हार्दिक के त्यागपत्र में भाजपा के शब्द, अब भाजपा के आका तय करेंगे उनका अगला कदम: कांग्रेस

नयी दिल्ली/अहमदाबाद. कांग्रेस ने हार्दिक पटेल के इस्तीफे को लेकर बुधवार को आरोप लगाया कि उनके त्यागपत्र में इस्तेमाल शब्द भारतीय जनता पार्टी के हैं और अब ‘भाजपा के आका’ तय करेंगे कि हार्दिक का अगला कदम क्या होगा. पार्टी प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने यह दावा भी किया कि गुजरात में भाजपा अपने खिसकते जनाधार के कारण कांग्रेस को कमजोर करने का प्रयास कर रही है.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘गुजरात में राहुल गांधी की हालिया रैली के बाद भाजपा में डर पैदा हो गया है. उसका आधार खिसक रहा है. डरी और बौखलाई भाजपा कांग्रेस के आधार को कमजोर बनाने के लिए सिर्फ साम, दाम, दंडभेद का सहारा ही नहीं ले रही है, बल्कि निम्न स्तर पर जाकर वार कर रही है.’’ गोहिल ने दावा किया, ‘‘त्यागपत्र में जो शब्द लिखे गए हैं, उससे लगता है कि हार्दिक पटेल की अगली चाल क्या होगी, वह भाजपा के आका तय करेंगे. एक कठपुतली को जिस तरह से नचाते हैं, उसी तरह भाजपा हार्दिक पटेल की हर चाल तय करेगी.’’

कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर हार्दिक पटेल द्वारा निशाना साधे जाने पर गोहिल ने कहा, ‘‘यह कांग्रेस छोड़ने वाला का आरोप नहीं है. भाजपा लिखकर देती है, ऐसे-ऐसे आरोप लगाओ. मुंह उनका होता है और शब्द भाजपा के होते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘कुछ दिन पहले आपकी (हार्दिक की) राहुल गांधी से मुलाकात होती है. आपको कौन रोक रहा था मिलने से? कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र है. इस पर हमें नाज है. भाजपा में तो थोड़ा सा शब्द आका के खिलाफ बोला तो उसका पांव नहीं गला काटा जाता है.’’ कांग्रेस की गुजरात इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने बुधवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे गए त्यागपत्र को ट्विटर पर साझा कर यह जानकारी दी कि उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है.

‘अवसरवादी, बेईमान’ हार्दिक पिछले छह साल से भाजपा के संपर्क में थे: कांग्रेस नेताओं का आरोप

हार्दिक पटेल के कांग्रेस छोड़ने के बाद गुजरात में पार्टी के नेताओं ने बुधवार को पटेल पर निशाना साधते हुए उन्हें ‘बेईमान’ और ‘अवसरवादी’ करार दिया और आरोप लगाया कि वह पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान अपने खिलाफ दर्ज मामलों को खत्म कराने के लिए पिछले छह साल से सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संपर्क में थे.

कांग्रेस में तीन साल पहले शामिल हुए पटेल ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर गुजरात और गुजरातियों से नफरत करने का आरोप लगाते हुए बुधवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया. इस साल के राज्य विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे अपने त्याग पत्र में पटेल (28) ने कहा कि वह गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं.

इस कदम को लेकर गुजरात के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्तिंिसह गोहिल ने पटेल पर निशाना साधते हुए उन्हें व्यक्तिगत लाभ के लिए अपने पाटीदार समुदाय को धोखा देने का आरोप लगाया, जबकि कांग्रेस की गुजरात इकाई के प्रभारी रघु शर्मा ने उन पर अन्य पार्टियों के साथ ‘‘पिछले दरवाजे से समझौता’’ करने का आरोप लगाया. शर्मा ने यह भी दावा किया कि पटेल में अनुशासन की कमी थी.

शर्मा ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हार्दिक बेईमानी और धोखाधड़ी की राजनीति में लिप्त थे. कांग्रेस ने उन्हें पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के दौरान एक स्टार प्रचारक बनाया था. वह अपने भाषणों में भाजपा की आलोचना करते थे. आखिर अचानक ऐसा क्या बदल गया है? वह पिछले छह साल से अपने खिलाफ मामले वापस लेने के लिए भाजपा के संपर्क में थे.’’ शर्मा ने आरोप लगाया कि पटेल को गुजरात कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन वे पूरी प्रदेश पार्टी इकाई पर पूर्ण नियंत्रण चाहते थे.

शर्मा ने कहा, ‘‘हार्दिक परेशान थे क्योंकि ऐसी खबरें थीं कि पाटीदार नेता नरेश पटेल कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं. हार्दिक ने सोचा कि नरेश पटेल उनकी जगह ले लेंगे. मैंने देखा है कि हार्दिक में किसी भी राजनीतिक व्यवस्था में अनुशासन की कमी है. यदि आपके पास अपना निजी एजेंडा है, तो आप किसी भी व्यवस्था में टिके नहीं रह सकते.’’

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ समय से वह पार्टी पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे थे. वह चाहते थे कि हम नरेश पटेल को पार्टी में नहीं लें और केवल उनकी बात सुनें. वह राजनीतिक जमीन हासिल करने के लिए राहुल गांधी के करीब रहने की कोशिश करते थे. अब, वह नेतृत्व की आलोचना कर रहे हैं. यह दर्शाता है कि वह एक अवसरवादी हैं.’’

गोहिल ने दिल्ली में पत्रकारों से कहा, ‘‘जब एक निचली अदालत ने हार्दिक के खिलाफ दंगा मामले को वापस लेने के लिए गुजरात सरकार की याचिका को खारिज कर दिया, तो राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. इससे साबित होता है कि हार्दिक अपने खिलाफ मामले वापस लेने के लिए भाजपा के संपर्क में थे.’’ गोहिल ने कहा कि हार्दिक ने भाजपा के साथ पिछले दरवाजे से कुछ सौदे किए और भविष्यवाणी की कि हार्दिक निकट भविष्य में भाजपा में शामिल होंगे.

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