संदेशखालि में भय का महौल, पुलिस एवं तृणमूल व्यवस्थित ढंग से उत्पीड़न में संलग्न : एनसीडब्ल्यू

नयी दिल्ली/कोलकाता. राष्ट्रीय महिला आयोग ने पश्चिम बंगाल के संदेशखालि को लेकर तैयार तथ्य अन्वेषण रिपोर्ट में कहा है कि उसने महिलाओं की परेशान कर देने वाली गवाही एकत्रित की है जो उनके व्यापक भय और पुलिस अधिकारियों एवं तृणमूल कांग्रेस सदस्यों द्वारा किए जा रहे व्यवस्थित उत्पीड़न को रेखांकित करती है.

हालांकि, पश्चिम बंगाल पुलिस ने सोमवार को कहा कि उसे हिंसा प्रभावित संदेशखालि में लोगों से केवल चार शिकायतें मिली हैं, लेकिन उनमें से किसी में भी बलात्कार या यौन उत्पीड़न का जिक्र नहीं है. एनसीडब्ल्यू ने एक बयान में कहा कि पीड़ितों ने पुलिस अधिकारियों और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों द्वारा की गई शारीरिक और यौन हिंसा की घटनाओं को याद किया.

आयोग ने कहा, ” जिन महिलाओं ने इस तरह के अत्याचारों के खिलाफ बोलने का साहस किया, उन्हें तत्काल प्रतिशोध का सामना करना पड़ा, जिसमें संपत्ति की जब्ती, परिवार के पुरुष सदस्यों की मनमानी गिरफ्तारी और उत्पीड़न के अन्य कृत्य शामिल थे.” एनसीडब्ल्यू की एक टीम ने क्षेत्र में महिलाओं के खिलाफ गंभीर हिंसा और धमकी की शिकायत पर स्थानीय अधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाई का आकलन करने के लिए संदेशखालि का दौरा किया.

एनसीडब्ल्यू ने बताया कि टीम की जांच में पश्चिम बंगाल सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की ओर से परेशान करने वाली प्रवृत्ति और मिलीभगत सामने आई. आयोग की सदस्य डेलिना खोंगडुप ने संदेशखालि की यात्रा के दौरान स्थानीय पुलिस अधिकारियों द्वारा प्रर्दिशत रवैये पर ‘गहरी निराशा’ व्यक्त की. एनसीडब्ल्यू ने दावा किया कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने खबरों के मुताबिक आयोग की टीम से सहयोग करने से इनकार कर दिया और पुलिस अधीक्षक किसी भी तरह की सहायता या सुरक्षा देने में असफल रहे.

इसने कहा, ” गांव की महिलाओं द्वारा दी गयी परेशान करने वाली गवाही व्यापक भय और व्यवस्थित उत्पीड़न की भयावह तस्वीर पेश करती है. पीड़ितों ने पुलिस अधिकारियों और तृणमूल कांग्रेस सदस्यों, दोनों द्वारा कथित शारीरिक और यौन हिंसा की घटनाओं को याद किया.” एनसीडब्ल्यू ने कहा, ”संदेशखालि ग्रामवासी’ के रूप में हस्ताक्षरित एक सामूहिक बयान में, गांव की महिलाओं ने उत्पीड़न, यातना और उनकी गरिमा और अधिकारों के घोर उल्लंघन सहित उनके द्वारा सहन की गई पीड़ाओं का विवरण दिया.
आयोग ने कहा कि ऐसी धमकी और सेंसरशिप को देखते हुए तत्काल हस्तक्षेप की जरूरत है.

एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष रेखा शर्मा आने वाले दिनों में संदेशखालि का दौरा करेंगी और पुलिस व पीड़ितों से बातचीत करेंगी ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि पश्चिम बंगाल में महिलाओं की जिंदगी और स्वतंत्रता की रक्षा की जा सके. पश्चिम बंगाल पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी)स्तर की महिला अधिकारी के नेतृत्व में 10 सदस्यीय टीम का गठन हिंसा की घटनाओं की जांच करने के लिए किया गया है. उन्होंने महिलाओं की पूरी सुरक्षा का आश्वासन दिया और अपील की कि शिकायत दर्ज करने की जरूरत महसूस होने पर वे पुलिस से संपर्क करें. संदेशखालि की कई महिलाओं ने दावा किया है कि तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख और उसके ‘गिरोह’ ने जबरन बड़े पैमाने पर जमीनों पर कब्जा कर लिया है और इसके अलावा वे ‘उनका यौन उत्पीड़न’ करते हैं.

वाम दलों ने संदेशखालि में ग्रामीणों पर अत्याचार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की

वाम दलों ने बृहस्पतिवार को कोलकाता और बशीरहाट में रैलियां निकाली और पश्चिम बंगाल के संदेशखालि इलाके में ग्रामीणों पर कथित अत्याचार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. वाम दलों ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के पूर्व विधायक नीरापद सरदार की रिहाई की भी मांग की.

रिवोल्यूशनिस्ट सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के महासचिव मनोज भट्टाचार्य और माकपा के राज्यसभा सदस्य बिकास भट्टाचार्य सहित वामपंथी बुद्धिजीवियों और नेताओं ने लेक मार्केट से हाजरा चौराहा तक निकाली गई रैली में हिस्सा लिया. हाजरा चौराहा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास के एक किलोमीटर के दायरे में है.

ममता ने भाजपा पर संदेशखालि में अशांति फैलाने का आरोप लगाया, कहा कि जरूरी कार्रवाई की गई

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर अशांत संदेशखालि में समस्या पैदा करने का आरोप लगाया और कहा कि इलाके में शांति बहाल करने के लिए हरसंभव आवश्यक कार्रवाई की गई है. बनर्जी ने आरोप लगाया कि संदेशखालि पिछले कुछ सालों में सांप्रदायिक संघर्षों का केंद्र रहा है और क्षेत्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का प्रभाव है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा इलाके के अमन में खलल डालने के लिए बाहर से लोगों को बुला रही है.

बनर्जी ने राज्य विधानसभा में कहा कि अशांत संदेशखालि क्षेत्र में 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और किसी भी तरह की गैरकानूनी गतिविधि में शामिल किसी भी व्यक्ति को छोड़ा नहीं जाएगा. सत्तारूढ. तृणमूल कांग्रेस के नेताओं द्वारा स्थानीय लोगों पर कथित अत्याचारों को लेकर जिस क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन हो रहा है, उसका जिक्र करते हुए बनर्जी ने विधानसभा में कहा कि उन्होंने कभी किसी के साथ अन्याय नहीं होने दिया है और न ही होने देंगी.

उन्होंने कहा, ”हम संदेशाखालि की स्थिति पर नजर रख रहे हैं. किसी भी गलत काम में शामिल किसी व्यक्ति को छोड़ा नहीं जाएगा. मैंने वहां राज्य महिला आयोग को भेजा है और संदेशाखालि के लिए एक पुलिस दल गठित किया है.” बनर्जी ने कहा, ”क्षेत्र में अशांति फैलाने के लिए एक भयानक साजिश रची जा रही है और राज्य सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई की है.”

मुख्यमंत्री ने कहा, ”यह पता चला है कि किस तरह भाजपा कार्यकर्ताओं को लाया गया और योजनाबद्ध तरीके से हिंसा भड़काई गई. मुख्य निशाना शाहजहां शेख थे और ईडी ने उन्हें निशाना बनाते हुए इलाके में प्रवेश किया.” बनर्जी ने कहा, ”इसके बाद उन्होंने वहां से सभी को बाहर निकाला और इसे आदिवासियों तथा अल्पसंख्यकों की लड़ाई की तरफ पेश किया.” तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ”यह नई बात नहीं है. वहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का आधार है. वहां 7-8 साल पहले दंगे हुए थे. यह दंगों के लिहाज से सबसे संवेदनशील स्थानों में से एक है.” मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस का एक दल लोगों की शिकायतें सुनने के लिए उनके घरों पर पहुंच रहा है.
उन्होंने कहा, ”हम बताए जाने वाले मुद्दों पर जरूर ध्यान देंगे. लेकिन मुझे कार्रवाई करने के लिए मामला पता होना जरूरी है.”

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