बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया पांच मामलों में बरी

ढाका. बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को पांच अलग-अलग मामलों में बरी कर दिया गया है, जिनमें से एक मामला ह्लफर्जी जन्मदिनह्व मनाने और दूसरा युद्ध अपराधियों का समर्थन करने के आरोप में दर्ज किया गया था. यह जानकारी मंगलवार को मीडिया की एक खबर से मिली.

‘ढाका ट्रिब्यून’ समाचारपत्र की खबर के अनुसार, ढाका के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट महबूबुल हक की अदालत ने चार मामलों में बरी करने का आदेश जारी किया, जबकि अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट तोफज्जल हुसैन की अदालत ने मंगलवार को एक मामले में उन्हें बरी कर दिया.

प्रतिवादी एवं बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष जिया (79) को वादी के अदालत में पेश न होने के बाद बरी कर दिया गया. अगस्त 2016 में, एक पत्रकार ने जिया के खिलाफ ह्लफर्जी जन्मदिनह्व मनाने का मामला दर्ज कराया था. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि हालांकि विभिन्न स्रोतों से जिया की पांच अलग-अलग जन्मतिथियां मिली हैं, लेकिन उनमें से कोई भी 15 अगस्त को नहीं थी. इसमें कहा गया है कि इसके बावजूद, वह 15 अगस्त को अपना जन्मदिन मनाती रही हैं, जिस दिन को बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की हत्या के मद्देनजर 1996 से राष्ट्रीय शोक दिवस घोषित किया गया है.

शिकायत में आरोप लगाया गया है कि बीएनपी नेता इस दिन अपना जन्मदिन केवल बंगबंधु और उनके परिवार की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए मनाती हैं. नवंबर 2016 में, बांग्लादेश जननेत्री परिषद के अध्यक्ष ए बी सिद्दीकी ने जिया के खिलाफ युद्ध अपराधियों का कथित रूप से समर्थन करने का मामला दर्ज कराया था.

जनवरी 2017 में, सिद्दीकी ने जिया पर मानहानि का एक मामला दर्ज कराया था जिसमें उन पर बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान और अवामी लीग के बारे में गलत बयानी करने का आरोप लगाया गया था. मामले में दिसंबर 2016 में ‘छात्र दल’ के वर्षगांठ समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में जिया द्वारा दिए गए भाषण का उल्लेख किया गया था, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि बंगबंधु रहमान बांग्लादेश की स्वतंत्रता नहीं चाहते थे, बल्कि अविभाजित पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने की आकांक्षा रखते थे. शिकायत में आरोप लगाया गया कि जिया का बयान मानहानिकारक था.

जनवरी 2016 में, सिद्दीकी ने मुक्ति संग्राम के पीड़ितों के बारे में अपमानजनक टिप्पणियों के लिए जिया और बीएनपी नेता गायेश्वर चंद्र रॉय के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. नवंबर 2016 में, बीएनपी अध्यक्ष को सिद्दीकी द्वारा दायर एक अन्य मानहानि और हत्या की धमकी के मामले में आरोपी बनाया गया था.

जिया पिछले पांच वर्षों से घर में नजरबंद थीं और पिछले महीने राष्ट्रपति द्वारा क्षमादान दिए जाने के बाद एक स्वतंत्र व्यक्ति के रूप में अस्पताल से अपने घर लौटीं. पांच अगस्त को उनकी कट्टर प्रतिद्वंद्वी शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के पतन के बाद उन्हें अपने खिलाफ सभी आरोपों से बरी कर दिया गया था. जिया ने मार्च 1991 से मार्च 1996 तक और फिर जून 2001 से अक्टूबर 2006 तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया.

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