प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में धामी सरकार हमारे पूर्वजों के वादे को पूरा कर रही है: यूसीसी पर भाजपा

नयी दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को उत्तराखंड विधानसभा में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक पेश किए जाने का स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पुष्कर सिंह धामी सरकार ‘हमारे पूर्वजों’ द्वारा किए गए वादे को पूरा कर रही है.

सत्तारूढ़ दल ने राज्य सरकार के इस कदम का विरोध करने वालों को याद दिलाया कि संविधान का अनुच्छेद 44 कहता है कि ‘सरकार, भारत के पूरे क्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता को सुरक्षित करने का प्रयास करेगी’. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नलिन कोहली ने जोर देकर कहा कि समान नागरिक संहिता ‘संवैधानिक दृष्टिकोण’ का हिस्सा है.

उत्तराखंड सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में समान नागरिक संहिता विधेयक पेश किया. सदन से पारित होने पर आजादी के बाद किसी भी राज्य में लागू होने वाला यह पहला ऐसा कानून होगा. विधेयक में अनुसूचित जनजातियों को छोड़कर उत्तराखंड में सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, भूमि, संपत्ति और उत्तराधिकार पर एक आम कानून का प्रस्ताव है, चाहे वे किसी भी धर्म के हों.

इसमें राज्य में लिव-इन संबंधों के पंजीकरण और एक महीने के भीतर ऐसा करने में विफल रहने पर तीन महीने की कैद का भी प्रावधान है. इस तरह के रिश्ते से पैदा हुए किसी भी बच्चे को वैध माना जाएगा. भाजपा की वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने यहां पार्टी मुख्यालय में एक सवाल के जवाब में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”हम इसका स्वागत करते हैं.” उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने अपने संवैधानिक कर्तव्य को पूरा करने के लिए राज्य विधानसभा में विधेयक पेश किया है.

उन्होंने कहा, ”संविधान निर्माताओं ने प्रावधान रखने से पहले इस मामले (यूसीसी) पर कई बार चर्चा की थी. धामी जी, हमारी सरकार और पार्टी के नेता, प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में हमारे पूर्वजों के वादे को पूरा कर रहे हैं.” उन्होंने कहा, ”हमारे सभी पूर्वज आज उन्हें आशीर्वाद दे रहे होंगे.” कोहली ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ‘भारत के संविधान की दृष्टि’ को लेकर यह विधेयक लेकर आई है.

उन्होंने कहा, ”यह संविधान का दृष्टिकोण है जिसे लागू किया जाना लंबित है. भाजपा निश्चित तौर पर संविधान में जो है, उसके लिए खड़ी हुई है.” कोहली ने कहा कि जो लोग उत्तराखंड सरकार के कदम का विरोध कर रहे हैं, वे इस तथ्य की अनदेखी कर रहे हैं कि संविधान का अनुच्छेद 44 कहता है कि राज्य को समान नागरिक संहिता लाने का प्रयास करना चाहिए.

भाजपा नेता ने कहा, ”कोई यह नहीं कह सकता कि संविधान में जो है वह भारतीय नागरिकों के लिए अच्छा नहीं है और इस तर्क को नहीं मान सकता कि मैं संविधान के एक हिस्से को स्वीकार नहीं करूंगा लेकिन खुशी से अपने अधिकारों का इस्तेमाल करूंगा जो इसके दूसरे हिस्से से आते हैं.” उन्होंने कहा, ”संविधान एक दस्तावेज है. यह सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू होता है. जहां तक समान नागरिक संहिता का सवाल है, यह संवैधानिक दृष्टि का हिस्सा है.” भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र पवनेश

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