छत्तीसगढ़ के गोधन न्याय योजना को मिला राष्ट्रीय एलेट्स इनोवेशन अवार्ड

रायपुर. छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना को राष्ट्रीय स्तर पर एलेट्स एनोवेशन अवार्ड (Elets Innovations Award) से सम्मानित किया गया है. एलेट्स आत्म निर्भर भारत समिट में छत्तीसगढ़ राज्य को कृषि में इनोवेशन केटेगरी में यह अवार्ड प्रदान किया गया. नई दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय एलेट्स आत्म निर्भर भारत समिट में आज 19 अप्रैल को एलेट्स टेक्नोमीडिया प्राईवेट लिमिटेड के संस्थापक, सीईओ एवं एडीटर इन चीफ डॉ. रवि गुप्ता एवं टेक्सटाइल मंत्रालय भारत सरकार के सचिव यू.पी. सिंह ने संयुक्त रूप से यह अवार्ड प्रदान किया गया.

सचिव एवं राज्य नोडल अधिकारी छत्तीसगढ़ की ओर से यह अवार्ड संयुक्त संचालक आर.एल. खरे ने प्राप्त किया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने इस शानदार उपलब्धि के लिए प्रदेशवासियों, कृषि विकास, कृषक कल्याण और जैव प्रौद्योगिकी विभाग, गोधन न्याय मिशन के अधिकारियों-कर्मचारियों, गौठान समितियों एवं स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं.

यह यहां उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना को इससे पूर्व पर्यावरण संरक्षण और सतत् विकास में उत्कृष्ट योगदान के लिए ’स्कॉच गोल्ड अवार्ड’ मिल चुका है. स्कॉच ग्रुप द्वारा छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना को 20 मार्च 2021 को नई दिल्ली में यह अवार्ड प्रदान किया गया था. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर 20 जुलाई 2020 हरेली पर्व से छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना प्रारंभ की गई. इस योजना में पशुपालकों और ग्रामीणों से 2 रूपए प्रति किलो की दर पर गोबर खरीदी की जा रही है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों और कृषि विभाग के अधिकारियों तथा कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना न सिर्फ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रही है, अपितु अवार्डस् के माध्यम से इस योजना को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता भी मिल रही है.

एलेट्स आत्म निर्भर भारत समिट को सम्बोधित करते हुए गोधन न्याय योजना के संयुक्त संचालक आर.एस. खरे ने कहा कि मात्र 20 माह की अवधि में इस योजना की खूबियों और लाभ ने देश- दुनिया का ध्यान छत्तीसगढ़ की ओर खींचा है. गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सोच और उनकी ही पहल का परिणाम है. मुख्यमंत्री जी, जो स्वयं किसान हैं और बचपन से ही खेती किसानी उनकी रुचि रही है. खेती को समृद्ध और किसानों को खुशहाल कैसे बनाया जाए? यह उनकी सोच रही है. इसी का परिणाम है कि छत्तीसगढ़ राज्य में बीते 3 सालों में खेती-किसानी के क्षेत्र में कई अभिनव प्रयोग और बदलाव हुए हैं.

छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी नीतियों और कार्यक्रमों के चलते खेती-किसानी समृद्ध हुई है और किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर हो रही है. पशुधन संरक्षण और संवर्धन फसल एवं पर्यावरण की सुरक्षा, छुट्टा पशुओं पर नियंत्रण, गोबर विक्रय से ग्रामीणों एवं पशुपालकों को आय, वर्मी कंपोस्ट और सुपर कंपोस्ट एवं अन्य उत्पाद से महिला स्व सहायता समूहों को रोजगार एवं आय का जरिया तथा जैविक खेती को प्रोत्साहन मिला है. वर्मी कंपोस्ट और सुपर कंपोस्ट खाद के उपयोग से खाद्यान्न की गुणवत्ता एवं भूमि की उर्वरा शक्ति में सुधार और खेती की लागत में कमी आ रही है. इस योजना से डेयरी एवं पशुपालन को बढ़ावा मिलने के साथ ही दुग्ध उत्पादन में भी वृद्धि होने लगी है.

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