कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राशन वितरण घोटाले में शाहजहां शेख की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की

कोलकाता/बारासात. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राशन वितरण में कथित घोटाले की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के सिलसिले में, तृणमूल कांग्रेस के निलंबित नेता शाहजहां शेख की अग्रिम जमानत याचिका मंगलवार को खारिज कर दी. ईडी ने मामले में पश्चिम बंगाल के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को इससे पहले गिरफ्तार किया था. वह 2011 से 2021 तक प्रदेश सरकार में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री थे.

न्यायमूर्ति देबांगशु बासक ने शेख के वकील और ईडी की दलीलें सुनने के बाद अग्रिम जमानत की याचिका खारिज कर दी. इससे पहले, ईडी ने शेख की याचिका का विरोध किया. शेख,पांच जनवरी को ईडी के अधिकारियों की एक टीम पर भीड़ के हमले के सिलसिले में अभी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में है. यह घटना उस वक्त हुई थी, जब ईडी की टीम पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिला स्थित शेख के आवास पर तलाशी लेने गई थी. शेख को 29 फरवरी को राज्य पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उच्च न्यायालय के आदेश पर, सीबीआई ने भीड़ हमले से जुड़े मामलों की जांच अपने हाथ में ले ली.

अदालत ने शाहजहां शेख के तीन सहयोगियों को 10 दिन की सीबीआई हिरासत में भेजा

पश्चिम बंगाल के बशीरहाट की अदालत ने पांच जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम पर हमले के संबंध में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा गिरफ्तारी के बाद मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता शाहजहां शेख के तीन कथित सहयोगियों को 10 दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया.

सीबीआई ने तीनों को सोमवार को कोलकाता स्थित अपने कार्यालय में बुलाया और पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
बशीरहाट के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट इंद्रनील करमाकर की अदालत ने तीनों-दीदार बख्श मुल्ला, जियाउद्दीन मुल्ला और फारुक अकुंजी को 10 दिन के लिए सीबीआई हिरासत में भेज दिया. केंद्रीय एजेंसी ने उन्हें मंगलवार को अदालत में पेश किया और पूछताछ के लिए उनकी हिरासत का अनुरोध किया.

संदेशखाली में शेख के आवास पर सुरक्षा गार्ड दीदार बख्श मुल्ला, हमलों के बाद पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा दर्ज की गई तीन प्राथमिकी में से पहली में शिकायतकर्ता है. अधिकारियों के मुताबिक, सीबीआई ने सोमवार को मामले में पूछताछ के लिए शेख के नौ करीबी सहयोगियों को बुलाया था. एजेंसी को संदेह है कि ये नौ व्यक्ति कथित तौर पर पांच जनवरी को ईडी के अधिकारियों पर हुए हमले का हिस्सा थे और भीड़ को टीम को निशाना बनाने के लिए उकसाया था. शेख की हमले में भूमिका की जांच की जा रही है. वह 14 मार्च तक सीबीआई की हिरासत में है.

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