मौजूदा अस्पताल अवसंरचना का इस्तेमाल करके और अधिक मेडिकल कॉलेज बनाएगी सरकार: सीतारमण

नयी दिल्ली. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को 2024-25 के लिए अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार की योजना मौजूदा अस्पताल अवसंरचना का इस्तेमाल करते हुए और अधिक मेडिकल कॉलेज खोलने की है और इस विषय पर अध्ययन के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा.

उन्होंने यह घोषणा भी की कि सभी आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य देखभाल बीमा का दायरा आशा कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों तक बढ़ाया जाएगा. प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के लिए अंतरिम बजट में आवंटन 6,800 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 7,500 करोड़ रुपये किया गया है. सीतारमण ने अपने बजट भाषण में यह भी कहा कि सरकार गर्भाशय कैंसर पर रोकथाम के लिए नौ से 14 साल की आयुवर्ग की लड़कियों के लिए टीकाकरण को प्रोत्साहन देगी. उन्होंने कहा कि एक व्यापक कार्यक्रम के तहत मातृ और शिशु देखभाल के लिए विभिन्न योजनाएं लाई जाएंगी.

सीतारमण ने कहा, ”कई युवा डॉक्टर बनना चाहते हैं. उनका उद्देश्य उन्नत स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं के माध्यम से हमारी जनता की सेवा करना है. हमारी सरकार की योजना अनेक विभागों के तहत वर्तमान अस्पताल अवसंरचना का इस्तेमाल करते हुए और अधिक मेडिकल कॉलेज तैयार करने की है.” उन्होंने कहा, ”संबंधित मुद्दों का अध्ययन करने और उनसे जुड़ी सिफारिशों के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा.” सीतारमण ने कहा कि मिशन ‘इंद्रधनुष’ के तहत टीकाकरण के प्रबंधन और प्रयासों को तेज करने के लिए नवनिर्मित ‘यू-विन’ प्लेटफॉर्म को देशभर में तेजी से शुरू किया जाएगा.

उन्होंने कहा, ”बेहतर पोषण वितरण, शिशुओं की प्रारंभिक देखभाल और विकास के लिए सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों के उन्नयन में तेजी लाई जाएगी.” मंत्री ने कहा, ”सभी आशा कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों को आयुष्मान भारत के तहत स्वास्थ्य देखभाल के दायरे में लिया जाएगा.”

छत पर सौर इकाई लगाने वाले परिवार को सालाना 18,000 रुपये की बचत: सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना से एक करोड़ परिवारों को हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिल सकेगी जिससे उन्हें सालाना 18,000 रुपये तक की बचत होगी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ दिन पहले छतों पर सौर ऊर्जा इकाई लगाने के लक्ष्य के साथ ‘प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना’ शुरू किए जाने की घोषणा की थी. उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से लौटने के बाद एक करोड़ घरों में सौर इकाई लगाने की योजना लाने की बात कही थी.

सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा कि छतों पर सौर इकाई लगाने से एक करोड़ परिवार हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली पाने में सक्षम होंगे. उन्होंने कहा कि यह योजना अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक दिन पर लिए गए प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा करती है.

उन्होंने कहा, ”मुफ्त सौर बिजली के इस्तेमाल और बची हुई बिजली वितरण कंपनियों को बेचने से परिवारों को सालाना 15,000-18,000 रुपये तक की बचत होगी.” यह योजना इले्ट्रिरक वाहनों की चार्जिंग में भी सहायता करेगी. इसके अलावा सौर इकाइयों की आपूर्ति एवं स्थापना के लिए बड़ी संख्या में विक्रेताओं के लिए उद्यमशीलता के अवसर और तकनीकी कौशल वाले युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.

वित्त मंत्री ने वर्ष 2070 तक ‘शुद्ध-शून्य’ उत्सर्जन के लिए भारत की प्रतिबद्धता का जिक्र करते हुए कहा कि अपतटीय पवन ऊर्जा के दोहन के लिए व्यवहार्यता अंतर का वित्तपोषण किया जाएगा. उन्होंने कहा, ”एक गीगावाट की शुरुआती क्षमता के लिए अपतटीय पवन ऊर्जा क्षमता के दोहन के लिए व्यवहार्यता अंतर निधि मुहैया कराई जाएगी.” केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार, भारत में सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता 73 गीगावाट से अधिक है. इसी तरह देश में पवन ऊर्जा क्षमता लगभग 45 गीगावाट है.
भारत ने वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा हुआ है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को अपने अभिभाषण में कहा था कि पिछले 10 वर्षों में गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा क्षमता 81 गीगावाट से बढ़कर 188 गीगावाट हो गई है.

लक्षद्वीप में पोत संपर्क, पर्यटन बुनियादी ढांचे के लिए परियोजनाएं शुरू की जाएंगी: वित्त मंत्री

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में घरेलू पर्यटन के लिए पैदा होते उत्साह को देखते हुए ”लक्षद्वीप सहित हमारे द्वीपों पर” पोत संपर्क, पर्यटन के बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के लिए परियोजनाएं शुरू की जाएंगी. अंतरिम केंद्रीय बजट पेश करते हुए उन्होंने यह भी कहा, ”हमारी आर्थिक ताकत ने देश को व्यापार और सम्मेलन पर्यटन के लिए एक आकर्षक गंतव्य बना दिया है.” वित्त मंत्री द्वारा लक्षद्वीप का उल्लेख महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत चार जनवरी को लक्षद्वीप का दौरा किया था.

सोशल मीडिया पर उस समय विवाद खड़ा हो गया जब मालदीव के एक मंत्री और कुछ अन्य नेताओं ने लक्षद्वीप के एक प्राचीन समुद्र तट पर प्रधानमंत्री मोदी का एक वीडियो पोस्ट करने के बाद उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद, कई भारतीय नागरिकों और टूर ऑपरेटरों ने मालदीव जाने की अपनी योजना रद्द कर दी. सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि भारतीय मध्य वर्ग भी अब ”यात्रा करने की इच्छा रखता है.” उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक पर्यटन सहित पर्यटन में स्थानीय उद्यमिता के लिए जबरदस्त अवसर हैं.

वित्त मंत्री ने कहा, ”राज्यों को प्रतिष्ठित पर्यटन केंद्रों का व्यापक विकास करने, वैश्विक स्तर पर उनकी ब्रांडिंग और मार्केटिंग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. सुविधाओं और सेवाओं की गुणवत्ता के आधार पर पर्यटन केंद्रों की रेटिंग के लिए एक रूपरेखा स्थापित की जाएगी.” उनका कहना था कि विकास के वित्तपोषण के लिए राज्यों को समान आधार पर दीर्घकालिक ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जाएगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ”घरेलू पर्यटन के लिए उभरते उत्साह को संबोधित करने के लिए, लक्षद्वीप सहित हमारे द्वीपों पर पोत संपर्क, पर्यटन बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के लिए परियोजनाएं शुरू की जाएंगी. इससे रोजगार पैदा करने में भी मदद मिलेगी.”

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