छत्तीसगढ़ की सात लोकसभा सीट पर चुनाव प्रचार समाप्त

रायपुर. छत्तीसगढ़ की शेष सात संसदीय सीट पर लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के तहत होने वाले मतदान का प्रचार रविवार शाम को समाप्त हो गया. इन सीट पर चुनाव प्रचार के दौरान सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी कांग्रेस ने भ्रष्टाचार, संविधान, नक्सलवाद, आतंकवाद और आरक्षण जैसे मुद्दों को लेकर एक दूसरे पर प्रहार किया. इन सीट पर सात मई को मतदान होगा.
तीसरे चरण के लिए भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे प्रमुख नेताओं ने रैलियां कीं.

वहीं, कांग्रेस के लिए पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा ने प्रचार अभियान का नेतृत्व किया.
प्रधानमंत्री मोदी ने तीसरे चरण के लिए दो रैलियों को संबोधित किया. उन्होंने संविधान, कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा की विरासत कर संबंधी टिप्पणी, अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होने तथा आतंकवाद और नक्सलवाद को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा.

भाजपा नेताओं ने मोदी सरकार की 10 वर्षों की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए लगातार तीसरी बार मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए वोट करने का आग्रह किया. कांग्रेस नेता खरगे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा ने एक-एक रैली को संबोधित किया और भाजपा नेताओं पर पलटवार करते हुए दावा किया कि उनकी पार्टी गरीबों के हित के बारे में सोचती है जबकि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार संविधान बदलना चाहती है तथा लोगों के अधिकारों में कटौती करना चाहती है.
उन्होंने चुनावी बॉण्ड को लेकर भी सत्ताधारी पार्टी पर निशाना साधा.

कांग्रेस ने अपना अभियान अपने चुनावी वादों पर आधारित किया, जिसमें महालक्ष्मी योजना, जाति जनगणना, 30 लाख खाली सरकारी पदों पर भर्ती, युवाओं के लिए ‘अप्रेंटिसशिप’ शुरू करना, सरकारी कंपनियों में ठेकेदारी प्रथा को खत्म करना और किसानों की कर्ज माफी शामिल है.

राज्य की 11 लोकसभा सीट पर तीन चरणों में चुनाव हो रहे हैं. नक्सल प्रभावित बस्तर निर्वाचन क्षेत्र (अनुसूचित जनजाति आरक्षित) में 19 अप्रैल को तथा राज्य की तीन अन्य सीट – राजनांदगांव, कांकेर (एसटी) और महासमुंद में 26 अप्रैल को दूसरे चरण में मतदान हुआ था. शेष सात सीट- रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा (अनुसूचित जाति आरक्षित), कोरबा, सरगुजा (एसटी) और रायगढ़ (एसटी) पर तीसरे चरण में सात मई को मतदान होगा.

अधिकारियों ने बताया, ”राज्य के सात निर्वाचन क्षेत्रों के लिए प्रचार आज शाम छह बजे समाप्त हो गया. अब राजनीतिक दल और उम्मीदवार मंगलवार को मतदान से पहले घर-घर जाकर प्रचार कर सकते हैं.” उन्होंने बताया, ”तीसरे चरण में 26 महिलाओं सहित कुल 168 उम्मीदवार मैदान में हैं. तीसरे चरण में 1,39,01,285 मतदाता हैं, जिनमें 69,33,121 पुरुष, 69,67,544 महिलाएं और तीसरे लिंग के 620 मतदाता शामिल हैं.” अधिकारियों ने बताया कि तीसरे चरण में 18-19 वर्ष आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या 3,98,416 है.

उन्होंने बताया कि सात निर्वाचन क्षेत्रों में 15,701 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. सभी सात सीट पर मतदान का समय सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक है. अधिकारियों ने बताया कि रायपुर सीट पर सबसे अधिक 38, बिलासपुर में 37, कोरबा में 27, दुर्ग में 25, जांजगीर-चांपा में 18, रायगढ़ में 13 और सरगुजा में सात उम्मीदवार हैं. उन्होंने बताया कि तीसरे चरण के लिए सुरक्षा र्किमयों की 202 कंपनियां तैनात की गई हैं.

राज्य में महत्वपूर्ण रायपुर सीट पर भाजपा के प्रभावशाली नेता और मौजूदा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल तथा कांग्रेस के पूर्व विधायक विकास उपाध्याय के बीच मुकाबला होगा. एक अन्य हाई प्रोफाइल सीट कोरबा सीट है, जहां भाजपा ने अपनी प्रभावशाली महिला नेता और पूर्व सांसद सरोज पांडे को कांग्रेस की मौजूदा सांसद ज्योत्सना महंत के खिलाफ मैदान में उतारा है. ज्योत्सना महंत विधानसभा में विपक्ष के नेता चरणदास महंत की पत्नी हैं. दुर्ग में, कांग्रेस ने मौजूदा भाजपा सांसद विजय बघेल के खिलाफ नए चेहरे राजेंद्र साहू को टिकट दिया है.

बिलासपुर सीट पर कांग्रेस ने विधायक देवेन्द्र यादव को मैदान में उतारा है जबकि भाजपा ने पूर्व विधायक तोखन साहू पर दांव लगाया है. एकमात्र अनुसूचित जाति आरक्षित सीट जांजगीर-चांपा में राज्य के पूर्व मंत्री शिवकुमार डहरिया कांग्रेस के उम्मीदवार हैं तथा महिला नेता कमलेश जांगड़े भाजपा की उम्मीदवार हैं. सरगुजा सीट पर भाजपा के चिंतामणि महाराज का मुकाबला कांग्रेस के नए चेहरे शशि सिंह से है.

आदिवासी बहुल रायगढ़ सीट पर भाजपा के राधेश्याम राठिया और कांग्रेस की डॉक्टर मेनका देवी सिंह के बीच मुकाबला होगा. सिंह सारंगढ़ के पूर्व राजपरिवार से हैं. छत्तीसगढ़ के गठन के बाद 2004, 2009 और 2014 में हुए तीन लोकसभा चुनावों में भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए तीनों बार 11 में से 10 सीट जीती थी. 2019 में भाजपा ने नौ सीट और कांग्रेस ने दो सीट जीती थी.

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