चक्रवात ‘मोंथा’ : ओडिशा में दक्षिणी जिलों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना जारी

भुवनेश्वर. बंगाल की खाड़ी में बने गहरे दबाव के क्षेत्र के सोमवार को चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ में तब्दील हो जाने के कारण ओडिशा में ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया जिसके मद्देनजर आठ दक्षिणी जिलों में हल्की बारिश के बीच राज्य सरकार संवदेनशील स्थानों से लोगों को निकाल रही है.

ओडिशा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा कि अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा दीदी और अन्य लोग संवेदनशील क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए समझा रहे हैं. मंत्री ने कहा कि निकासी अभियान में गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों, दिव्यांग व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जा रही है और बारिश एवं हवा की तीव्रता ब­ढ़ने से पूर्व यह प्रक्रिया सोमवार शाम पांच बजे तक पूरी हो जाएगी.

कुछ लोगों के राहत केंद्रों में जाने से हिचकिचाने पर पुजारी ने कहा कि जब वे चक्रवात केंद्रों में शरण लेंगे तो पुलिस उनके घरों की सुरक्षा करेगी. उन्होंने कहा कि चक्रवात आश्रय स्थलों पर लोगों के लिए भोजन, दवा, रोशनी सहित सभी व्यवस्थाएं की गई हैं और पालतू पशुओं की भी देखभाल की जा रही है.

पुजारी ने कहा कि अब तक राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल (ओडीआरएएफ), ओडिशा अग्निशमन सेवा और अन्य की 128 बचाव टीमें (5,000 से अधिक कर्मी) आठ संवेदनशील जिलों मलकानगिरी, कोरापुट, नबरंगपुर, रायग­ढ़ा, गजपति, गंजम, कालाहांडी और कंधमाल में तैनात की जा चुकी हैं. मंत्री ने कहा कि इन आठ जिलों के लिए अत्यधिक भारी वर्षा और तेज हवाओं (80 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति) का पूर्वानुमान लगाते हुए ‘रेड वॉर्निंग’ (कार्रवाई करें) जारी की गई है.

उन्होंन कहा कि राज्य सरकार ने ‘सभी की सुरक्षा’ के लक्ष्य के साथ मनुष्यों और पशुओं को बचाने के लिए सभी प्रबंध किए हैं. उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों विशेषकर गजपति, कोरापुट और मलकानगिरी जिलों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जहां भूस्खलन की आशंका है.

पुजारी ने कहा कि बारिश सोमवार को शुरू होगी, लेकिन 28 और 29 अक्टूबर को बारिश और हवा की तीव्रता ब­ढ़ जाएगी. उन्होंने कहा कि चक्रवात ‘मोंथा’ के प्रभाव के कारण मलकानगिरी, कोरापुट, नबरंगपुर, गजपति और गंजम जिलों से चक्रवात से पहले हल्की बारिश की खबरें आई हैं. चक्रवात ‘मोंथा’ 18 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पूर्वी तट की ओर ब­ढ़ रहा है. थाई भाषा में ‘मोंथा’ का अर्थ सुगंधित फूल या सुंदर फूल होता है.

मंत्री ने बताया कि यह तूफान विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश) से 600 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व में तथा गोपालपुर (ओडिशा) से 750 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है. उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिलों को निर्देश दिया गया है कि वे बचाव कार्यों के लिए र्किमयों और मशीनरी के साथ तैयार रहें.

पुजारी ने कहा कि राज्य सरकार भारतीय तटरक्षक बल के संपर्क में है और ज.रूरत पड़ने पर उनकी हेलिकॉप्टर सेवा की भी मदद ले सकती है. उन्होंने कहा, ”हमारे विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) डी. के. सिंह भारतीय तटरक्षक बल के संपर्क में हैं.” एसआरसी ने बताया कि आसन्न आपदा के मद्देनजर आठ दक्षिणी जिलों में सभी स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र 30 अक्टूबर तक बंद कर दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि अस्पतालों और पेयजल आपूर्ति इकाइयों जैसे सभी महत्वपूर्ण संस्थानों में बिजली बैकअप की व्यवस्था भी कर दी गई है. मौसम विभाग ने मछुआरों को 29 अक्टूबर तक समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अपराह्न एक बजकर 45 मिनट के अपने बुलेटिन में कहा, ”बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम और आसपास के क्षेत्रों में चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ पिछले छह घंटों के दौरान 18 किमी प्रति घंटे की गति से आगे ब­ढ़ा और सोमवार सुबह 8:30 बजे यह काकीनाडा (आंध्र प्रदेश) से लगभग 570 किमी दूर, विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश) से 600 किमी दक्षिण-दक्षिणपूर्व और गोपालपुर (ओडिशा) से 750 किमी दक्षिण में केंद्रित था.” आईएमडी ने कहा कि यह बंगाल की खाड़ी के ऊपर उत्तर-उत्तरपश्चिम की ओर ब­ढ़ना जारी रख सकता है. इसके बाद 28 अक्टूबर की सुबह तक यह एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल सकता है.

उसने कहा, ”उत्तर-उत्तरपश्चिम की ओर आगे ब­ढ़ते हुए इसके 28 अक्टूबर की शाम/रात के दौरान काकीनाडा के आसपास मछलीपत्तनम और कलिंगपत्तनम के बीच एक गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में आंध्र प्रदेश तट को पार करने की बहुत संभावना है, जिसकी हवा की गति 90-100 किमी प्रति घंटा से ब­ढ़कर 110 किमी प्रति घंटा हो सकती है.”

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