छत्तीसगढ़: चुनाव प्रचार के दौरान ‘अकबर’ संबंधी टिप्पणियों के लिए असम के मुख्यमंत्री को ईसी का नोटिस

नयी दिल्ली/महासमुंद. निर्वाचन आयोग (ईसी) ने छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान पिछले सप्ताह राज्य के इकलौते मुस्लिम मंत्री मोहम्मद अकबर को निशाना बनाकर की गई टिप्पणियों के लिए असम के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता हिमंत विश्व शर्मा को बृहस्पतिवार को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया. आयोग ने शर्मा को नोटिस के जवाब के लिए 30 अक्टूबर को शाम पांच बजे तक का समय दिया है.

शर्मा ने 18 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के कवर्धा में अपने भाषण के दौरान अकबर पर निशाना साधते हुए कहा था, ह्लयदि अकबर को नहीं हटाया गया तो माता कौशल्या की भूमि अपवित्र हो जाएगी.ह्व उन्होंने कहा था, ह्लएक अकबर कहीं आता है तो 100 अकबर बुलाता है. अत: जितनी जल्दी हो सके उसे विदा करो, अन्यथा माता कौशल्या की भूमि अपवित्र हो जायेगी.ह्व माना जाता है कि भगवान राम की मां कौशल्या आधुनिक समय के छत्तीसगढ़ की रहने वाली थीं.

निर्वाचन आयोग ने उन्हें नोटिस जारी करते हुए चुनाव आचार संहिता के एक प्रावधान की याद दिलाई है, जिसमें कहा गया है, “कोई भी पार्टी या उम्मीदवार किसी भी ऐसी गतिविधि में शामिल नहीं होगा जो मौजूदा मतभेदों को बढ़ा सकती हो, आपसी नफरत पैदा कर सकती हो, या विभिन्न जातियों व समुदायों, धर्मों या भाषाओं के आधार पर तनाव पैदा कर सकती हो.” छत्तीसगढ़ की 90-सदस्यीय विधानसभा के चुनाव के लिए सात और 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा.

बघेल ने राज्य में धर्म परिवर्तन का बाजार खोल दिया : शर्मा

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बृहस्पतिवार को छत्तीसगढ. के अपने समकक्ष भूपेश बघेल पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने सनातन धर्म को कमजोर करने के लिए राज्य में धर्म परिवर्तन का बाजार खोल दिया है. राज्य के महासमुंद शहर में एक रैली को संबोधित करते हुए शर्मा ने लोगों से छत्तीसगढ. में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चुनने का आग्रह किया ताकि डबल इंजन सरकार राज्य के विकास के लिए काम कर सके. उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि वह कभी भी अयोध्या में राम मंदिर नहीं जाते.

यह रैली महासमुंद जिले के चार निर्वाचन क्षेत्रों- महासमुंद, खल्लारी, बसना और सरायपाली से भाजपा उम्मीदवारों के नामांकन दाखिल करने से पहले आयोजित की गई थी. शर्मा ने कहा ह्लहमें एक बार सोचना होगा कि आखिर भूपेश बघेल सरकार ने राज्य को किस स्थिति में धकेल दिया है. राज्य में धर्म परिवर्तन हो रहा है. राज्य के हर हिस्से में आदिवासियों का धर्मांतरण कराने की साजिश चल रही है. सनातन पर हमला किया जा रहा है.”

असम के मुख्यमंत्री ने कहा, ”हमें सोचना चाहिए कि कांग्रेस ने पांच साल में क्या दिया. क्या उन्होंने (बघेल) पांच साल में कोई विश्वविद्यालय खोला? असम में हर जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की गई है. राज्य में (छत्तीसगढ. में) कोई बुनियादी परिवर्तन नहीं हुआ है.” उन्होंने कहा, ”बघेल हर बार नाटक करते हैं और उन्होंने सनातन धर्म को कमजोर करने के लिए धर्म परिवर्तन का एक बड़ा बाजार खोला है.” कांग्रेस पर निशाना साधते हुए शर्मा ने कहा कि आजादी के 75 साल हो गए और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आखिरकार (अयोध्या में) राम मंदिर का निर्माण कराया.

उन्होंने सवाल किया, ”कांग्रेस ने इसका निर्माण क्यों नहीं कराया. केंद्र में कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों ने राम मंदिर क्यों नहीं बनाया और प्रधानमंत्री मोदी का इंतजार क्यों किया. ऐसा इसलिए है क्योंकि कांग्रेस की भगवान राम के प्रति कोई भक्ति नहीं है और उसके नेताओं ने हमेशा बाबर की पूजा की है.”

शर्मा ने कहा, ”मैंने पिछले 3-4 वर्षों में कभी किसी कांग्रेस नेता को राम मंदिर जाते नहीं देखा. राहुल गांधी चुनाव के दौरान मंदिर जाते हैं लेकिन राम मंदिर (अयोध्या में) नहीं जाते.” उन्होंने किसानों की कर्जमाफी के वादे को लेकर छत्तीसगढ. की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस ने पिछले चुनाव में भी यही वादा किया था, लेकिन इसे पूरी तरह से पूरा नहीं किया. शर्मा ने कहा, ”प्रदेश में किसानों को कर्ज क्यों लेना पड़ा, क्योंकि उनके बच्चों के पास नौकरी नहीं है. बघेल सरकार को रोजगार सृजन के लिए काम करना चाहिए था.” राज्य की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान दो चरणों में सात और 17 नवंबर को होने हैं.

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