असल ‘परजीवी’ भाजपा है, कई क्षेत्रीय दलों को खा गई: जयराम रमेश
दिल्ली, हरियाणा में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन की बहुत गुंजाइश नहीं लगती: जयराम रमेश
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नयी दिल्ली. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘परजीवी’ वाली टिप्पणी को लेकर बृहस्पतिवार को उन पर पलटवार करते हुए कहा कि सही मायने में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ”परजीवी” हैं क्योंकि उसका अब तक यह इतिहास रहा है कि उसने कई क्षेत्रीय दलों को खत्म कर दिया.
उन्होंने संसद सत्र के समापन के बाद ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ बातचीत में यह भी कहा कि 18वीं लोकसभा के पहले सत्र ने दिखाया है कि ‘इंडिया’ गठबंधन के रूप में एक ”नया और आक्रामक’ विपक्ष उभरा है. रमेश ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने सत्र की शुरुआत से पहले सर्वसम्मति की बात की, लेकिन सदन के भीतर टकराव का रास्ता चुना.
उन्होंने कहा, ”18वीं लोकसभा के पहले सत्र में लोकसभा और राज्यसभा में निश्चित रूप से दो चीजें देखी गईं. ‘इंडिया’ गठबंधन के रूप में एक नया, आक्रामक, पुनर्जीवित विपक्ष सामने आया है जो लोकतंत्र में होना चाहिए. लेकिन साथ ही, हमने ‘नॉन-बायोलॉजिल प्रधानमंत्री’ के रवैये, दृष्टिकोण, व्यवहार में कोई बदलाव नहीं देखा.” कांग्रेस नेता ने दावा किया कि 2024 का चुनाव परिणाम प्रधानमंत्री मोदी के लिए एक व्यक्तिगत, राजनीतिक और नैतिक हार थी, लेकिन जिस तरह से उन्होंने संसद को संचालित करने की अनुमति दी, उससे यह प्रतिबिंबित नहीं हुआ.
रमेश ने कहा, ”उन्होंने (मोदी ने) संसद के बाहर सर्वसम्मति का आह्वान किया, लेकिन संसद के भीतर टकराव का विकल्प चुना. इस बात का कोई सबूत नहीं है कि उनके रुख में कोई बदलाव होने वाला है, लेकिन इस बात के सबूत हैं कि विपक्ष आक्रामक, सक्रिय रहने जा रहा है.” राज्यसभा सदस्य ने कहा, ”हमें उम्मीद है कि सरकार को यह एहसास होगा कि यह गठबंधन सरकार के लिए जनादेश है, यह लोगों को साथ लेकर चलने का जनादेश है और यह उन सभी दलों को सुनने का भी जनादेश है जो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं.” प्रधानमंत्री मोदी की कांग्रेस को ”परजीवी” पार्टी कहने वाली टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर, रमेश ने भाजपा पर निशाना साधा.
उनका कहना था, ”केवल एक ‘परजीवी’ ही उस शब्द का उपयोग कर सकता है. ट्रैक रिकॉर्ड देखें, कैसे क्षेत्रीय दलों को भाजपा ने खा लिया.” रमेश ने कहा, ”आज, बीजू जनता दल पूरे सत्र के दौरान राज्यसभा में ‘इंडिया’ गठबंधन के साथ खड़ा रहा. इसलिए अगर कोई परजीवी है, तो वह भाजपा है.” निचले सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर करीब 18 घंटे तक चली चर्चा का जवाब देते हुए मोदी ने कांग्रेस को ”परजीवी कांग्रेस” करार देते हुए कहा था कि वह क्षेत्रीय दलों का वोट बैंक खा जाती है.
रमेश ने यह भी कहा कि भाजपा ने लोकसभा में राहुल गांधी की हिंदू धर्म से जुड़ी टिप्पणी को तोड़ने-मरोड़ने का प्रयास किया, जबकि नेता प्रतिपक्ष ने कहा था कि भाजपा हिंदू धर्म की ठेकेदार नहीं हो सकती. उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा राहुल गांधी पर ‘बालक बुद्धि’ कहकर किए गए परोक्ष हमले के बारे में पूछे जाने पर कहा कि यह पता होना चाहिए कि ‘बालक प्रह्लाद’ ने हिरण्यकश्यप के साथ क्या किया था. कांग्रेस नेता ने यह दावा भी किया कि ‘अग्निपथ’ योजना को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में झूठ बोला, जबकि राहुल गांधी ने जो कहा उसमें सच्चाई है.
अनियंत्रित वायु प्रदूषण का संकट मोदी सरकार की विफलताओं का परिणाम: कांग्रेस
कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि देश में ‘अनियंत्रित वायु प्रदूषण’ से पैदा हुआ सार्वजनिक स्वास्थ्य का संकट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की विफलताओं का परिणाम है क्योंकि इसने भारत के लोगों के स्वास्थ्य से बढ.कर प्रधानमंत्री के मित्रों के मुनाफ.े को प्राथमिकता दी है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि भारत के 10 शहरों में हर साल वायु प्रदूषण से लगभग 34,000 मौतें हो रही हैं.
रमेश ने एक बयान में कहा, ”अनियंत्रित वायु प्रदूषण के कारण हर साल हज.ारों भारतीयों की जान जा रही है. प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल “द लांसेट प्लैनेटरी हेल्थ” में प्रकाशित एक नए अध्ययन के मुताबिक भारत में होने वाली सभी मौतों में से 7.2 प्रतिशत वायु प्रदूषण से सम्बंधित हैं. केवल 10 शहरों में हर साल लगभग 34,000 मौतें हो रही हैं.” उन्होंने कहा कि दिल्ली सबसे अधिक प्रभावित है, जहां हर साल 12,000 मौतें होती हैं तथा पुणे, चेन्नई और हैदराबाद जैसे कम प्रदूषण वाले शहरों में भी हज.ारों मौतें होती हैं. कांग्रेस नेता के अनुसार, अध्ययन में पाया गया कि पीएम 2.5 प्रदूषण का निम्न स्तर भी कई मौतों का कारण बन सकता है.
उन्होंने आरोप लगाया कि सार्वजनिक स्वास्थ्य का यह संकट ”नॉन-बायलॉजिकल प्रधानमंत्री” की सरकार की विफलताओं का प्रत्यक्ष परिणाम है, जिसने भारत के लोगों के स्वास्थ्य से बढ.कर प्रधानमंत्री के मित्रों के मुनाफ.े को प्राथमिकता दी है. रमेश ने दावा किया कि 2017 के बाद से मोदी सरकार ने कोयला आधारित बिजली संयंत्रों के लिए प्रदूषण-नियंत्रण एफजीडी उपकरण स्थापित करने की समय सीमा को लगातार बढाया है जिसके कारण हज.ारों मौतें हुई हैं तथा यह सब संयंत्र के मालिकों के लाभ के लिए हुआ है.
उन्होंने कहा, ”एलपीजी सिलेंडर की कीमतें आसमान छू रही हैं. इस वजह से आम परिवार रसोई गैस के बजाय चूल्हे पर खाना बनाने के लिए मजबूर हो रहे हैं. नतीजा घर के अंदर वायु प्रदूषण की स्थिति बदतर हो गई है.” उनका कहना है कि वायु प्रदूषण (नियंत्रण और रोकथाम) अधिनियम, 1981 में अस्तित्व में आया और राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक (एनएएक्यूएस) नवंबर, 2009 में लागू किया गया. लेकिन, पिछले दशक में वायु प्रदूषण के सार्वजनिक स्वास्थ्य परिणाम रोगों की संख्या और मृत्यु दर, दोनों ही मामले में बिलकुल स्पष्ट है. रमेश ने कहा, ”अब समय आ गया है कि अधिनियम और एनएएक्यूएस दोनों पर दोबारा गौर किया जाए और इसमें पूर्ण रूप से सुधार किया जाए.
दिल्ली, हरियाणा में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन की बहुत गुंजाइश नहीं लगती: जयराम रमेश
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बृहस्पतिवार को कहा कि दिल्ली और हरियाणा के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) के साथ गठबंधन की बहुत गुंजाइश नहीं लगती. हालांकि महाराष्ट्र एवं झारखंड के विधानसभा चुनावों में ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) बरकरार रहेगा. रमेश ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ बातचीत में यह भी कहा कि जिन राज्यों में कांग्रेस एवं सहयोगी दलों के नेता चाहेंगे वहां यह गठबंधन बरकरार रहेगा.
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक हैं. लोकसभा चुनाव में दोनों दलों ने दिल्ली एवं हरियाणा में मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन पंजाब में दोनों अलग अलग मैदान में उतरे थे. महाराष्ट्र, झारखंड, हरियाणा में इसी साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं. दिल्ली में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं.
यह पूछे जाने पर कि क्या आगामी विधानसभा चुनावों में भी ‘इंडिया’ गठबंधन बरकरार रहेगा, रमेश ने कहा, ”यह झारखंड के विधानसभा चुनाव के लिए बरकरार रहेगा, महाराष्ट् के विधानसभा चुनाव के लिए बरकरार रहेगा. पंजाब में ‘इंडिया जनबंधन’ नहीं है.” उनका कहना था कि दिल्ली में तो आम आदमी पार्टी की ओर से बयान आ गया है कि विधानसभा चुनाव के लिए ‘इंडिया जनबंधन’ नहीं होगा.
रमेश ने कहा, ”मैंने पश्चिम बंगाल के संदर्भ में कहा था कि ‘इंडिया जनबंधन’ लोकसभा चुनाव के लिए है. जिन जिन राज्यों में हमारे नेता और दूसरी पार्टियों के नेता चाहते हैं कि गठबंधन हो, वहां गठबंधन रहेगा.” उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपर) के साथ गठबंधन है तथा झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के साथ गठबंधन है.
यह पूछे जाने पर कि क्या दिल्ली और हरियाणा में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन होगा तो रमेश का कहना था, ”बहुत गुंजाइश नहीं लगती है.”