मानव बलि की रस्म के लिए नाबालिग का सिर काटा; नाबालिग समेत तीन पकड़े

सिलवासा. दादरा और नगर हवेली में नौ साल के एक लड़के का अपहरण कर कर लिया गया और ‘‘मानव बलि’’ के लिए उसका सिर धड़ से अलग कर बाद में उसके शरीर के टुकड़े कर दिए गए. पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी. गुजरात के वलसाड़ जिले में वापी कस्बे के पास दमन गंगा में पिछले हफ्ते आदिवासी समुदाय के लड़के का सिर कटा शव मिलने के बाद पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार करने के साथ एक नाबालिग को हिरासत में लिया था.

पुलिस ने एक विज्ञप्ति में कहा कि केंद्र शासित प्रदेश के दादरा और नगर हवेली (डीएनएच) जिले के सायली गांव से नौ वर्षीय बच्चा 29 दिसंबर को लापता हो गया था, जिसके बाद 30 दिसंबर को सिलवासा पुलिस थाने में अपहरण का मामला दर्ज किया गया था. पुलिस ने कहा कि लड़के का पता लगाने के लिए कई दलों को लगाया गया था. डीएनएच जिले के मुख्यालय सिलवासा से लगभग 30 किमी दूर स्थित वापी में उसके ‘हुलिये’ से मेल खाता एक सिर कटा शव मिला था.

एक अधिकारी ने कहा कि जहां शव वापी में एक नहर के पास मिला था, वहीं शरीर के कुछ हिस्से सायली गांव में मिले थे, जहां मानव बलि की रस्म की गई थी. उन्होंने कहा कि शरीर के अंगों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है. पुलिस ने कहा, ‘‘जांच के आधार पर पुलिस एक किशोर तक पहुंची. उसने खुलासा किया कि उसने 29 दिसंबर, 2022 को सायली गांव से पीड़ित का अपहरण किया था और अपने साथी की मदद से मानव बलि देते हुए उसकी हत्या कर दी थी.’’ उन्होंने कहा कि किशोर को हिरासत में लेने के बाद पुलिस ने प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता की 302 (हत्या के लिए सजा), 201 और 120बी धाराएं जोड़ी.

पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त हथियार भी बरामद किया. पुलिस ने कहा कि हिरासत में लिए गए लड़के ने खुलासा किया कि उसके दोस्त शैलेश कोहकेरा (28) ने पीड़ित की हत्या में उसकी मदद की थी. विज्ञप्ति में कहा है, ‘‘उसने बताया कि रमेश सांवर भी साजिश का हिस्सा था. सांवर ने आर्थिक फायदे के लालच में किशोर और शैलेश कोहकेरा को मानव बलि रस्म के लिए बरगलाया था.’’ इसके बाद, कोहकेरा और सांवर का पता लगाया गया और तीन जनवरी को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

पुलिस ने कहा कि किशोर सायली गांव में एक चिकन की दुकान में कसाई का काम करता था. वह गुजरात में तापी जिले के कपराडा तालुका के करजान गांव का मूल निवासी है. उसे सूरत के निगरानी गृह में भेज दिया गया है और आगे की जांच की जा रही है. वापी पुलिस ने कहा कि सिर विहीन धड़ मिलने के बाद 100 पुलिसर्किमयों का एक दल गठित किया गया था और उन्हें मामले के खुलासे के लिए जुड़े विभिन्न कार्य सौंपे गए थे.

पुलिस ने कहा कि दमन के पुलिस र्किमयों के दल और गृहरक्षकों ने सीसीटीवी फुटेज की जांच की और सुराग जुटाने के लिए गांव के निवासियों के अलावा दुकानदारों तथा औद्योगिक श्रमिकों से पूछताछ की. मोबाइल ‘कॉल रिकॉर्ड’ की जांच की गई एवं गांव तथा नहर के पास के इलाकों की तलाशी ली गई. इस बीच, केंद्र शासित प्रदेश में भाजपा अनुसूचित जनजाति (एसटी) मोर्चा ने पुलिस अधीक्षक को एक ज्ञापन सौंपकर आरोपी व्यक्तियों को कड़ी सजा देने का मांग की.

भाजपा ने कहा, ‘‘मृतक बालक आदिवासी वारली समुदाय का था. उसके परिवार की किसी से कोई दुश्मनी नहीं है. पता चला है कि मासूम बच्चे की बलि किसी अपराधी और तांत्रिक ने दी थी. यह घटना घिनौनी और अमानवीय और बेहद संगीन अपराध है.’’ साथ ही भाजपा ने कहा, ‘‘हम अपराध में शामिल सभी लोगों को गिरफ्तार कर निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग करते हैं. पुलिस को हर तरह से उचित और त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि आरोपी व्यक्तियों को सख्त से सख्त सजा मिले.’’

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