DRDO की ‘यंग साइंटिस्ट लेबोरेटरी’ टीम खुफिया निगरानी के लिए बना रही है ‘‘रैट साइबोर्ग’’

नागपुर. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की ‘यंग साइंटिस्ट लेबोरेटरी’ की एक टीम खुफिया निगरानी और सुरक्षा बलों के बरामदगी अभियानों में मदद करने के वास्ते ‘रैट साइबोर्ग’ बना रही है. डीआरडीओ की यंग साइंटिस्ट लेबोरेटरी (डीवाईएसएल-एटी) के निदेशक पी शिव प्रसाद ने यहां विश्व विज्ञान कांग्रेस के एक सत्र के बाद बृहस्पतिवार को कहा कि ‘रैट साइबोर्ग’’ एक ऐसी तकनीक है कि जिसमें चूहे के सिर पर कैमरे लगे होंगे और जिसका इलेक्ट्रॉनिक नियंत्रण ‘सेमी-इनवेसिव ब्रेन इलेक्ट्रोड्स’ के जरिये किया जायेगा.

उन्होंने कहा, ‘‘यह पहली बार है जब भारत इस तरह की तकनीक विकसित करने में लगा है. कुछ देशों के पास यह तकनीक पहले से ही है. यह खुफिया निगरानी और बरामदगी (आईएसआर) अभियान में सशस्त्र बलों की मदद करेगा. पहले चरण का परीक्षण चल रहा है, जिसमें ऑपरेटर के जरिए चूहे को नियंत्रित किया जाएगा.’’

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