भजनलाल शर्मा ने अपने जन्मदिन पर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, मोदी समेत बड़े भाजपा नेता रहे मौजूद

प्रधानमंत्री मोदी ने राजस्थान का मुख्यमंत्री बनने पर भजनलाल शर्मा को बधाई दी...

जयपुर/नयी दिल्ली. पहली बार के विधायक भजनलाल शर्मा ने शुक्रवार को यहां राजस्थान के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तमाम शीर्ष नेता मौजूद रहे. भाजपा के प्रदेश महामंत्री शर्मा ने अपने जन्मदिन पर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. वह 57 साल के हो गए हैं.

राज्यपाल कलराज मिश्र ने यहां ऐतिहासिक अल्बर्ट हॉल के सामने आयोजित समारोह में शर्मा को मुख्यमंत्री तथा दीया कुमारी एवं डॉ. प्रेमचंद बैरवा को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई. तीनों ने हिंदी में शपथ ली. समारोह में निवर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी शामिल हुए जो भाजपा के अनेक केंद्रीय मंत्रियों एवं मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति में अकेले कांग्रेसी नजर आए. समारोह में बड़ी संख्या में नवनिर्वाचित विधायक एवं पार्टी कार्यकर्ता भी मौजूद थे.

बाद में मुख्यमंत्री शर्मा ने सचिवालय स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में वैदिक मंत्रोचार के बीच कार्यभार ग्रहण किया. इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और अर्जुन मेघवाल, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी और अन्य नेता मौजूद थे. जैसे ही शर्मा मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे राजे ने उन्हें आशीर्वाद देते हुए उनके सिर पर हाथ रखा. उल्लेखनीय है कि मंगलवार को शर्मा को विधायक दल का नेता चुने जाने से पहले तक जिन नेताओं को मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल माना जा रहा था उनमें राजे भी थीं.

हालांकि ‘लो-प्रोफाइल’ रहकर काम करने वाले शर्मा के प्रति समर्थन दिखाने वाला असली कार्यक्रम शपथ ग्रहण समारोह था. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आयोजित इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह तथा भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा मौजूद थे. इसके साथ ही भाजपा शासित मध्य प्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री मोहन यादव, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र भाई पटेल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी शामिल हुए.

समारोह के लिए राजस्थान की राजधानी जयपुर के मुख्य मार्गों और प्रवेश मार्गों को सजाया गया था. इनमें भाजपा के झंडे और केंद्र सरकार की तमाम कल्याणकारी योजनाओं वाले पोस्टर और बैनर लगाए गए थे. समारोह के लिए तीन मंच बनाए गए थे मुख्य मंच पर राज्यपाल कलराज मिश्र, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भजनलाल शर्मा, प्रेमचंद बैरवा एवं दीया कुमारी बैठे. एक पर विभिन्न मंत्री एवं मुख्यमंत्री बैठे थे,वहीं एक मंच पर संत समाज के लोग बैठे थे.

शपथ ग्रहण के दौरान समर्थकों ने ‘जय श्री राम’ और ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाए. भजनलाल भाजपा के प्रदेश महामंत्री हैं, उनके पास राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री है. शर्मा ने जयपुर की सांगानेर सीट 48,081 वोट के अंतर से जीती है. वह भरतपुर जिले के रहने वाले हैं.

शपथ ग्रहण समारोह से पहले शर्मा ने सुबह यहां गोविंद देवजी मंदिर में दर्शन किये और टोंक रोड पर पिंजरापोल गौशाला में गायों को चारा खिलाया. उन्होंने अपने माता-पिता का आशीर्वाद भी लिया. उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी एवं प्रेमचंद बैरवा ने भी बाद में अपने अपने कार्यालय में कार्यभार ग्रहण कर लिया.

समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने ‘कट्टर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी’ माने जाने वाले केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बगल में बैठे. दोनों नेता काफी समय तक एक दूसरे से गर्मजोशी से बातचीत करते नजर आए. उल्लेखनीय है कि गहलोत केंद्रीय मंत्री शेखावत पर संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी ‘घोटाले’ में शामिल होने का आरोप बार बार लगाते रहे हैं, इस पर शेखावत ने दिल्ली में गहलोत के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है.

उल्लेखनीय है कि राज्य में विधानसभा की 200 में से 199 सीट पर 25 नवंबर को मतदान हुआ. भाजपा ने 115 सीट जीतीं, जबकि कांग्रेस को 69 सीट मिलीं. करणपुर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के निधन के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया था. इस सीट पर अब पांच जनवरी को मतदान होगा.

प्रधानमंत्री मोदी ने राजस्थान का मुख्यमंत्री बनने पर भजनलाल शर्मा को बधाई दी…

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दल के नेता भजनलाल शर्मा को बधाई दी और प्रदेश की जनता को भरोसा दिलाया कि उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए नयी सरकार जी-जान से जुटी रहेगी।

प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले भजन लाल शर्मा के साथ ही उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा को बहुत-बहुत बधाई!’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि वीर-वीरांगनाओं का यह प्रदेश आपके नेतृत्व में सुशासन, समृद्धि और विकास के नित-नए मानदंड स्थापित करेगा।

यहां के मेरे परिवारजनों ने जिस भरोसे और उम्मीद के साथ हमें भरपूर आशीर्वाद दिया है, उस पर खरा उतरने के लिए भाजपा सरकार जी-जान से जुटी रहेगी।’’ प्रधानमंत्री ने एक अन्य पोस्ट में भजनलाल शर्मा को जन्मदिन की बधाई भी दी। आज शर्मा का जन्मदिन भी है।

मोदी ने कहा, ‘‘वर्षों से पार्टी के सर्मिपत कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने (शर्मा) राज्य भर में भाजपा को मजबूत करने के लिए सराहनीय प्रयास किए हैं। अब जबकि वह मुख्यमंत्री की अपनी यात्रा शुरू कर रहे हैं, मैं उन्हें लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए शुभकामनाएं देता हूं।’’ प्रधानमंत्री मोदी भी शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित थे। उनके अलावा गृह मंत्री अमित शाह तथा भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए।

भजन लाल शर्मा: सरपंच से मुख्यमंत्री तक का सफर

बीते मंगलवार की दोपहर तक किसी को अंदाजा नहीं था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नवनिर्वाचित विधायकों के फोटो सेशन में पीछे वाली कतार में खड़ा व्यक्ति कुछ ही मिनट बाद राज्य की राजनीति के केंद्र में होगा. भजनलाल शर्मा की मंगलवार को कहानी कुछ ऐसी ही रही. उन्हें भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया और इसके साथ ही वह राज्य की राजनीति के केंद्र में आ गए.

भरतपुर की एक ग्राम पंचायत के सरपंच रहे शर्मा अब राजस्थान के मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने शुक्रवार को यहां ऐतिहासिक अल्­बर्ट हॉल के सामने आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में पद व गोपनीयता की शपथ ली. भजनलाल शर्मा पहली बार विधायक बने हैं. पार्टी के प्रदेश महासचिव शर्मा सुर्खियों से दूर रहकर काम करने के लिए जाने जाते हैं. शर्मा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े रहे हैं और 1992 में श्रीराम जन्मभूमि भूमि आंदोलन के दौरान जेल भी जा चुके हैं.

अपने 34 साल के सक्रिय राजनीतिक करियर के दौरान उन्होंने भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) और पार्टी में संगठनात्मक स्तर पर विभिन्न पदों पर कार्य किया है. 57 वर्षीय शर्मा को सर्मिपत पार्टी कार्यकर्ता के रूप में देखा जाता है और वह सुर्खियों से दूर रहना पसंद करते हैं.

शर्मा ने अपनी शुरुआती पढ.ाई भरतपुर जिले के अटारी गांव और नदबई कस्बे में पूरी की. बाद में वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) में शामिल हो गए और नदबई व भरतपुर इलाके में सामाजिक मुद्दों पर काम करते रहे. शर्मा ने 1990 में एबीवीपी के कश्मीर मार्च में सक्रिय रूप से भाग लिया और 100 अन्य कार्यकर्ताओं के साथ उधमपुर तक मार्च कर गिरफ्तारी दी. वह 1992 में श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान जेल भी गये.

1991-92 के दौरान उन्हें भाजयुमो में जिम्मेदारी मिली और उनके राजनीतिक करियर ने नयी रफ्तार पकड़ी. वह पहली बार 27 साल की उम्र में सरपंच चुने गए थे. वह दो बार सरपंच और एक बार पंचायत समिति सदस्य चुने गये. वह भाजपा के भरतपुर जिला सचिव और जिला अध्यक्ष बनने से पहले तीन बार भाजयुमो जिला अध्यक्ष रहे. अपने गृह नगर भरतपुर को छोड़कर, शर्मा ने जयपुर मुख्यालय में प्रदेश उपाध्यक्ष के रूप में पार्टी का प्रतिनिधित्व किया. शर्मा के पास राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री है और उनका व्यवसाय कृषि है.

पार्टी नेताओं का कहना है कि शर्मा नियमित रूप से मथुरा में गोवर्धन-गिरिराज परिक्रमा में जाते हैं जहां भाजपा के वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा भी आते थे और दोनों के बीच मुलाकात होती थी. शर्मा तब भरतपुर में जिला अध्यक्ष थे. यहीं से वे नड्डा की नजर में आए. बाद में उन्होंने 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सहयोगी के रूप में काम किया और कहा जाता है कि शाह उनके काम से प्रभावित हुए. राज्य में विधानसभा की 200 में 199 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा को 115 सीटों पर जीत मिली. कांग्रेस को 69 सीटें मिलीं. राज्य की करणपुर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के निधन के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया था. वहां अब पांच जनवरी को मतदान होगा.

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