‘नोटा’ के जीतने पर नए सिरे से चुनाव कराने की याचिका पर न्यायालय ने आयोग से जवाब मांगा

नयी दिल्ली. आम चुनाव के बीच उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को उस जनहित याचिका पर निर्वाचन आयोग से जवाब देने को कहा जिसमें ‘नोटा’ (इनमें से कोई नहीं) के विकल्प को अन्य उम्मीदवारों से अधिक वोट मिलने पर चुनाव रद्द करने और नए सिरे से मतदान कराने के लिए नियम बनाने का अनुरोध किया गया है.

शीर्ष अदालत ने लेखक, सामाजिक कार्यकर्ता शिव खेड़ा की एक जनहित याचिका पर निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया.
शीर्ष अदालत के 2013 के एक फैसले के अनुरूप मतदाताओं को चुनाव में किसी भी उम्मीदवार को नहीं चुनने का अपना रुख जताने के लिए ‘नोटा’ का विकल्प दिया जाता है. प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला तथा न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने खेड़ा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन की दलीलों पर संज्ञान लिया और नोटिस जारी किया.

शुरुआत में पीठ ने जनहित याचिका पर विचार करने से यह कहते हुए अनिच्छा जताई कि इस बारे में निर्णय कार्यपालिका को करना है.
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ”हम नोटिस जारी करेंगे. यह चुनाव प्रक्रिया के बारे में भी है. देखते हैं कि निर्वाचन आयोग को क्या कहना है.” वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि गुजरात के सूरत में हुए घटनाक्रम को देखते हुए यह याचिका महत्वपूर्ण है जहां मतदान से पहले ही भाजपा के उम्मीदवार को विजयी घोषित कर दिया गया क्योंकि कुछ नामांकन पत्र खारिज कर दिए गए और कुछ ने नाम वापस ले लिया.

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