अंडमान एवं निकोबार द्वीप के पास 36000 करोड़ रुपये का मादक पदार्थ जब्त
पोर्ट ब्लेयर. अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में मछली पकड़ने वाले जहाज से जब्त किया गया लगभग 6,000 किलोग्राम मादक पदार्थ मेथाम्फेटामाइन भारत में सबसे बड़ी समुद्री जब्ती है और इसकी कीमत लगभग 36,000 करोड़ रुपये है. यह जानकारी अधिकारियों ने मंगलवार को दी.
ऐसा संदेह है कि अंडमान सागर में बैरन द्वीप के पास म्यांमार के चालक दल के छह सदस्यों के साथ ‘ट्रॉलर’ (मछली पकड़ने वाला जहाज) पर पकड़ा गया प्रतिबंधित मादक पदार्थ थाईलैंड ले जाया जा रहा था. चालक दल के सदस्य फिलहाल पुलिस की हिरासत में हैं.
द्वीपसमूह के पुलिस महानिदेशक हरगोबिंदर सिंह धालीवाल ने कहा, ”ऐसा लगता है कि मछली पकड़ने वाले जहाज में कुछ तकनीकी खराबी आ गई और वह थाईलैंड की ओर जाने के बजाय भारतीय जलक्षेत्र की ओर आ गया.”
डीजीपी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”हमने तटरक्षक बल के साथ मिलकर करीब 6,000 किलोग्राम मेथाम्फेटामाइन जब्त किया है, जिसका खुदरा बाजार मूल्य करीब 36,000 करोड़ रुपये है.” तटरक्षक बल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”मादक पदार्थ की यह बड़ी खेप भारत के क्षेत्र में सबसे बड़ी समुद्री जब्ती है, जो असाधारण समन्वय और सतर्कता को दर्शाता है.” गिरफ्तार किए गए म्यांमा के छह नागरिकों के खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम, 1985 और विदेशी अधिनियम, 1946 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
एक अधिकारी ने बताया कि चूंकि वे जांचकर्ताओं के साथ सहयोग नहीं कर रहे हैं, इसलिए पुलिस म्यांमा से आने वाले जहाज से जब्त किए गए सैटेलाइट फोन का कॉल रिकॉर्ड प्राप्त करने का प्रयास कर रही है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि मेथाम्फेटामाइन की यह बड़ी खेप मादक पदार्थ कार्टेल का हिस्सा हो सकती है.
एक सूत्र ने बताया, ”खेप की मात्रा और कार्यप्रणाली के आधार पर ऐसा लगता है कि यह कुख्यात ड्रग कार्टेल का काम है, जैसे जलिस्को न्यू जनरेशन कार्टेल (एल मेनचो द्वारा संचालित) और चीनी एल चापो गिरोह. वर्ष 2019 में, हमने अंडमान सागर से इसी तरह की मादक पदार्थ की जब्ती की थी और तब एल मेनचो कार्टेल एक प्रमुख संदिग्ध के रूप में सामने आया था.”
इसके थाईलैंड से संबंध होने के बारे में पूछे जाने पर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ”क्रिसमस और नये साल की पूर्व संध्या पर थाईलैंड में ऐसे मादक पदार्थ की भारी मांग होती है. ये मादक पदार्थ चाय के पैकेट में पैक थीं. सभी आरोपियों को स्थानीय अदालत में पेश किया गया और 14 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.”
एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि 23 नवंबर को नियमित गश्त के दौरान तटरक्षक डोर्नियर विमान के पायलट ने बैरन द्वीप के पास मछली पकड़ने वाले एक जहाज की संदिग्ध गतिविधि देखी, जो पोर्ट ब्लेयर से लगभग 150 किलोमीटर दूर है. अधिकारी ने बताया, ”जहाज को चेतावनी दी गई और उसे गति कम करने को कहा गया और इस बीच पायलट ने अंडमान और निकोबार कमान को सतर्क किया. तुरंत ही, हमारे तेज गश्ती जहाज बैरन द्वीप की ओर आये और मछली पकड़ने वाले जहाज को आगे की जांच के लिए 24 नवंबर को पोर्ट ब्लेयर ले गए.” डीजीपी ने कहा कि हाल के दिनों में, पुलिस और तटरक्षक क्षेत्र में रोहिंग्या नौकाओं और अवैध शिकार करने वाले म्यांमा के जहाजों के देखे जाने की घटनाओं में वृद्धि के बाद सतर्कता के साथ संयुक्त अभियान चला रहे हैं. डीजीपी ने कहा, ”इन सक्रिय उपायों के परिणामस्वरूप मादक पदार्थ और मन:प्रभावी पदार्थों की एकमुश्त सबसे बड़ी जब्ती हुई.”