विरोध प्रदर्शनों के बीच सामान्य जनजीवन की ओर लौट रहा है ढाका

ढाका. मेट्रो सेवाएं फिर से शुरू होने, बसों और टैक्सियों के सड़कों पर सामान्य रूप से दौड़ने और विश्वविद्यालय के छात्रों के ऐतिहासिक कर्जन हॉल के बगीचों में बेफिक्र होकर शाम की सैर करने के साथ ही ऐसा लगता है कि ढाका में जनजीवन सामान्य हो रहा है. कारोबार बहाल हो गया है लेकिन बांग्लादेश की राजधानी ढाका में कारोबार पहले की तरह सामान्य नहीं है.

तीन सप्ताह पहले तक राजधानी की सड़कें सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों से भरी हुई थीं, कई सार्वजनिक चौराहों पर आंदोलनकारी जनता मौजूद थी और यह आंदोलन पांच अगस्त को नाटकीय रूप से चरम पर पहुंच गया जब शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार का पतन हो गया और वह देश छोड़कर भारत चली गयीं. विरोध की लहर कम हो गई है और आठ अगस्त से अंतरिम सरकार अस्तित्व में है, लेकिन ढाका की कई सड़कों पर विद्रोह अब भी देखने को मिलता है.

पिछले कुछ दिनों में, कई सरकारी कर्मचारियों ने सरकारी सचिवालय में समूहों में विरोध प्रदर्शन किया है जबकि कुछ प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों को रखने के लिए प्रसिद्ध अहसान मंजिल और अन्य क्षेत्रों के पास सड़कों पर मार्च किया है. ढाका विश्वविद्यालय के कई छात्र विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव कराने और परिसर में “कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं” करने की मांग के लिए शिक्षक छात्र केंद्र (टीएससी) के सामने राजू मेमोरियल पर नियमित रूप से अपनी आवाज उठा रहे हैं.

इस सप्ताह की शुरुआत में विश्वविद्यालय के एक विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले लोक प्रशासन विषय के एक छात्र इब्राहिम महमूद ने आरोप लगाया कि अपदस्थ अवामी लीग की छात्र इकाई ‘छात्र लीग’ के सदस्य परिसर में कई साथी छात्रों को “परेशान” करते थे.
उसने राजू मेमोरियल पर प्रदर्शन स्थल से इतर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”हमने अपनी ‘दूसरी आजादी’ हासिल की है, इस बार अवामी लीग की मनमानी और उसके बुरे प्रभाव से.” बांग्लादेश में अभूतपूर्व सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान एक महीने तक यात्रियी सेवा बंद रखने के बाद ढाका मेट्रो ने अपनी सेवाएं रविवार को फिर से शुरू कर दीं.

एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, दो स्टेशन – मीरपुर 10 और काजीपाड़ा – बंद रहेंगे. सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान इन दो स्टेशन पर तोड़फोड़ की गयी थी. मेट्रो सेवा बहाली से छात्रों और कार्यालय जाने वालों लोगों ने राहत की सांस ली क्योंकि उन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए रोजाना ढाका के भारी यातायात जाम से जूझना पड़ता था.

हालांकि, बांग्लादेश नेशनल पार्टी (बीएनपी) के शीर्ष नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री अब्दुल मोईन खान, जो आलीशान गुलशन इलाके में रहते हैं, को लगता है कि पांच अगस्त के तुरंत बाद शहर में ”काफी हद तक जनजीवन सामान्य हो गया था.” खान ने बृहस्पतिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”वर्तमान स्थिति बिल्कुल स्पष्ट है. यह आश्चर्यजनक है कि इतने बड़े उथल-पुथल के बाद देश कैसे सामान्य स्थिति की ओर लौट रहा है. लोग अपनी सामान्य दिनचर्या की तरफ लौटने की कोशिश कर रहे हैं, (अंतरिम) सरकार सब कुछ सामान्य करने की कोशिश कर रही है, और वे निरंकुशता से लोकतंत्र में परिवर्तन के अपने मुख्य जनादेश पर कायम हैं.”

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