सेना के खिलाफ टिप्पणी : न्यायालय ने राहुल गांधी के खिलाफ सुनवाई पर लगी रोक की समय-सीमा ब­ढ़ाई

नयी दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा 2022 में ‘भारत जोड़ो’ यात्रा के दौरान भारतीय सेना के बारे में कथित तौर पर की गई अपमानजनक टिप्पणी के मामले में लखनऊ की एक अदालत में चल रही सुनवाई पर रोक संबंधी अपने अंतरिम आदेश की मियाद सोमवार को अगले महीने की 20 तारीख तक ब­ढ़ा दी. उच्चतम न्यायालय में यह मामला सुनवाई के लिए सोमवार को न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति विपुल एम पंचोली की पीठ के समक्ष आया.

पीठ ने कहा, ”याचिकाकर्ता के वकील द्वारा प्रत्युत्तर हलफनामा दाखिल करने के लिए स्थगन का अनुरोध करते हुए दिये गए पत्र के मद्देनजर मामले को 20 नवंबर, 2025 को सूचीबद्ध किया जाता है. चार अगस्त, 2025 को पहले दिए गए अंतरिम आदेश की मियाद को सुनवाई की अगली तारीख तक ब­ढ़ाया जाता है.” उच्चतम न्यायालय राहुल गांधी की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 29 मई के आदेश को चुनौती दी थी. उच्च न्यायालय ने मामले में निचली अदालत द्वारा समन जारी करने के आदेश के खिलाफ अर्जी खारिज कर दी थी. गांधी द्वारा दायर याचिका के साथ दो अलग-अलग याचिकाएं भी सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की गईं.

उच्चतम न्यायालय ने चार अगस्त को राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए लखनऊ की एक अदालत में लंबित शिकायत मामले में आगे की कार्यवाही पर सुनवाई की अगली तारीख तक रोक लगा दी थी. हालांकि, शीर्ष अदालत की पीठ ने गांधी की कथित टिप्पणी के लिए उनकी खिंचाई करते हुए सवाल किया, ”आपको कैसे पता चला कि 2,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर चीन ने कब्जा कर लिया है? क्या आप वहां थे? क्या आपके पास कोई विश्वसनीय सबूत है?” पीठ ने पूछा, ”बिना किसी सबूत के आप ये बयान क्यों दे रहे हैं? अगर आप सच्चे भारतीय हैं, तो आप ऐसा कुछ नहीं कहेंगे.” शीर्ष अदालत ने इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार और मामले में शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर गांधी की याचिका पर जवाब तलब किया.

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