अक्षय कुमार अभिनीत विज्ञापन को लेकर विवाद, दहेज प्रथा को बढ़ावा देने का लगा आरोप

मुंबई. अभिनेता अक्षय कुमार अभिनीत सड़क सुरक्षा से जुड़ा जनहित का एक विज्ञापन विवादों में आ गया है और आलोचकों ने इसमें दहेज प्रथा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. एक मिनट के इस विज्ञापन में ‘विदाई’ की रस्म को फिल्मांकित किया गया है. विज्ञापन में दिख रहा है कि रोती हुई दुल्हन कार में बैठती है और पिता भी उसे विदा करते हुए रोता दिख रहा है. तभी पुलिस कर्मी की भूमिका में नजर आ रहे अक्षय कुमार हस्तक्षेप करते हुए दुल्हन के भावुक पिता से कहते हैं कि वह अपनी बेटी को मौजूदा दो एयरबैग वाले वाहन के बजाए छह एयरबैग वाले में विदा करें, जिस पर पिता सहमत हो जाता है.

अगले दृश्य में नवदंपति मुस्कुराते हुए छह एयरबैग वाली कार में सवार होकर विदा होता दिख रहा है. शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी और तृणमूल कांग्रेस नेता साकेत गोखले उन नेताओं में हैं जिन्होंने इस जनहित विज्ञापन की आलोचना की है. यह विज्ञापन टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष साइरस मिस्त्री की इस महीने की शुरुआत में कार हादसे में हुई मौत के बाद सोशल मीडिया पर जारी किया गया है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने छह एयरबैग वाले वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए इस विज्ञापन को ट्विटर पर साझा किया है.

मंत्रालय के प्रवक्ता से इस मामले पर प्रतिक्रिया के लिए तत्काल संपर्क नहीं हो सका. हालांकि, घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले करीबी सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि यह विज्ञापन दहेज की बात नहीं करता. अक्षय कुमार के प्रतिनिधि से भी ‘पीटीआई-भाषा’ ने संपर्क किया, लेकिन उन्होंने आधिकारिक रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. चतुर्वेदी ने रविवार को ट्वीट किया था, ‘‘ यह समस्या वाला विज्ञापन है. इसे किसने अनुमति दी? क्या सरकार धन का इस्तेमाल इस विज्ञापन में कार की सुरक्षा पहलु को प्रोस्ताहित करने के लिए कर रही है या दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराई और अपराध को बढ़ावा देने के लिए.’’

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