जम्मू-कश्मीर में शांति भंग करने की कोशिश करने वाले अतिवादी तत्वों को जगह न दें : रीजीजू

श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर के लोगों को बेहद सकारात्मक और प्रगति चाहने वाला बताते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने रविवार को कहा कि देश के बाहर से कुछ अराजक तत्व केंद्र शासित प्रदेश में शांति और विकास को पटरी से उतारने की कोशिश कर रहे हैं. रीजीजू ने कहा कि एक मजबूत भारत एक मजबूत जम्मू-कश्मीर के बिना अधूरा है और स्थानीय युवाओं को आश्वासन दिया कि “हम आपको अपनी आवाज बुलंद करने और अपनी बात कहने का पूरा मौका देकर आपको गौरवान्वित करेंगे.” कश्मीर विश्वविद्यालय में पूर्व छात्र सम्मेलन 2025 को संबोधित कर रहे संसदीय एवं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने जोर देकर कहा कि राजनेताओं को देश के हित में राजनीतिक मतभेदों को भूलना चाहिए और “प्रेम की दुकानें खोलने” के बजाय “प्रेम के मार्ग” पर एक साथ चलना चाहिए.

उन्होंने अप्रैल में कश्मीर की अपनी पिछली यात्रा के दौरान डल झील के किनारे एशिया के सबसे बड़े ट्यूलिप गार्डन में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ हुई अपनी आकस्मिक मुलाकात का भी जिक्र किया और कहा कि “सुबह-सुबह अचानक हुई इस मुलाकात से राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया, जो नहीं होना चाहिए था”.

मंत्री ने कहा, “हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम उस महान यात्रा, विकसित भारत यात्रा का हिस्सा बनें. इसलिए, हम आएंगे और सभी बाधाओं को पार करेंगे. हमें राजनीतिक मतभेदों को भूलना होगा. हम अलग-अलग राजनीतिक मैदानों पर हो सकते हैं… आइए हम प्यार और खुशी के साथ आगे बढ़ें.” मंत्री ने कहा, “मैं यह कहना चाहूंगा कि मैं प्रेम की दुकान खोलने में विश्वास नहीं रखता. लेकिन मैं प्रेम के मार्ग पर साथ-साथ चलने में विश्वास रखता हूं.” जम्मू-कश्मीर को अपने मंत्रालय की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन देते हुए रीजीजू ने कहा कि उन्होंने देखा है कि जम्मू-कश्मीर के लोग बेहद सकारात्मक हैं.

उन्होंने कहा, “वे प्रगति करना चाहते हैं और उन्होंने रास्ते भी दिखाए हैं, लेकिन कुछ तत्व हैं जो समय-समय पर उन प्रयासों को पटरी से उतारने का प्रयास करते हैं और मेरा दृढ़ विश्वास है कि समस्त पूर्व छात्र और कश्मीर विश्वविद्यालय में जम्मू-कश्मीर के भविष्य के लिए सही दिशा निर्धारित करने की शक्ति है.” उन्होंने कहा कि कश्मीर विश्वविद्यालय अब तक जो कुछ कर पाया है उससे कहीं अधिक कर सकता है, क्योंकि “हम अल्पसंख्यक तत्वों को दरकिनार नहीं कर सकते, जिन्हें हम हाशिये के तत्व मानते हैं, क्योंकि समाज के लिए परेशानी पैदा करने के लिए कुछ नकारात्मक तत्वों द्वारा कुछ प्रयास किए जाते हैं.”

उन्होंने कहा कि समाज को देश के बाहर से आने वाले सभी नकारात्मक तत्वों को कोई स्थान नहीं देना चाहिए, और “मेरा दृढ़ विश्वास है कि कश्मीर विश्वविद्यालय जम्मू-कश्मीर के लोगों को सकारात्मक प्रकाश दिखाने वाली एक पथ-प्रदर्शक शक्ति होगी.” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एक मजबूत भारत के बारे में उन्होंने कहा, “मैं इसे एक मजबूत जम्मू – कश्मीर के बिना पूरा नहीं मानता.” रीजीजू ने कहा, “मैं जम्मू-कश्मीर के युवाओं को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम आपको अपनी आवाज बुलंद करने, अपनी बात कहने के लिए पूरी जगह देकर गौरवान्वित करेंगे. आप जिस आजादी के हकदार हैं, वह आपको मिलेगी. लेकिन फिर, हमें सच्चे भारतीय के रूप में बोलना होगा.”

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