फिडे विश्व जूनियर शतरंज चैंपियनशिप: वीजा मुद्दों के कारण पांच भारतीय खिलाड़ी प्रतियोगिता से चूके

चेन्नई/ग्रेटर नोएडा. भारत को फिडे विश्व जूनियर शतरंज चैंपियनशिप 2023 से पहले बड़े झटका लगा जब वीजा मुद्दों के कारण उसके पांच खिलाड़ी 22 सितंबर से दो अक्टूबर तक मैक्सिको सिटी में होने वाली प्रतियोगिता के लिए नहीं जा सके. पूर्व निर्धारित रवानगी से कुछ दिन पहले तक भी पांच खिलाड़ियों और कुछ कोच को समय पर वीजा नहीं मिलने के कारण उनके प्रतिनिधित्व पर अनिश्चितता के बादल छा गए थे.

इस बीच सूत्रों ने पुष्टि की है कि ये पांच खिलाड़ी प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले पाएंगे क्योंकि टीम मंगलवार सुबह रवाना हो गई.
प्रभावित पांच खिलाड़ी व्रशांक चौहान, अरूण कटारिया, भाग्यश्री पाटिल, प्रणीत वुप्पला और फेमिल चेलादुरई हैं. इसके अलावा कोच प्रवीण ठिप्से एम और किरण अग्रवाल भी प्रतियोगिता के लिए टीम के साथ नहीं जा पाएंगे.

फिडे सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष भरत सिंह चौहान ने पीटीआई को बताया, ”भारत सरकार के सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बाद भी हम वीजा का इंतजाम नहीं कर पाए.” उन्होंने कहा, ”यह भारतीय दल के लिए बड़ा झटका है. यह इससे जुड़े खिलाड़ियों के लिए अच्छी खबर नहीं है जो अंतरराष्ट्रीय अनुभव से वंचित रह जाएंगे जबकि वे पदक के दावेदार भी थे.”

चौहान ने कहा, ”अपने 45 साल के शतरंज करियर में मैंने कभी ऐसा होते हुए नहीं देखा. सभी जरूरी दस्तावेज देने के बावजूद हमें वीजा स्वीकृति नहीं मिली और मेरे पास अब भी कोई जवाब नहीं है कि आखिर क्यों ऐसा हुआ.” चौहान ने हालांकि पुष्टि की कि दो कोच की जगह सीआरजी कृष्णा (पुरुष) और तारिणी गोयल (महिला) को भेजा जा रहा है क्योंकि उनके पास अमेरिका का वैध वीजा है जो मैक्सिको में मान्य है. रविवार को चौहान ने कहा था कि वीजा समस्या मुख्य रूप से मैक्सिको दूतावास से पैदा हुई.

मैक्सिको की राजधानी के लिए रवाना हुई भारतीय टीम में अब लड़कियों के वर्ग में रक्षिता रवि, बोम्मिनी मोनिका अक्षया और अमुल्या गुरुप्रसाद जबकि लड़कों के वर्ग में हर्षवर्धन जीबी, प्रणव आनंद, दुष्यंत शर्मा और विग्नेश बी शामिल हैं. पिछले साल इटली के सरदीनिया में हुई प्रतियोगिता में 13 भारतीय खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था. भारत 2019 तक टूर्नामेंट की सर्वकालिक प्रतियोगिता में रूस और चीन के बाद तीसरे स्थान पर था. भारत के विश्वनाथन आनंद (1987), कोनेरू हंपी (2001), पी हरिकृष्णा (2004), अभिजीत गुप्ता (2008), डी हरिका (2008) और सौम्या स्वामीनाथन (2009) शामिल हैं.

भारत में मोटो जीपी रेस के लिए कुछ प्रतिभागियों और अधिकारियों को अब भी वीजा का इंतजार

भारत में होने वाली पहली मोटो जीपी में हिस्सा लेने वाले कुछ राइडर और टीम अधिकारियों को इस सप्ताहांत होने वाली रेस के लिए अब भी वीजा का इंतजार है जिसमें छह बार के चैंपियन मार्क मारक्वेज भी शामिल हैं. रेपसोल होंडा टीम से जुड़े सूत्रों ने पीटीआई को पुष्टि की है कि उनके राइडर मारक्वेज और जोआन मीर के भारत आने में वीजा मुद्दों के कारण विलंब हो रहा है.

स्पेन के इन दोनों राइडर को बुधवार को दिल्ली के समीप एक प्रचार कार्यक्रम में हिस्सा लेना था लेकिन अब यह दौरा रद्द कर दिया गया है. एक सूत्र ने पीटीआई को बताया, ”वीजा मुद्दों के कारण राइडर अब तक भारत नहीं पहुंचे हैं. इसलिए कल के कार्यक्रम को रद्द करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था.” डोर्ना स्पोर्ट्स प्रतियोगिता के आयोजक और अधिकार धारक हैं. फेयरस्ट्रीट स्पोर्ट्स प्रतियोगिता के स्थानीय प्रमोटर हैं.

फेयरस्ट्रीट के सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि रेस के लिए लगभग 1800 वीजा आवेदन करने की जरूरत थी लेकिन आवेदन प्रणाली में तकनीकी खामी के कारण विलंब हुआ. सूत्रों ने हालांकि कहा कि जरूरी दस्तावेजों की कमी वाले मामलों को छोड़कर मंगलवार तक अधिकांश वीजा जारी कर दिए गए थे.

सूत्र ने कहा, ”वीजा आवेदन पांच सितंबर को किया गया था लेकिन ट्रेवल एजेंसी की ओर से तकनीकी खामी के चलते विलंब हुआ. कल तक 600 वीजा आवेदन लंबित थे लेकिन अब अधिकांश को स्वीकृति मिल गई है जिसमें मारक्वेज का वीजा भी शामिल है.” उन्होंने कहा, ”कुछ लोग, जिन्होंने फॉर्म सही तरह से नहीं भरा था वे छूट गए हैं. आप इसमें कुछ नहीं कर सकते क्योंकि आपको कानून का पालन करना होता है. अधिकांश टीम अधिकारी और राइडर पहले ही यहां पहुंच चुके हैं.” फार्मूला वन इंडियन ग्रां प्री के बंद होने के बाद भारत पहली बार मोटरस्पोर्ट में इस स्तर की प्रतियोगिता की मेजबानी करने जा रहा है. वित्तीय, कर और नौकरशाही से जुड़े मुद्दों के कारण 2013 सत्र के बाद फार्मूला वन इंडियन ग्रां प्री को कैलेंडर से हटा दिया गया था.

Back to top button

[poll id="2"]

This will close in 60 seconds