गुकेश ने प्रज्ञानानंदा और कीमर को हराकर वापसी की

शतरंज की ट्रेनिंग भले ही सस्ती दिखे लेकिन यह खेल काफी महंगा है : प्रज्ञानानंदा

वारसॉ. फिडे कैंडिडेट्स चैंपियन डी गुकेश ने खराब शुरुआत से उबरकर सुपरबेट रैपिड एवं ब्लिट्ज शतरंज टूर्नामेंट में हमवतन आर प्रज्ञानानंदा और विन्सेंट कीमर को हराकर शानदार वापसी की. गुकेश अपनी पहली दोनों बाजियां हार गए थे जबकि तीसरी बाजी में उन्होंने अंक बांटे. इस भारतीय खिलाड़ी ने इसके बाद शानदार प्रदर्शन किया तथा प्रज्ञानानंदा को पराजित करके वापसी करने की तरफ कदम बढ.ाए. प्रज्ञानानंदा को मिडिल गेम की अपनी गलतियों के कारण हार का सामना करना पड़ा.

प्रज्ञानानंदा ने हालांकि इस हार से उबरने में अधिक समय नहीं लगाया तथा पांचवें दौर में हॉलैंड के अनीश गिरी को हराया. दूसरी तरफ गुकेश ने कीमर को हराकर अपना विजय अभियान जारी रखा. भारत के अर्जुन एरिगैसी ने चौथे दौर में रोमानिया के किरिल शेवचेंको को हराकर उनके विजय अभियान पर रोक लगाई. अर्जुन ने इससे पहले अपनी तीन बाजियां ड्रॉ खेली थी. इनमें विश्व के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन के खिलाफ खेली गई बाजी भी शामिल है. कार्लसन और शेवचेंको संभावित 10 अंक में से 7 अंक लेकर बढ.त पर हैं. उनके बाद चीन के वेइ यी का नंबर आता है जिनके 6 अंक हैं. गुकेश, प्रज्ञानानंदा और अर्जुन की भारतीय तिकड़ी उज्बेकिस्तान के नोदिरबेक अब्दुसात्तोरोव के साथ पांच अंकों के साथ चौथे स्थान पर है.

शतरंज की ट्रेनिंग भले ही सस्ती दिखे लेकिन यह खेल काफी महंगा है : प्रज्ञानानंदा

युवा भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंदा ने शुक्रवार को शतरंज के लिए मजबूत वित्तीय समर्थन की मांग करते हुए इस अवधारणा को खारिज किया कि इस खेल में ट्रेनिंग के लिए कम वित्तीय राशि की जरूरत होती है. प्रज्ञानानंदा ने हाल में पहली बार टोरंटो में फिडे कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था और वह इस समय ग्रां शतरंज टूर के अंतर्गत रैपिड एवं ब्लिट्ज पोलैंड में खेल रहे हैं.

इस 18 साल के खिलाड़ी ने कहा, ”शतरंज की ट्रेनिंग भले ही आसान और सस्ती दिखे लेकिन इसके लिए यात्रा करना और सामान इकट्ठा करना बहुत ही महंगा होता है. इसलिये मैं अडानी ग्रुप से सहयोग मिलने के लिए उनका आभारी हूं. ” प्रज्ञानानंदा ने पिछले कुछ वर्षों में तेजी से ऊपर की ओर कदम बढ.ाये हैं और इस दौरान मैग्नस कार्लसन सहित कुछ शीर्ष खिलाड़ियों को पराजित किया है. उन्होंने शतरंज के समर्थन के लिए कोरपोरेट जगत को आगे आने की जरूरत पर ध्यान दिलाते हुए कहा, ”शीर्ष स्तर के अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा लेना काफी मुश्किल हो सकता है क्योंकि ये काफी मंहगे होते हैं. ”

उन्होंने कहा, ”मेरे माता पिता को वित्तीय परेशानियों का सामना करना पड़ा था लेकिन मेरा पहला प्रायोजक मिलने के बाद थोड़ी मदद मिली. ” अडानी ग्रुप की एक विज्ञप्ति में प्रज्ञानानंदा ने कहा, ”यह मुश्किल था क्योंकि मेरी बहन भी खेल रही थी और उसे भी टूर्नामेंट के लिए यात्रा करनी पड़ती थी. इसलिये खेलों के लिए कोरपोरेट प्रायोजक काफी जरूरी हैं. ” उनकी बड़ी बहन आर वैशाली टोरंटो में फिडे महिला कैंडिडेट्स में संयुक्त उप विजेता रही थीं. चेन्नई के इस युवा खिलाड़ी ने यह भी कहा कि शतरंज के 14 राउंड खेलने के लिए खिलाड़ी को शारीरिक रूप से भी फिट होना चाहिए और वह अपनी फिटनेस के लिए बैडमिंटन और बीच वॉलीबॉल खेलते हैं.

उन्होंने कहा, ”कैंडिडेट्स की तैयारी के लिए मैं शारीरिक रूप से फिट होने के लिए कुछ खेल खेल रहा था. मैं शिविर के दौरान व्यायाम कर रहा था. हमें शतरंज की ट्रेनिंग के इतर शारीरिक ट्रेनिंग के लिए भी कुछ निश्चित समय दिया जाता है. हाल में मैंने बीच वॉलीबॉल खेलना शुरू किया.” प्रज्ञानानंदा ने कहा, ‘आपको लंबे टूर्नामेंट के लिए तैयार होने की जरूरत होती है क्योंकि 14 मैच खेलना आसान नहीं है. पूरे टूर्नामेंट के दौरान फोकस बनाये रखने पर हम काम कर रहे हैं. ” उन्होंने कहा, ”14 मैच खेलना बहुत थकाने वाला होता है. शारीरिक फिटनेस की बात तब सामने आती है जब आप पांच-छह घंटों तक एक ही बाजी खेलते रहते हो. अगर आप पूरे टूर्नामेंट में ऐसा करते हो तो निश्चित रूप से ध्यान लगाये रखना बहुत थकाऊ होता है. इसमें काफी ऊर्जा लगती है. ”

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