय धनशोधन के एक मामले में जेल में बंद हैं. उन्हें प्रवर्तन निदेशालय ने 23 फरवरी को गिरफ्तार किया था.
न्यायमूर्ति डांगरे ने कहा, ‘‘(यदि कोई राहत दी जानी है तो) विशेष अदालत के फैसले को निरस्त करना होगा.’’ मलिक के वकील तारिक सैयद द्वारा न्यायमूर्ति डांगरे की अदालत में अपील करने से पहले न्यायमूर्ति पी डी नाइक ने मलिक की याचिका खारिज कर दी थी.
बृहस्पतिवार को एक विशेष अदालत ने मलिक की वह याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि या तो उन्हें बांड पर हिरासत से रिहा किया जाए या मतदान के लिए पुलिस के साथ विधान भवन जाने की अनुमति दी जाए. इसके बाद मंत्री ने उच्च न्यायालय का रुख किया था.