अतीक और अशरफ हत्याकांड : तीन हत्यारों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज

अतीक और अशरफ हत्याकांड की जांच के लिए न्यायिक जांच आयोग गठित

प्रयागराज/लखनऊ. गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद (60) और उसके भाई अशरफ अहमद की शनिवार रात हुई हत्या के मामले में पुलिस ने रविवार की सुबह तीन आरोपियों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की. पुलिस ने बताया कि प्रयागराज के धूमनगंज थाना प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) राजेश कुमार मौर्य ने शाहगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई.

दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, अतीक अहमद और अशरफ की हत्या में लवलेश तिवारी (बांदा), मोहित उर्फ सनी (हमीरपुर) और अरुण मौर्य (कासगंज) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. पुलिस ने बताया कि तीनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 302 (हत्या) और 307 (हत्या के प्रयास) के अलावा आयुध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने तीनों आरोपियों को रात में ही पकड़ कर घटना में प्रयुक्त असलहों को बरामद कर लिया था.

इस बीच, एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अतीक और अशरफ के शवों का पोस्टमार्टम होने के बाद उन्हें एक्सरे के लिए काल्विन अस्पताल ले जाया गया. अतीक और अशरफ के अंतिम संस्कार के बारे में आधिकारिक रूप से अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल सकी है. अतीक (60) और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात हमलावरों ने उस समय गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब पुलिस दोनों को चिकित्सकीय जांच के लिए मेडिकल कॉलेज ले जा रही थी.

इस दोहरे हत्याकांड का एक वीडियो सार्वजनिक हुआ है, जिसमें तीन हमलावर दोनों भाइयों को गोली मारते नजर आ रहे हैं और गोली लगते ही दोनों भाई जमीन पर गिर जाते हैं. गोलियों से छलनी दोनों के शवों को घटनास्थल से ले जाया गया. इस सनसनीखेज हत्याकांड के बाद से इलाके में तनाव है.

पुलिस आयुक्त रमित शर्मा ने शनिवार देर रात बताया था, ‘‘अभी यह प्राथमिक जानकारी है. दोनों (अतीक-अशरफ) को आवश्यक चिकित्सकीय जांच के लिए यहां लाया गया था. मीडियाकर्मी ‘बाइट’ ले रहे थे. प्राथमिक जानकारी के अनुसार, तीन लोग मीडियाकर्मी बनकर आए और उन्होंने ‘बाइट’ लेने का प्रयास किया. इसी दौरान उन्होंने गोलीबारी कर दी.’’ आयुक्­त ने कहा, ‘‘अतीक और अशरफ की हमले में मौत हो गई. इसके अलावा, लखनऊ के एक पत्रकार को चोट आई है. वहीं, हमारे एक आरक्षी मान ंिसह को गोली लगी है.’’

उत्तर प्रदेश के मुख्­यमंत्री योगी आदित्­यनाथ ने घटना की उच्­च स्­तरीय जांच का आदेश देते हुए तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग के गठन के निर्देश दिए हैं. वहीं, घटना के बाद उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है. अतीक और अशरफ को 2005 के उमेश पाल हत्याकांड के सिलसिले में सुनवाई के लिए प्रयागराज लाया गया था.

झांसी में 13 अप्रैल को अतीक का बेटा असद और उसका एक साथी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए थे. असद का शव शनिवार सुबह प्रयागराज में कसारी मसारी कब्रिस्तान में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दफनाया गया, जबकि उसके साथी गुलाम का शव शिवकुटी स्थित कब्रिस्तान में दफन किया गया. संयोग से, उस वक्त उत्तर प्रदेश पुलिस कब्रिस्तान से लगभग तीन किलोमीटर दूर धूमनगंज पुलिस थाने में अहमद और अशरफ से पूछताछ कर रही थी.

पत्रकारों द्वारा असद की मौत पर टिप्पणी करने के लिए कहे जाने पर उसके चाचा अशरफ ने कहा था, ‘‘जो अल्लाह का था, उसे उन्होंने अपने पास बुला लिया.’’ बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक राजू पाल की हत्या मामले के मुख्य गवाह उमेश पाल और उसके दो पुलिस सुरक्षा गार्ड की 24 फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

उमेश पाल की पत्नी जया पाल द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर 25 फरवरी को अतीक, अशरफ, अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन, असद सहित उसके दो बेटों, शूटर गुड्डू मुस्लिम और गुलाम तथा नौ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. उत्तर प्रदेश पुलिस 2006 के उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक और अशरफ को एक अदालत में पेश करने के लिए गुजरात के अहमदाबाद में उच्च सुरक्षा वाली साबरमती केंद्रीय जेल से 26 मार्च को प्रयागराज लेकर आई थी.

अदालत ने 28 मार्च को अपहरण मामले में अतीक और दो अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. पुलिस ने बताया कि अतीक पर उमेश पाल हत्याकांड सहित 100 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे. अतीक ने सुरक्षा के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया था. उसने अपनी याचिका में दावा किया था कि उसे और उसके परिवार को उमेश पाल हत्याकांड में झूठा फंसाया गया है. अतीक ने आशंका जताई थी कि उत्तर प्रदेश पुलिस उसे फर्जी मुठभेड़ में मार सकती है.

अतीक और अशरफ हत्याकांड की जांच के लिए न्यायिक जांच आयोग गठित

उत्तर प्रदेश सरकार ने गैंगस्टर से नेता बने पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई तथा पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ की प्रयागराज में सनसनीखेज हत्याओं की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है.आधिकारिक जानकारी के अनुसार इलाहाबाद उच्­च न्­यायालय के सेवानिवृत्त न्­यायाधीश अरविन्­द कुमार त्रिपाठी द्वितीय की अध्­यक्षता में पूर्व पुलिस महानिदेशक सुबेश कुमार सिंह और सेवानिवृत्त जनपद न्यायाधीश बृजेश कुमार सोनी को बतौर सदस्­य आयोग में शामिल करते हुए तीन सदस्यीय आयोग का गठन किया गया है.

आयोग को मामले की जांच के बाद दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपनी होगी. राज्य के गृह विभाग ने जांच आयोग अधिनियम, 1952 के तहत आयोग का गठन किया है. उप्र के मुख्­यमंत्री योगी आदित्­यनाथ ने अतीक अहमद और अशरफ की सनसनीखेज हत्­या में उच्­च स्­तरीय जांच के आदेश दिये . इसके साथ ही यह भी कहा कि इसमें तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन कर मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा था कि “मुख्यमंत्री ने अहमद और अशरफ की हत्या की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग के गठन का निर्देश दिया है.”

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