कंप्यूटर आयात लाइसेंस मानदंडों में बदलाव ‘पहले करो, फिर सोचो’ का एक और उदाहरण: कांग्रेस

नयी दिल्ली. कांग्रेस ने लैपटॉप और कंप्यूटर जैसे आईटी हार्डवेयर उत्पादों के आयात के लिए लाइसेंसिंग मानदंडों में बदलाव किए जाने को लेकर शुक्रवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि यह उसके ‘पहले करो, फिर सोचो’ दृष्टिकोण का एक और उदाहरण है.
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”यह मोदी सरकार के ‘फास्ट-फर्स्ट एक्ट, आफ्टर थिंक (पहले करो, फिर सोचो) दृष्टिकोण का एक और उदाहरण है. 3 अगस्त, 2023 को लैपटॉप और टैबलेट जैसे इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के आयात के लिए अनिवार्य लाइसेंसिंग प्रणाली की घोषणा की गई. इस घोषणा की व्यापक और उचित आलोचना की गई.”

उन्होंने कहा, ”4 अगस्त, 2023 को सरकार ने तीन महीने की लंबी संक्रमणकालीन व्यवस्था शुरू करके लाइसेंसिंग प्रणाली को स्थगित कर दिया. 13 अक्टूबर, 2023 को लैपटॉप आयात प्रतिबंधों को पूरी तरह से हटाने की घोषणा की गई.” रमेश ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा, ”यही सिलसिला चल रहा है. पहले घोषणा करें, फिर स्थगित करें, फिर वापस लें.” सरकार ने लैपटॉप और कंप्यूटर जैसे आईटी हार्डवेयर उत्पादों के आयात के लिए जटिल लाइसेंसिंग मानदंडों में बदलाव किया है. अब ऐसे उत्पादों के आयातकों के लिए एक ऑनलाइन मंजूरी प्रणाली स्थापित की गई है.

विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) संतोष कुमार सारंगी ने बृहस्पतिवार को यहां संवाददाताओं से कहा, “नयी लाइसेंसिंग या मंजूरी व्यवस्था का उद्देश्य मुख्य रूप से इन उत्पादों के आयात की निगरानी करना है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे विश्वसनीय स्रोतों से आ रहे हैं. यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू होगी.”

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