मुस्लिम आबादी में वृद्धि की गति पर भाजपा ने जताई चिंता, आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस को बनाया निशाना

नयी दिल्ली/बेगूसराय. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने देश में मुस्लिम आबादी में वृद्धि की गति पर बृहस्पतिवार को चिंता जताई और आश्चर्य जताया कि मुसलमानों को आरक्षण देने पर तुली कांग्रेस यदि सत्ता में आती है तो इससे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को मिले आरक्षण पर क्या असर पड़ेगा.

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) द्वारा हाल ही में जारी कार्य पत्र (र्विकंग पेपर) में कहा गया है कि भारत में 1950 से 2015 के बीच हिंदू आबादी का हिस्सा 7.82 प्रतिशत घटा जबकि मुसलमानों की आबादी 43.15 प्रतिशत बढ़ी है. इसमें कहा गया है कि 1950 में देश में आबादी में जैन समुदाय की हिस्सेदारी 0.45 प्रतिशत थी जो 2015 में घट कर 0.36 प्रतिशत रह गई. यह रिपोर्ट लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के मतदान से पहले आई है.

भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने इस बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, ”यह एक बहुत ही प्रसिद्ध तथ्य है, जो लगभग एक दशक से सार्वजनिक जानकारी में है. यदि आप 1951 की जनगणना को देखें तो हिंदुओं की आबादी 88 प्रतिशत और मुसलमानों की 9.5 प्रतिशत थी. वर्ष 2011 की जनगणना में हिंदुओं की आबादी 80 प्रतिशत से घटकर 79.8 प्रतिशत रह गई जबकि मुसलमानों की आबादी 14.5 प्रतिशत से अधिक हो गई.”

उन्होंने कहा, ”लेकिन सवाल यह उठता है कि अगर इस रफ्तार से देश की आबादी बढ़ती है और जिस प्रकार से कांग्रेस मुस्लिमों को आबादी के आधार पर आरक्षण देने पर तुली हुई है तो वे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी के हिस्से में कटौती करेंगे.” त्रिवेदी ने कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो मुस्लिम आबादी बढ़ने के साथ भविष्य में आरक्षण के हिस्से में बदलाव करना जारी रखेगी. उन्होंने कहा, ”इसकी अधिक संभावना है क्योंकि उनमें (मुसलमानों) में कई शादियों का चलन है.” उन्होंने कहा कि धर्मांतरण और घुसपैठ के कारण भी आरक्षण में मुसलमानों की हिस्सेदारी बढ़ती रहेगी क्योंकि उन्हें (कांग्रेस का) धर्मनिरपेक्ष कवर मिल गया है.

भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ”इसलिए यह एक बड़ा सवाल है और बड़ी चुनौती भी, जिसका उन्हें (कांग्रेस को) जवाब देना होगा.” भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि पीएमईएसी की रिपोर्ट कई सवाल उठाती है क्योंकि एक विशेष समुदाय अपनी जनसंख्या को इस तरह से बढ़ा रहा है जिससे भारत की जनसांख्यिकी के बदल जाने की संभावना है.

उन्होंने कहा, ”इससे कुछ सवाल उठते हैं जिन्हें पूछे जाने और उत्तर देने की आवश्यकता है.” उन्होंने कहा, ”मुस्लिम समुदाय में अवैध आव्रजन और धर्मांतरण के कारण कितना विकास हो रहा है?” चंद्रशेखर ने पूछा, ”अल्पसंख्यक समुदाय (मुस्लिमों) की आबादी में इस उल्लेखनीय वृद्धि का अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों और अवसरों (उपलब्ध) पर क्या प्रभाव पड़ा है? जैन, बौद्ध, सिख और ईसाई भी हैं. क्या इसके परिणामस्वरूप (मुस्लिम आबादी में वृद्धि) से इन अल्पसंख्यक समुदायों पर असर पड़ा है?”

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस समेत कुछ राजनीतिक दल संविधान को बदलने और धर्म आधारित आरक्षण लाने का बड़ा प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ”ऐसे में इसका परिणाम क्या होगा जब मुस्लिम समुदाय अपनी जनसंख्या नौ प्रतिशत से बढ़ाकर 14.5 प्रतिशत कर रहा है और कुछ राजनीतिक ताकतें हैं जो उन्हें आरक्षण देना चाहती हैं.” उन्होंने कहा, ”इसका ओबीसी, एससी और एसटी समुदायों पर क्या असर होगा जो भारत में सदियों से पीड़ित हैं और विकास से वंचित रह गए हैं.” चंद्रशेखर ने कहा कि ये सवाल पूछे जाने चाहिए और जवाब दिए जाने की जरूरत है क्योंकि ये लोग भारत के भविष्य को आकार देंगे.

कांग्रेस और उसके सहयोगी तुष्टिकरण की राजनीति कर भारत को इस्लामिक देश बनाना चाहते हैं : सिंह

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस एवं उसके सहयोगी दल भारत को इस्लामिक राज्य बनाने का प्रयास बनाना चाहते हैं. सिंह ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा, ”देश में हिंदू आबादी में तेजी से गिरावट आ रही है. देश जब आजाद हुआ तब हिंदुओं की जनसंख्या कुल जनसंख्या का 88 प्रतिशत थी. यह अब 70 प्रतिशत पर आ गयी है जबकि मुस्लिम आबादी 1947 के सात फीसदी से बढ़कर लगभग 20 प्रतिशत हो गई है.”

उन्होंने कहा, ”यह सब कांग्रेस पार्टी की तुष्टिकरण की राजनीति के कारण हुआ. कांग्रेस और उसके सहयोगी तुष्टिकरण की राजनीति के माध्यम से भारत को एक इस्लामिक राज्य बनाना चाहते हैं.” केंद्रीय मंत्री ने यह टिप्पणी पत्रकारों द्वारा प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद द्वारा किए गए एक नवीनतम खुलासे के बारे में पूछे जाने की.

उन्होंने कहा, ”यह कांग्रेस सरकार ही थी जिसने 1971 के बाद विशेष रूप से बिहार और देश के अन्य हिस्सों में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों और रोहिंग्याओं को आश्रय दिया. यह सब कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति के कारण हुआ. यहां तक कि मुसलमानों का प्रजनन दर भी हिंदुओं से लगभग 1.25 प्रतिशत अधिक है.” उन्होंने कहा, ”कांग्रेस और उसके गठबंधन सहयोगी संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन करके पिछले दरवाजे से मुसलमानों को आरक्षण देना चाहते हैं… वे धर्म के आधार पर आरक्षण को बढ़ावा दे रहे हैं. भाजपा के नेतृत्व वाला राजग ऐसा बिल्कुल नहीं होने देगा.”

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