फर्जी रोजगार प्रस्तावों के झांसे में न आएं : विदेश मंत्रालय

नयी दिल्ली. विदेश में रोजगार की तलाश कर रहे भारतीयों को सतर्क रहना चाहिए और नौकरी के फर्जी प्रस्तावों के झांसे में नहीं आना चाहिए. विदेश मंत्रालय ने लोगों से बृहस्पतिवार को यह अपील की. मंत्रालय ने रोजगार की तलाश कर रहे लोगों से पंजीकृत भर्ती एजेंट की सुरक्षित और कानूनी सेवाओं का उपयोग करने का भी आग्रह किया.

विदेश मंत्रालय ने एक परामर्श जारी कर विदेशों में नौकरियां देने का वादा करने वाली सभी अपंजीकृत एजेंसियों को विदेशी भर्ती में शामिल न होने की चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसी गतिविधियां उत्प्रवास अधिनियम 1983 का उल्लंघन हैं और मानव तस्करी के समान हैं, जो एक दंडनीय अपराध है.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह भी देखा गया है कि विदेश में नौकरी चाहने वालों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है, जिन्हें अपंजीकृत भर्ती एजेंट द्वारा फर्जी नौकरी की पेशकश के जरिए ठगा जाता है और साथ ही उनसे दो से पांच लाख रुपये तक की वसूली भी की जाती है.
इसने कहा कि ये अपंजीकृत और अवैध एजेंट मंत्रालय से लाइसेंस प्राप्त किए बिना काम करते हैं, जबकि लाइसेंस विदेश में किसी भी भर्ती के लिए अनिवार्य है.

मंत्रालय ने कहा, ”ऐसा सामने आया है कि कई अवैध एजेंट फेसबुक, व्हाट्सऐप, मैसेज और ऐसे अन्य माध्यमों से काम करते हैं. ये एजेंसियां अपने ठिकानों और संपर्कों के बारे में बहुत कम या कोई विवरण नहीं देती हैं.” इसने आगाह किया कि ऐसे एजेंट श्रमिकों को कठिन और जीवन के लिए खतरनाक परिस्थितियों में काम करने के लिए लालच देते हैं तथा कई पूर्वी यूरोपीय देशों के अलावा, कुछ खाड़ी देशों, मध्य एशियाई देशों, इजराइल, कनाडा, म्यांमा और लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक में काम के लिए भर्ती संबंधी ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. मंत्रालय ने कहा कि एक वैध नौकरी के प्रस्ताव में विदेशी नियोक्ता, भर्ती एजेंट और प्रवासी श्रमिक द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित रोजगार अनुबंध शामिल होता है.

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