कृष्ण जन्मभूमि मामले में अस्थाई निषेधाज्ञा की अर्जी पर चार माह में निर्णय करे अदालत

प्रयागराज. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि के संबंध में विवाद के मामले में संबंधित अदालत को अस्थाई निषेधाज्ञा के आवेदन और अन्य आवेदन पर चार महीने के भीतर निर्णय करने का बृहस्पतिवार को निर्देश दिया. यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय द्वारा भगवान श्री कृष्ण विराजमान एवं अन्य द्वारा दायर याचिका पर पारित किया गया.

याचिकाकर्ता के वकील की दलील सुनने के बाद अदालत ने कहा, ‘‘वर्तमान याचिका में याचिकाकर्ता की शिकायत यह है कि नागरिक प्रक्रिया संहिता, 1908 के आदेश 39, नियम-1 और 2 और आदेश 4-ए, नियम-1 के तहत उसके आवदेन पर निचली अदालत- सिविल जज, मथुरा द्वारा सुनवाई नहीं की जा रही है.’’

अदालत ने कहा, ‘‘सिविल जज (सीनियर डिवीजन), मथुरा को निर्देशित किया जाता है कि वह उक्त आवेदनों पर तेजी से विशेषकर इस आदेश की प्रमाणित प्रति की प्राप्ति की तिथि से चार महीने के भीतर और प्रभावित पक्षों को सुनवाई का अवसर देकर निर्णय करे बशर्ते उक्त आवेदनों के निर्णय में कोई कानूनी अड़चन ना हो.’’ हालांकि, ‘‘उक्त टिप्पणी करते हुए अदालत ने यह स्पष्ट किया कि यहां यह बात स्पष्ट की जाती है कि इस अदालत ने इस मामले की विचारणीयता या याचिकाकर्ता द्वारा किए गए दावे में कितना दम है, इस पर कोई राय व्यक्त नहीं की है.’’

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