बिलासपुर: चिड़ियाघर में नर और मादा बाघ के बीच संघर्ष, मादा बाघ की मौत

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में बाघों के बीच संघर्ष में एक मादा बाघ की मौत हो गई है. बिलासपुर जिले के वन विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि यहां बाहरी इलाके में स्थित कानन पेंडारी चिड़ियाघर में सोमवार तड़के मादा बाघ चेरी (13) और नर बाघ भैरव (तीन) के बीच हुए संघर्ष में चेरी की मौत हो गई है.

चिड़ियाघर के अधीक्षक संजय लूथर ने बताया कि मादा बाघ चेरी को महाराष्ट्र के नागपुर के महाराजा बाग चिड़ियाघर से वन्य प्राणी आदान-प्रदान के तहत 22 दिसंबर 2011 को कानन पेंडारी लाया गया था. लूथर ने बताया कि रविवार शाम को चिड़ियाघर के कर्मचारियों ने जानवरों को भोजन दिया था और उस दौरान चेरी और भैरव अपने-अपने कक्ष में थे तथा तब उनके कक्षों में ताला भी लगाया गया था.

उन्होंने बताया कि सोमवार सुबह करीब नौ बजे जब चिड़ियाघर के कर्मचारी वहां पहुंचे तब मादा बाघ चेरी की मौत हो चुकी थी. उनके अनुसार जानकारी मिली है कि रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात को भैरव कुंदा तोड़कर चेरी के कक्ष में पहुंच गया जहां दोनों की लड़ाई हुई.

लूथर के मुताबिक लड़ाई के दौरान भैरव ने चेरी का गला पकड़ लिया जिससे उसका दम घुट गया और उसकी मौत हो गई. उन्होंने बताया कि घटना के बाद वन विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में चिकित्सकों के दल ने मादा बाघ के शव का पोस्टमार्टम किया एवं बाद में शव को दफना दिया गया. अधिकारी ने बताया कि पशु चिकित्सकों के दल ने मादा बाघ चेरी की मृत्यु का कारण आपसी संघर्ष में दम घुटना बताया है.

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