सरकार ने एमएसपी की ‘कानूनी गारंटी’ के लिये समिति गठित करने का आश्वासन नहीं दिया : तोमर

नयी दिल्ली. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को इस बात से इंकार किया कि सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) को दिसंबर 2021 में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की ‘कानूनी गारंटी’ प्रदान करने के लिए एक समिति गठित करने का आश्वासन दिया था .

लोकसभा में दीपक बैज और कुंवर दानिश अली के प्रश्न के लिखित उत्तर में नरेंद्र तोमर ने यह बात कही . सदस्यों ने सवाल किया था कि क्या सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा को दिसंबर 2021 में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की ‘कानूनी गारंटी’ प्रदान करने के लिये एक समिति गठित करने का आश्वासन दिया था .

इस पर तोमर ने कहा, ‘‘ जी, नहीं .’’ तोमर ने यद्यपि स्पष्ट किया कि सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और देश की बदलती आवश्यक्ताओं को ध्यान में रखते हुए फसल पैटर्न में बदलाव करने के लिये एक समिति गठित करने का आश्वासन दिया था.

उन्होंने कहा कि एक समिति गठित की गई जिसमें किसानों, केंद्र सरकार, राजय सरकारों, कृषि अर्थशास्त्री, वैज्ञानिक आदि शामिल हैं .
कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र, राज्य सरकारों और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों के विचारों एवं अन्य प्रासंगिक कारकों पर गौर करने के बाद कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर 22 अधिदेशित कृषि फसलों हेतु न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और गन्ने के लिये उचित एवं लाभकारी मूल्यों का निर्धारण करती है.

ज्ञात हो कि सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली को मजबूत करने के उपाय सुझाने के लिए एक समिति का गठन किया है. पूर्व कृषि सचिव संजय अग्रवाल समिति के अध्यक्ष होंगे. समिति में नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद, भारतीय आर्थिक विकास संस्थान से कृषि अर्थशास्त्री सीएससी शेखर और भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम-अहमदाबाद) से सुखपाल सिंह और कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) के वरिष्ठ सदस्य नवीन पी सिंह को शामिल किया गया है.

किसान प्रतिनिधियों के रूप में समिति में राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता किसान भारत भूषण त्यागी, एसकेएम के तीन सदस्य और अन्य किसान संगठनों के पांच सदस्यों में गुणवंत पाटिल, कृष्णवीर चौधरी, प्रमोद कुमार चौधरी, गुनी प्रकाश और सैयद पाशा पटेल शामिल होंगे.

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