सत्तापक्ष एवं विपक्ष के हंगामे के कारण संसद में गतिरोध जारी, तीन-तीन मिनट भी नहीं चले दोनों सदन

नयी दिल्ली. संसद में बृहस्पतिवार को सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा भारत के लोकतंत्र को लेकर लंदन में दिए गए बयान के विरोध में जबकि विपक्षी सदस्यों ने अडाणी समूह से जुड़े मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग को लेकर भारी हंगामा किया. इस वजह से दोनों सदनों की बैठक पूरे दिन तीन-तीन मिनट भी नहीं चल सकी.

बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार को शुरू होने के साथ ही दोनों सदनों में गतिरोध कायम है क्योंकि सत्ता पक्ष के सदस्य जहां गांधी से माफी मांगने की मांग पर अड़े हुए हैं वहीं अडाणी समूह के बारे में ंिहडनबर्ग रिपोर्ट की जांच के लिए जेपीसी गठित करने की मांग पर विपक्षी सदस्य हंगामा कर रहे हैं.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू होने के बाद आज पहली बार भोजनावकाश के बाद सदन में उपस्थित थे. ब्रिटेन में उनके बयान को लेकर उठे विवाद के बाद वह पहली बार सदन में आये थे. इससे पहले सुबह बैठक शुरू होने के बाद कार्यवाही महज दो मिनट ही चल सकी.

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल चलाने का निर्देश दिया. इस बीच कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समीप आकर अडाणी समूह से जुड़े मामले की जेपीसी जांच की अपनी मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे. उधर सत्तापक्ष के कुछ सदस्य अपने स्थानों पर खड़े होकर विदेश में राहुल गांधी के भारतीय लोकतंत्र को लेकर दिये गये बयान पर उनसे माफी की मांग करने लगे. पश्चिम बंगाल से भाजपा के सदस्यों को राज्य के स्कूल भर्ती घोटाले को लेकर तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ नारेबाजी करते देखा गया.

तृणमूल कांग्रेस के सदस्य अपने मुंह पर काली पट्टी बांधकर आसन के समीप पहुंचे. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आसन के पास नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और सत्ता पक्ष के सदस्यों से शांत होने की अपील की. बिरला ने कहा, ‘‘ मैं सदन चलाना चाहता हूं. मैं आपको (विपक्ष) भी कहूंगा कि अपने स्थान पर बैठें और उनको (सत्ता पक्ष) भी कहूंगा कि बैठें.’’

उन्होंने कहा कि संसद की एक मर्यादा होती है और ‘‘हम संसद की मर्यादा को बनाए रखें.’’ लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘क्या आप बजट पर चर्चा नहीं करना चाहते, क्या आप प्रश्नकाल नहीं चलने देना चाहते हैं?’’ हंगामा नहीं थमने पर अध्यक्ष बिरला ने सदन की बैठक शुरू होने के दो मिनट के अंदर अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी.

दोपहर दो बजे लोकसभा की बैठक फिर शुरू होने पर सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया और पीठासीन सभापति किरीट सोलंकी ने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से कहा, ‘‘मैं दोनों पक्षों से पूछना चाहता हूं कि चर्चा चाहते हैं या नहीं. सदन चर्चा के लिए है.’’ हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने बैठक करीब एक मिनट के अंदर दिनभर के लिए स्थगित कर दी. सदन की बैठक अब शुक्रवार को पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होगी.
राज्यसभा में भी कमोबेश यही नजारा देखने को मिला.

सुबह जैसे ही उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, सभापति जगदीप धनखड़ के आसन पर बैठने से पहले ही, मुंह पर काली पट्टी बांधे तृणमूल कांग्रेस के सदस्य आसन के निकट दोनों ओर खड़े हो गए. तृणमूल कांग्रेस के सदस्य इस बात का विरोध कर रहे थे कि उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा है. इसी दौरान अन्य विपक्षी सदस्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे जबकि सत्ताधारी दल के सदस्य राहुल गांधी से उनकी लंदन में की गई टिप्पणी को लेकर माफी की मांग कर रहे थे.

धनखड़ ने आसन के निकट मौजूद तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों से अपनी सीटों पर लौट जाने का आग्रह किया लेकिन उन्होंने इसे अनसुना कर दिया. सभापति ने इन सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की भी चेतावनी दी लेकिन इसका कोई असर ना होता देख उन्होंने बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

दोपहर दो बजे बैठक फिर शुरू होने पर सदन में वही नजारा देखने को मिला. तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन सहित पार्टी के सदस्य आसन के समक्ष आकर नारेबाजी कर रहे थे. साथ ही सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के कई सदस्य भी अपने स्थानों से नारेबाजी और हंगामा कर रहे थे.

हंगामा थमते न देख उप सभापति हरिवंश ने बैठक शुरू होने के कुछ ही समय बाद कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया.
ज्ञात हो कि संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत से ही सत्ता पक्ष के सदस्य लंदन में राहुल गांधी द्वारा भारतीय लोकतंत्र के संबंध में की गई टिप्पणी को लेकर उनसे माफी की मांग कर रहे हैं.

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विदेशी दौरों के दौरान पूर्व में भारत को लेकर की गई टिप्पणी का हवाला देते हुए भारतीय जनता पार्टी पर पलटवार किया है. इसके साथ ही विपक्षी दल अडाणी समूह मामले में जेपीसी गठित करने की मांग बजट सत्र के पहले ही चरण से कर रहे हैं. सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के सदस्यों के हंगामे के कारण पिछली चार बैठकों में दोनों सदनों में एक भी दिन प्रश्नकाल एवं शून्यकाल सामान्य ढंग से नहीं चल पाए हैं.

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