भाजपा सरकार की नीतियां लोगों में ‘डर पैदा’ कर रही हैं : पठानकोट रैली में राहुल गांधी ने आरोप लगाया

पठानकोट. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को भाजपा नीत केन्द्र सरकार पर तीखा निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उसकी नीतियां जनता में ‘डर पैदा’ कर रही हैं. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर देश में नफरत, ंिहसा और भय का माहौल बनाने का आरोप भी लगाया.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने केन्द्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत सरकार पर नोटबंदी, ‘गलत’ माल एवं सेवा कर (जीएसटी) और सेना में भर्ती की अग्निपथ योजना को लेकर निशाना साधा. पंजाब में ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ के अंतिम दिन यहां एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा एक धर्म को दूसरे धर्म से, एक जाति को दूसरी जाति से और एक भाषा को दूसरी भाषा से लड़ाने का काम कर रही है.

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘वे (भाजपा) भय पैदा करते हैं. उनकी सभी नीतियां किसी न किसी के लिए डर का कारण बनती हैं.’’ पिछली संप्रग सरकार की नीतियों की ओर इशारा करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि उस सरकार ने मनरेगा लागू किया, कृषि ऋण माफ किया, शहरी नवीनीकरण मिशन, हरित क्रांति और श्वेत क्रांति आदि की शुरुआत की.

उन्होंने कहा, ‘‘हम जो कुछ भी करते हैं वह डर को मिटाने के लिए होता है. और वे (भाजपा) जो कुछ भी करते हैं, डर फैलाने के लिए करते हैं.’’ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘इनकी नीतियों को देखिए – किसान सुबह चार बजे उठकर कड़ी मेहनत करके देश का पेट भरते हैं. किसानों को बदले में कुछ नहीं चाहिए, उन्हें सिर्फ सम्मान चाहिए.’’

उन्होंने निरस्त किए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर केंद्र पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन, भाजपा ने इनके लिए क्या किया – वे काले कृषि कानून लाए. इन कानूनों से किसानों के मन में डर पैदा हुआ.’’ प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता ने दावा किया कि किसानों को मौसम की मार के कारण खराब हुई उनकी फसल के नुकसान का मुआवजा नहीं मिल रहा है.

राहुल गांधी ने दावा किया, ‘‘एक भी किसान ने मुझे यह नहीं बताया कि प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल खराब होने पर उन्हें बीमा मुआवजा मिला हो.’’ उन्होंने अग्निपथ रक्षा भर्ती योजना को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि इस योजना ने रक्षा बलों में शामिल होने के इच्छुक युवाओं के सपनों को चकनाचूर कर दिया है. उन्होंने कहा कि लाखों युवा सशस्त्र बलों में शामिल होने की इच्छा रखते हैं.

राहुल गांधी ने रैली में लोगों से सवाल किया, ‘‘अग्निवीर (भर्ती) योजना ने उनके डर को बढ़ाया है या कम किया है?’’ और उनके जवाब के बाद कहा, ‘‘इस योजना से उनमें डर बढ़ा है या नहीं?’’ उन्होंने पूछा, ‘‘अग्निवीर (भर्ती) योजना ने देश की सेना को मजबूत बनाया है या कमजोर किया है?’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘तीन काले (कृषि) कानूनों ने किसानों के साथ जो किया, अग्निपथ योजना भी सशस्त्र बलों के साथ वही कर रही है.’’ उन्होंने कहा कि लुधियाना लघु और मध्यम उद्योगों का केन्द्र हुआ करता था और चीन का प्रतियोगी था. वाहनों के कलपुर्जे, कपड़ा, साइकिल और खेल सामग्री में जालंधर अव्वल था, ये चीजें दुनिया भर में निर्यात होती थीं.

उन्होंने सवाल किया, ‘‘नोटबंदी से भय दूर किया या उसे बढ़ाया, गलत जीएसटी ने डर बढ़ाया या उसे कम किया (लघु और मध्यम उद्योगों में). इसलिए, जब भी वे कोई योजना लेकर आते हैं, उनका लक्ष्य भय पैदा करना और लोगों के परिश्रम का फल उनसे छीनना और भारत को बस दो-तीन अरबपतियों की जेब में डालने का होता है.’’ राहुल गांधी ने कहा कि जब समाज में भय पैदा हो जाता है, तो वहां घृणा फैलाना आसान होता है. उन्होंने कहा, जब किसानों के दिलों में डर होता है तो उसे आसानी से घृणा में बदला जा सकता है, अगर लघु और मध्यम दर्जें के उद्योगपतियों के दिलों में भय होतो उसे आसानी से घृणा में बदला जा सकता है.

भाजपा पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि उनका काम है… देश में भय पैदा करना और फिर उसे घृणा में बदलना… मुद्दों से ध्यान भटकाना और भारत के ‘तपस्वियों’ से छीनकर उसे दो-तीन अरबपतियों की जेबों में डालना है. कांग्रेस नेता ने सवाल किया, ‘‘क्यों? क्योंकि उद्योगपति उनकी (राजनीतिक) पार्टियों के लिए मार्केंिटग करते हैं. आप चौबीसों घंटों नरेंद्र मोदी का चेहरा मीडिया में देखते हैं. टीवी चालू करें और आपको नरेंद्र मोदीजी का चेहरा नजर आएगा.’’

किसानों की समस्याओं, महंगाई, उर्वरकों की कमी आदि समस्याओं को गिनाते हुए गांधी ने सवाल किया, ‘‘आपने इन मुद्दों पर मीडिया में चर्चा सुनी/देखी है या गलत जीएसटी या नोटबंदी पर देखी है.’’ राहुल गांधी ने आरोप लगाया, ‘‘जो मीडिया हाउसों को नियंत्रित करते हैं, उनका लक्ष्य यह देखना है कि भारत का ध्यान असल मुद्दों की ओर ना जाए. और वे चौबीसों घंटों ऐसा करते हैं. क्यों? क्योंकि आपकी जेब काटी जा रही है.’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘जब जेबकतरा आपका पर्स चुराता है, वह अकेला नहीं होता है और उसके साथ दो-तीन लोग होते हैं जो पीड़ित व्यक्ति का ध्यान भटकाते हैं. एक बार जब ध्यान भटक जाता है, जेबकतरा आपना काम करता है. वे ध्यान भटकाते हैं… एक जेबकतरा एक या दो हजार रुपये चुराता है, लेकिन वे इस देश की जनता से लाखों करोड़ों रुपये चुराते हैं.’’ उन्होंने कहा कि कन्याकुमारी से शुरू होकर अंतिम चरण में जम्मू-कश्मीर तक पहुंचने वाली यह यात्रा महंगाई, बेरोजगारी और घृणा के खिलाफ है, साथ ही यह देश के लोगों को जोड़ती है.

गांधी ने कहा कि लोगों ने यात्रा को प्रेम दिया है जिससे उन्हें हिम्मत मिली है. पंजाब का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि लोगों ने पदयात्रा में शामिल यात्रियों को भोजन के अलावा अन्य तमाम मदद किया. उन्होंने कहा, ‘‘आप इसे प्यार या पंजाबियत कुछ भी नाम दे सकते हैं. मैं दिल से आपको धन्यवाद देना चाहता हूं.’’ हंसी-मजाक करते हुए गांधी ने कहा कि पंजाब के लोगों से मिले प्यार से दिक्कत भी हो रही है क्योंकि अब उन्हें ‘दिल्ली के पराठे’ रास नहीं आएंगे क्योंकि उन्हें पंजाब के ‘मक्की की रोटी, सरसों का साग’ की आदत जो हो गई है.

उन्होंने कहा, ‘‘मेरी मां को मक्की की रोटी, सरसों का साग बहुत पसंद है. मैं उन्हें बताने की सोच रहा था कि उन्हें इस व्यंजन में पंजाबियत डालनी होगी.’’ पंजाब में यात्रा के दौरान पगड़ी पहनने पर गांधी ने कहा, ‘‘मैंने जानबूझ कर पगड़ी पहनी. मैं आपको आपका इतिहास बताना चाहता हूं. आपके गुरुओं द्वारा दिखाये गये रास्ते का मैं सम्मान करता हूं और उसके सामने सिर झुकाता हूं, मेरा भी वही रास्ता है.’’

रैली के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अमंिरदर सिंह राजा वंिडग, नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, हरिश चौधरी, के. सी. वेणुगोपाल और दिग्विजय सिंह सहित अन्य नेता भी उपस्थित रहे.

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