अदालत ने ईडी को तमिलनाडु के मंत्री बालाजी की आठ दिन की हिरासत की मंजूरी दी

राज्यपाल ने सेंथिल बालाजी के विभाग दूसरे मंत्रियों को दिये, कैबिनेट में उनके रहने का किया विरोध

चेन्नई. तमिलनाडु में चेन्नई की एक अदालत ने शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को तमिलनाडु के मंत्री वी. सेंथिल बालाजी की आठ दिन की हिरासत की मंजूरी दी. बालाजी को ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 14 जून को गिरफ्तार किया था.

बालाजी के वकील ए. सरवनन ने कहा कि अदालत ने ईडी को स्पष्ट कर दिया है कि बालाजी को उस अस्पताल से बाहर नहीं भेजा जा सकता है जहां उनका हृदय से संबंधित इलाज जारी है. द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नेता बालाजी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये अदालत में पेश हुए.

सरवनन ने संवाददाताओं से कहा कि अदालत ने ईडी को बालाजी की आठ दिन की हिरासत की मंजूरी दे दी और एजेंसी को बताया कि उन्हें कावेरी अस्पताल से बाहर नहीं स्थानांतरित किया जायेगा, जहां उनका अभी इलाज किया जा रहा है. अदालत को सूचित किया गया कि बालाजी की बाइपास सर्जरी ”3-5 दिन” में होने वाली है. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिवक्ताओं के साथ विचार-विमर्श के बाद विस्तृत कार्रवाई की जायेगी.

गौरतलब है कि बालाजी को ईडी ने बुधवार को जयललिता के नेतृत्व वाली अन्नाद्रमुक सरकार में कथित ‘नौकरी के बदले नकदी’ घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था. बालाजी पहले अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) से जुड़े हुए थे. वह तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की सरकार में परिवहन मंत्री थे.

राज्यपाल ने सेंथिल बालाजी के विभाग दूसरे मंत्रियों को दिये, कैबिनेट में उनके रहने का किया विरोध

तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री एम के स्टालिन की सिफारिश पर वी सेंथिल बालाजी द्वारा संभाले जा रहे विभागों को राज्य सरकार के दूसरे मंत्रियों को आवंटित कर दिया और बालाजी के मंत्रिमंडल में बने रहने पर ”सहमति नहीं जताई”. राज भवन ने यह जानकारी दी.

सेंथिल बालाजी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया था.
राज भवन की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि बालाजी अब बिना मंत्रालय के मंत्री हैं, वहीं रवि ने स्टालिन के मंत्रिमंडल में उनके बने रहने का विरोध किया है क्योंकि वह आपराधिक कार्यवाही का सामना कर रहे हैं. इसमें कहा गया कि रवि ने टी वी सेंथिल बालाजी के मंत्रिपरिषद के सदस्य रहने पर सहमति नहीं जताई है क्योंकि वह इस समय न्यायिक हिरासत में हैं.

विज्ञप्ति के अनुसार स्टालिन की सिफारिश पर बालाजी द्वारा अब तक संभाले जा रहे बिजली, गैर-परंपरागत ऊर्जा विभाग वित्त मंत्री थंगम थेनारसु को आवंटित किये गये हैं. बालाजी के अधीन संचालित मद्य निषेध और आबकारी विभाग अब आवास और शहरी विकास मंत्री एस मुथुस्वामी संभालेंगे. थेनारसु और मुथुस्वामी अपने मौजूदा विभागों के साथ नये विभागों की जिम्मेदारी संभालेंगे. सत्तारूढ. द्रमुक ने एक दिन पहले आरोप लगाया था कि राज्यपाल रवि मुख्यमंत्री स्टालिन की सिफारिश को स्वीकार नहीं कर रहे हैं.

बालाजी की गिरफ्तारी से घबरा गये हैं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री: पलानीस्वामी, द्रमुक ने किया पलटवार

अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के महासचिव के पलानीस्वामी के शुक्रवार को दावा किया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी से मुख्यमंत्री एम के स्टालिन घबराये हुए लग रहे हैं जिस पर सत्तारूढ. सत्तारूढ द्रविड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. पलानीस्वामी ने आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा कि क्या स्टालिन ने तब भी इतनी चिंता दिखायी थी जब उनकी बहन कनिमोई को 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने सवाल किया कि मुख्यमंत्री और राज्य के मंत्री भी बालाजी के लिए इतनी चिंता क्यों दिखा रहे हैं? पलानीस्वामी ने अन्नाद्रमुक की ट्विटर साइट पर डाले एक वीडियो में कहा है, ”

मुख्यमंत्री इतने परेशान क्यों हैं? बालाजी ने ईडी अधिकारियों के साथ सहयोग नहीं किया, जैसा कि उन्होंने आश्वासन दिया था…. जिन लोगों ने वोट देकर द्रमुक को सत्ता में पहुंचाया, उनके बारे में सोचने के बजाय मुख्यमंत्री को सेंथिल बालाजी की चिंता है.” करीब 14 मिनट के अपने वीडियो में वह यह सवाल करते हुए सुने जा सकते हैं कि क्या स्टालिन को आशंका है कि बालाजी ईडी के सामने सारी पोल-पट्टी खोल देंगे.

विधानसभा में विपक्ष के नेता पलानीस्वामी ने पूछा, ” क्या उन्हें डर है क्योंकि कुछ ऐसा तो है जो छिपाने लायक है. ” उन्होंने कहा कि द्रमुक सदस्यों के विपरीत अन्नाद्रमुक को कोई डर नहीं है क्योंकि उसके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है. उन्होंने कहा कि द्रमुक को अदालत में ईडी मामले का सामना करना चाहिए और पाक-साफ होकर सामने आना चाहिए. उन्होंने यह भी दावा किया कि द्रमुक के संगठन सचिव आर एस भारती ने 4000 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार मामला वापस ले लिया जो द्रमुक नेता ने उनके विरूद्ध शुरू किया था.

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