CBI ने गहलोत के भाई, 14 अन्य के खिलाफ खाद घोटाले के सिलसिले में मामला दर्ज किया, छापेमारी की

नयी दिल्ली. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने किसानों के लिए खाद के निर्यात और इस पर मिलने वाली सब्सिडी में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में राजस्थान के मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत और 14 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है और अग्रसेन के जोधपुर स्थित आवास एवं तीन राज्यों में 16 अन्य परिसरों पर छापेमारी की. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि सीबीआई ने प्राथमिकी में गहलोत समेत 15 व्यक्तियों और कंपनियों को आरोपी बनाया है. उन्होंने कहा कि सीबीआई के 60 से अधिक अधिकारियों ने मामले में गुजरात, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में 17 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की.
सीबीआई के अधिकारियों का एक दल छापेमारी के लिए जोधपुर के मंडोर में अग्रसेन गहलोत के आवास पर भी पहुंचा. सीबीआई ने प्राथमिकी में दीन दयाल वोहरा, अमृत लाल बंदी, बृजेश जयराम नाथ, नितिन कुमार शाह, सुनील शर्मा और प्रवीण सराफ सहित अन्य को भी आरोपी बनाया है.

इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि उन्होंने हाल में सीबीआई के निदेशक, ईडी और आयकर विभाग के अध्यक्ष से मिलने का समय मांगा था. उन्होंने कहा, ‘‘13 जून को मिलने का समय मांगा गया, 15 जून को मामला दर्ज किया गया और 17 जून को छापेमारी की गई. यह क्या तरीका है, यह समझ से परे है?’’ गहलोत ने हवाई अड्डे पर पत्रकारों से कहा, ‘‘अगर मैं दिल्ली में सक्रिय हूं या मैंने राहुल (गांधी) के आंदोलन में हिस्सा लिया है तो मेरे भाई से बदला क्यों लिया जाता है? जब 2020 में यहां हमारी सरकार में राजनीतिक संकट था, उस समय भी ईडी ने मेरे भाई के घर पर छापा मारा था.’’

धन शोधन के मामले में ईडी द्वारा राहुल गांधी से पूछताछ के खिलाफ कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए गहलोत कई दिनों तक दिल्ली में थे. अधिकारियों ने कहा कि अगर एजेंसी को मामले से संबंधित कोई नयी सामग्री मिलती है तो छापेमारी अभियान का विस्तार किया जा सकता है.

सीबीआई ने कहा है कि यह मामला पोटाश म्यूरेट (एमओपी) के आयात में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित है, जिसे पोटेशियम क्लोराइड भी कहा जाता है. इसे सरकार द्वारा दी जाने वाली लगभग 80 प्रतिशत सब्सिडी पर किसानों को वितरित किया जाना था. आरोप है कि 2007-09 के बीच किसानों के लिए मंगाए गए इस पोटाश म्यूरेट का निर्यात दक्षिण पूर्व एशियाई देशों, सऊदी अरब और अन्य बाजारों में ‘औद्योगिक सॉल्ट’ के रूप में किया गया था. सीबीआई ने आरोप लगाया कि खाद पर सरकारी सब्सिडी भी संबंधित कंपनियों के बीच फर्जी लेनदेन के माध्यम से आरोपियों को मिली.

भाई पर सीबीआई के छापों से मैं घबराने वाला नहीं: गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने भाई अग्रसेन गहलोत के निवास पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के छापे को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए शुक्रवार को कहा कि इससे वह घबराने वाले नहीं हैं और इस तरह की कार्रवाई का नुकसान अंतत: भाजपा व केंद्र सरकार को ही होगा.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा बुलाये जाने के खिलाफ कांग्रेस के आंदोलन में दिल्ली में अपनी सक्रियता की ओर इशारा करते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि उसका बदला केंद्र सरकार उनके भाई पर छापे डलवा कर ले रही है. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोंिवद ंिसह डोटासरा एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी सीबीआई की कार्रवाई को राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित बताया. सीबीआई ने भ्रष्टाचार के एक मामले में शुक्रवार को जोधपुर में अग्रसेन गहलोत के आवास पर छापेमारी की. उल्लेखनीय है कि (2020) में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने भी अग्रसेन गहलोत के यहां छापेमारी की थी.

दिल्ली से लौटने पर मुख्यमंत्री ने यहां हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा,’ मैं अगर दिल्ली में सक्रिय हूं या मैंने राहुल गांधी के इस आंदोलन में भाग लिया तो इसका बदला मेरे भाई से क्यों लिया जाता है? यहां हमारी सरकार पर संकट आता है तभी भाई के यहां ईडी की छापेमारी हुई.’ उन्होंने कहा,‘‘इसे उचित नहीं कहा जाता सकता. (लेकिन) इससे हम घबराने वाले नहीं हैं.’’ अशोक गहलोत ने कहा कि उनके भाई अग्रसेन गहलोत का ‘राजनीति से कोई लेना देना नहीं’ है और उनके परिवार में कोई सदस्य राजनीति में नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘‘ समझ के परे है कि पहले आपने (उनके यहां) ईडी के छापे मारे, अब सीबीआई के छापे पड़ रहे हैं. इसे देश की जनता भी पसंद नहीं करती. धीरे धीरे नुकसान भाजपा एवं इस केंद्र सरकार को ही है . ये जितने ज्यादा देश में लोगों को तंग करेंगे उतना ज्यादा ही उल्टा असर उनपर होगा.’’ वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने तो हाल ही में सीबीआई निदेशक, ईडी के निदेशक एवं आयकर विभाग के चेयरमैन से मिलने का समय मांगा था. उन्होंने कहा,‘‘13 जून को समय मांगा, 15 को मुकदमा दर्ज हुआ और 17 को छापे पड़ गए. यह क्या रवैया है यह समझ से परे हैं.’’ अशोक गहलोत ने कहा कि वह एक बार इन एजेंसियों के प्रमुखों से मिलने का समय मांगेंगे ताकि एक नागरिक के रूप में उन्हें बता सकें कि ‘देश में आपके बारे में क्या राय बनी हुई है, क्यों बनी हुई है.’

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