इस सप्ताह यूरोप यात्रा के दौरान पोलैंड जाएंगे बाइडन : व्हाइट हाउस

वांिशगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन यूक्रेन पर जारी रूसी हमलों के बीच उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) और यूरोप के सहयोगियों के साथ बातचीत के लिए अपनी आगामी यूरोप यात्रा के दौरान पोलैंड भी जाएंगे। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने रविवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि बाइडन बुधवार को वांिशगटन से ब्रसेल्स रवाना होंगे और फिर वहां से पोलैंड जाएंगे, जहां वह इन देशों के नेताओं से मुलाकात करेंगे। यूक्रेन संकट में पोलैंड एक महत्वपूर्ण सहयोगी रहा है। वह हजारों अमेरिकी सैनिकों की मेजबानी कर रहा है। साथ ही पिछले कुछ दशकों में यूरोप के सबसे बड़े शरणार्थी संकट के बीच वह किसी भी अन्य देश की तुलना में यूक्रेन से पलायन करने वाले लोगों को सबसे ज्यादा संख्या में शरण दे रहा है। पोलैंड ने 20 लाख से अधिक लोगों को शरण दी है।

बाइडन पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रजेज डूडा के साथ द्विपक्षीय बैठक के लिए शुक्रवार को वारसॉ जाएंगे। साकी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति इस बात पर चर्चा करेंगे कि कैसे अमेरिका अपने सहयोगियों और भागीदारों के साथ ‘‘रूस के अनुचित और अकारण युद्ध से पैदा मानवीय और मानवाधिकार संकट का जवाब दे रहा है।’’

व्हाइट हाउस के मुताबिक, अपने दौरे से पहले बाइडन सोमवार को यूरोपीय नेताओं के साथ युद्ध पर चर्चा करेंगे। चर्चा में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स, इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के हिस्सा लेने की उम्मीद है।

व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने कहा है कि बाइडन की यूक्रेन की यात्रा करने की कोई योजना नहीं है। विदेश मंत्री एंटनी ंिब्लकन इस महीने पोलैंड की यात्रा के दौरान देश के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा के साथ एकजुटता दिखाने के लिए कुछ समय के लिए पड़ोसी देश यूक्रेन गए थे।

पोलैंड ने हमेशा नाटो के अपने सहयोगी देशों से यह रक्तपात रोकने के लिए अधिक प्रयास करने की अपील की है। यूक्रेन पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आक्रमण ने बड़े पैमाने पर अमेरिका और नाटो तथा यूरोपीय सहयोगियों के साथ-साथ एशिया और अन्य जगहों के देशों को एकजुट किया है। अमेरिका और यूरोपीय देशों की सरकारें रूस की सैन्य आक्रामकता को अपनी सुरक्षा और रणनीतिक हितों के लिए खतरे के रूप में देखती हैं।

बाइडन और नाटो ने बार-बार कहा है कि अमेरिका और नाटो गैर-नाटो सदस्य यूक्रेन को हथियार और अन्य रक्षात्मक उपकरण के जरिये सहयोग देंगे, लेकिन वे ऐसी किसी भी कार्रवाई से बचना चाहते हैं, जिससे कीव की तरफ से आक्रामकता बढ़ने से रूस के साथ व्यापक युद्ध का जोखिम बढ़े।

अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने नौ मार्च को यूक्रेन को नाटो हवाईअड्डे के माध्यम से मिग लड़ाकू जेट विमान प्रदान करने के पोलैंड के प्रस्ताव को यह कहकर खारिज कर दिया था कि रूसी आक्रमण के खिलाफ संयुक्त प्रयास अधिक उपयोगी हथियारों पर केंद्रित होने चाहिए।

पेंटागन ने कहा था कि अमेरिका और नाटो के जरिये मिग भेजने से ‘युद्ध के और तेज होने का जोखिम बढ़ेगा।’ यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अमेरिका से अपनी सेना को अधिक विमान और उन्नत वायु-रक्षा प्रणाली प्रदान करने का अनुरोध किया है।
नाटो और अमेरिका ने रूसी वायुसेना के आक्रमण को कमजोर करने के लिए यूक्रेन के हवाई क्षेत्र को ‘नो फ्लाई जोन’ घोषित करने की जेलेंस्की की अपील को यह कहकर खारिज कर दिया है कि इससे पश्चिमी देशों की सेना का रूस के साथ सीधा टकराव होने की आशंका है।

बाइडन की इस यात्रा में बृहस्पतिवार को नाटो सदस्य देशों के नेताओं का एक शिखर सम्मेलन भी शामिल है। इस बैठक का उपयोग नाटो देश के नेता पुतिन से निपटने के लिए संगठन की अपनी रक्षात्मक क्षमता एवं रक्षा प्रणाली को तत्काल और दीर्घकालिक अवधि के लिए मजबूत करने के लिए करेंगे। नाटो के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने रविवार को ‘सीबीएस’ के ‘‘फेस द नेशन’’ को बताया कि बैठक का उद्देश्य न केवल नाटो द्वारा ‘‘यूक्रेन को समर्थन देना, बल्कि सभी नाटो सहयोगियों की रक्षा और बचाव के लिए हमारी तत्परता’’ को दिखाना है। स्टोलटेनबर्ग ने कहा, ‘‘इस संदेश के जरिए हम नाटो और रूस के बीच सीधे युद्ध की आशंका को रोकना चाहते हैं।’’

रूस, यूक्रेन पर जिस तरह मिसाइल और हवाई हमले कर रहा है, उससे बचाव के लिए गठबंधन के पूर्वी हिस्से में नाटो के सदस्य भी उन्नत अमेरिकी और ब्रिटिश वायु रक्षा प्रणालियां यूक्रेन को देने का अनुरोध कर रहे हैं। एस्टोनिया की प्रधानमंत्री, काजा कैलास ने ‘सीएनएन’ के ‘‘स्टेट आॅफ द यूनियन’’ को बताया, ‘‘हमें नाटो के अपने पूर्वी हिस्से को मजबूत करना है। हम इस बारे में वर्षों से बात कर रहे हैं, लेकिन अब कार्रवाई का समय आ गया है।’’ उन्होंने कहा कि यूरोपीय नेताओं को ‘‘यह समझना चाहिए कि यह हमारा साझा मुद्दा है और यह सैद्धांतिक चर्चा नहीं है, बल्कि हकीकत में एक मुद्दा है।’’

साकी ने पिछले सप्ताह कहा था कि बाइडन रूस पर सहयोगी देशों के प्रतिबंधों और युद्ध से विस्थापित हुए यूक्रेन के लाखों लोगों के लिए मानवीय प्रयासों पर चर्चा को लेकर यूरोपीय परिषद के शिखर सम्मेलन में भी भाग लेंगे। साकी ने कहा कि बाइडन के एजेंडे में सात देशों के समूह के नेताओं की एक बैठक में शामिल होना भी है, जिसमें रूस पर कड़े वित्तीय और आर्थिक दंड लगाने पर चर्चा की जाएगी। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पश्चिमी देशों और उसके सहयोगियों ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button