राज्यपाल रवि तमिलनाडु की शांति के लिए ‘खतरा’: मुख्यमंत्री स्टालिन
चेन्नई. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से राज्यपाल आर. एन. रवि की शिकायत करते हुए कहा है कि राज्यपाल ‘सांप्रदायिक नफरत को भड़काते हैं’ और वह तमिलनाडु की शांति के लिए ‘खतरा’ हैं. राज्य सरकार ने रविवार को यह जानकारी दी.
सरकार की ओर से यहां जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, राष्ट्रपति मुर्मू को लिखे पत्र में स्टालिन ने आरोप लगाया कि रवि ने संविधान के अनुच्छेद 159 के तहत ली गई पद की शपथ का उल्लंघन किया है. स्टालिन ने आठ जुलाई, 2023 को लिखे पत्र में कहा, ”रवि सांप्रदायिक नफरत को भड़का रहे हैं और वह तमिलनाडु की शांति के लिए खतरा हैं.” मुख्यमंत्री ने पत्र में दावा किया कि हाल में राज्यपाल द्वारा मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने संबंधी कदम से उनके राजनीतिक झुकाव का पता चलता है. राज्यपाल ने बाद में सेंथिल बालाजी को बर्खास्त करने संबंधी अपने फैसले को वापस ले लिया था.
पत्र में स्टालिन ने कहा कि एक ओर रवि ने पूर्ववर्ती ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नद्रमुक) सरकार के पूर्व मंत्रियों के खिलाफ अभियोग चलाने की मंजूरी देने में देरी की, वहीं दूसरी तरफ सेंथिल बालाजी के मामले में शीघ्र कार्रवाई की जबकि उनके खिलाफ केवल जांच शुरू हुई थी, यह उनके राजनीतिक पक्षपात को इंगित करता है.
मुख्यमंत्री ने पत्र में जोर देकर कहा, ”राज्यपाल के व्यवहार और कदम ने साबित किया है कि वह पक्षपात करने वाले हैं और राज्यपाल के पद पर रहने के लायक नहीं है. रवि शीर्ष पद से हटाए जाने योग्य हैं.” स्टालिन ने राष्ट्रपति से कहा कि वह उन पर छोड़ते हैं कि रवि को पद से हटाया जाए या नहीं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति फैसला करें कि भारत के संविधान निर्माताओं की भावना और गरिमा पर विचार करने के बाद तमिलनाडु के राज्यपाल को पद पर बनाए रखना क्या वांछित और उचित होगा.