संयुक्त राष्ट्र में हिन्दी को आधिकारिक भाषा के रूप में शामिल कराने की दिशा में प्रयास जारी : जयशंकर

नयी दिल्ली. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र में हिन्दी को आधिकारिक भाषा के रूप में शामिल कराने की दिशा में प्रयास जारी है, इसमें कुछ प्रगति हुई है लेकिन इसमें अभी थोड़ा समय लगेगा. जयशंकर ने 12वें विश्व हिन्दी सम्मेलन के शुभंकर एवं वेबसाइट के लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान एक सवाल के जवाब में यह बात कही.

विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ आप जानते हैं कि हिन्दी का उपयोग यूनेस्को में हो रहा है . जहां तक संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में हिन्दी के उपयोग की बात है, तो इस बारे में संयुक्त राष्ट्र के साथ हमारा एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) है.’’ उन्होंने कहा कि इसके तहत अभी सोशल मीडिया, न्यूजलेटर में हिन्दी का उपयोग किया जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र में हिन्दी को शामिल करने के संदर्भ में उन्होंने कहा कि इसे बढ़ाने में अभी थोड़ा समय लगेगा . संयुक्त राष्ट्र की प्रक्रिया में एक नयी भाषा को शामिल करना इतना आसान नहीं है.

जयशंकर ने कहा, ‘‘ इस दिशा में प्रगति तो हुई है . आशा करते हैं कि यह काम होगा . ’’ डिजिटल माध्यम से दूसरे देशों में हिन्दी को बढ़ावा देने के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हमारा अनुभव डिजिटल माध्यम के उपयोग को लेकर है, खासकर अफ्रीका में अच्छा अनुभव है. यह शिक्षा, चिकित्सा के क्षेत्र में डिजिटल माध्यम के उपयोग से जुड़ा है. उन्होंने कहा कि सलाहकार समिति की बैठक में आज इस विषय पर चर्चा हुई है और हमारी इच्छा है कि हिन्दी के प्रचार प्रसार के लिये आधुनिक तकनीक का उपयोग करें .

इससे पहले, जयशंकर ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘ 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन के आयोजन के लिए गठित सलाहकार समिति और उप-समितियों की पहली बैठक में भाग लिया. मोदी सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए उल्लेखनीय प्रयास कर रही है.’’ उन्होंने उम्मीद जतायी कि भारत और विदेश में रहने वाले हिंदी प्रेमी, विद्वान तथा शिक्षण संस्थान इस सम्मेलन में उत्साहपूर्वक भाग लेंगे.

जयशंकर और रूसी विदेश मंत्री लावरोव आठ नवंबर को मॉस्को में बातचीत करेंगे: रूसी विदेश मंत्रालय

विदेश मंत्री एस जयशंकर अगले महीने मॉस्को की यात्रा करेंगे और आठ नवंबर को वहां अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ बातचीत करेंगे. रूस के विदेश मंत्रालय की एक प्रवक्ता ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. करीब दो सप्ताह पहले क्रीमिया में एक बड़े विस्फोट के बाद रूस और यूक्रेन में नये सिरे से टकराव के बीच प्रस्तावित यात्रा की घोषणा हुई है.

रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखारोवा ने कहा, ‘‘रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव आठ नवंबर को मॉस्को में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बातचीत करेंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘दोनों मंत्री द्विपक्षीय संबंधों की मौजूदा स्थिति और अंतरराष्ट्रीय एजेंडे पर चर्चा करेंगे.’’ जयशंकर की प्रस्तावित यात्रा पर विदेश मंत्रालय की ओर से अभी कोई बयान नहीं आया है. फरवरी में यूक्रेन पर रूस के हमलों की शुरुआत के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के राष्ट्रपति पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से कई बार बात कर चुके हैं.

मोदी ने जेलेंस्की के साथ चार अक्टूबर को फोन पर हुई बातचीत में कहा था कि कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता और भारत शांति के किसी भी प्रयास में योगदान देने को तैयार है. मोदी ने 16 सितंबर को उज्बेकिस्तान के समरकंद में पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक में कहा था कि ‘‘आज का युग युद्ध का नहीं है.’’ भारत ने यूक्रेन पर रूस के हमले की अभी तक ंिनदा नहीं की है और कहता आ रहा है कि संकट का समाधान संवाद और कूटनीति से निकाला जाना चाहिए. रूस ने लगभग दो सप्ताह पहले क्रीमिया में एक बड़े विस्फोट के जवाब में यूक्रेन के अनेक शहरों को निशाना बनाकर मिसाइल हमले  शुरू किये जिसके बाद दोनों के बीच टकराव बढ़ गया है. विस्फोट के लिए रूस ने यूक्रेन को जिम्मेदार ठहराया.

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