कर्नाटक में बजरंग बली का उद्घोष विफल होने के बाद भाजपा औरंगजेब की कब्र खोद रही है : शिवसेना(यूबीटी)

मुंबई. शिवसेना (यूबीटी) ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाया कि वह महाराष्ट्र में मुगल शासक औरंगजेब की ”कब्र खोद रही” है क्योंकि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बजरंग बली का उद्घोष करना उसके (भाजपा को) काम नहीं आया.
शिवसेना(यूबीटी) के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित एक संपादकीय में पार्टी ने कहा, ” महाराष्ट्र में औरंगजेब को दफन किए जाने को सवा तीन सौ साल हो गए हैं, लेकिन दफन कर दिए गए व्यक्ति को पुनर्जीवित करने का प्रयास महाराष्ट्र में कुछ राजनीतिक दल कर रहे हैं.” यह टिप्पणी जुलूसों में मुगल शासक के पोस्टर के खिलाफ प्रदर्शनों और भाजपा के संदर्भ में की गई है.

संपादकीय में कहा गया है कि भाजपा ने कर्नाटक में बजरंगबली का इस्तेमाल किया, लेकिन वहां विधानसभा चुनाव में उसे करारी शिकस्त मिली, यही कारण है कि औरंगजेब की कब्र खोदी जा रही. औरंगजेब महाराष्ट्र में नया राजनीतिक औजार बन गया है.
उल्लेखनीय है कि पड़ोसी राज्य कर्नाटक में भाजपा ने अपने चुनाव प्रचार अभियान में भगवान हनुमान का उद्घोष किया था, जिससे पहले कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणापत्र में वादा किया था कि साम्प्रदायिक सौहार्द्र बिगडने पर बजरंग दल जैसे संगठनों को राज्य में प्रतिबंधित कर दिया जाएगा.

कोल्हापुर में, एक आपत्तिजनक ऑडियो संदेश और 18वीं सदी के मैसूर के शासक टीपू सुल्तान की एक तस्वीर कुछ लोगों द्वारा अपने सोशल मीडिया ‘स्टेट्स’ में डाले जाने को लेकर बुधवार को दक्षिणपंथी संगठनों ने हिंसक प्रदर्शन किये थे. वहीं, अहमदनगर में, रविवार को एक जुलूस के दौरान कथित तौर पर औरंगजेब के पोस्टर रखने को लेकर चार व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

संपादकीय में, शिवसेना(यूबीटी) ने कहा कि कोल्हापुर में प्रदर्शन के लिए एकत्र हुए युवा विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल से संबद्ध थे तथा वे बाहर से आये थे. सामना में कहा गया है, ”(सोशल मीडिया) स्टेटस के रूप में औरंगजेब (की तस्वीर) रखना महज एक बहाना है. इन दो जिलों को अस्थिर करने की यह एक साजिश है.” ये दोनों जिले सहकारी क्षेत्र के महत्वपूर्ण केंद्र हैं.

उल्लेखनीय है कि मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज के खिलाफ औरंगजेब ने कई अभियान चलाये थे और उनके पुत्र छत्रपति संभाजी की जान लेने का भी आदेश दिया था. औरंगजेब को राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र के औरंगाबाद में दफनाया गया था. औरंगाबाद का नामकरण औरंगजेब के नाम पर किया गया था.

इस बीच, शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल राज्य में विभाजन पैदा कर ‘शॉर्ट कट’ उपाय के जरिये चुनाव लड़ना चाहते हैं. राउत ने संवाददाताओं से कहा, ”कुछ लोग अयातुल्ला खामेनेई (ईरान में इस्लामी क्रांति के बाद वहां के पहले सर्वोच्च नेता) जैसी राजनीति का भारत और महाराष्ट्र में सहारा ले रहे हैं.”

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