क्या स्टालिन ने पुत्र उदयनिधि, ए राजा से भी सनातन धर्म के खिलाफ टिप्पणी के लिए माफी मांगने को कहा था: भाजपा

नयी दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सांसद डीएनवी सेंथिलकुमार की ओर से लोकसभा में हिंदी भाषी राज्यों का जिक्र अपमानजनक तरीके से करने के लिए खेद जताए जाने के बाद बुधवार को पूछा कि क्या मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने सनातन धर्म के खिलाफ बोलने वाले पार्टी नेताओं से भी माफी मांगने को कहा था.

भाजपा मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ‘सनातन के बारे में बार-बार आपत्तिजनक टिप्पणी’ पर कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा की ‘चुप्पी’ की भी आलोचना की. उन्होंने कहा, ”मैंने टी.आर. बालू को यह कहते सुना कि मुख्यमंत्री स्टालिन ने सांसद सेंथिलकुमार से इस तरह के बयान नहीं देने को कहा है. लेकिन एक सवाल है जो बालू और (एमके) स्टालिन से पूछा जाना चाहिए.”

उन्होंने कहा, ”उदयनिधि स्टालिन के बयान का क्या हुआ? क्या उन्होंने (एमके स्टालिन) उदयनिधि स्टालिन को माफी मांगने की सलाह दी है? ए. राजा के बारे में क्या? क्या उन्होंने (द्रमुक प्रमुख ने) ए. राजा को माफी मांगने की सलाह दी है?” उन्होंने कहा, ”स्टालिन माफी क्यों नहीं मांग सकते?”

केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के दलों ने उत्तर-दक्षिण विभाजन की टिप्पणियों के साथ ‘विभाजनकारी राजनीति का एक नया अध्याय’ शुरू किया है क्योंकि वोटों के लिए धार्मिक आधार पर दरार पैदा करने के उनके प्रयास हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में काम नहीं आए.

चंद्रशेखर ने कहा कि भाजपा कांग्रेस और ‘इंडिया’ गठबंधन के अन्य सदस्यों द्वारा की जा रही इस तरह की राजनीति का ‘दृढ.ता से विरोध’ करेगी. उन्होंने कहा, ”देश के लोग भी इस तरह की राजनीति का पूरी तरह से विरोध करेंगे और उन्हें बेनकाब करेंगे.” सेंथिलकुमार ने मंगलवार को सत्तारूढ. भाजपा पर हमला करते हुए हिंदी भाषी राज्यों का वर्णन करने के लिए अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल किया था. इस टिप्पणी के बाद लोकसभा में हंगामा हुआ और कार्यवाही स्थगित कर दी गई. बाद में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उनकी टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से हटा दिया.

भाजपा नेताओं ने उनकी टिप्पणी को ‘नफरत फैलाने वाला भाषण’ करार दिया था और कहा था कि मतदाता अगले चुनाव में दक्षिण भारत से भी ‘इंडिया’ गठबंधन का ‘सफाया’ कर देंगे. आलोचनाओं का सामना कर रहे द्रमुक सांसद ने बाद में माफी मांग ली थी. उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा था, ”हाल में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के परिणामों पर टिप्पणी करते हुए मैंने अनुचित तरीके से एक शब्द का इस्तेमाल किया था. उस शब्द को इस्तेमाल करने की कोई मंशा नहीं थी और मैं इससे गलत संदेश जाने पर माफी मांगता हूं.” बुधवार को उन्होंने लोकसभा में खेद व्यक्त किया लेकिन भाजपा ने ‘इंडिया’ गठबंधन पर अपना हमला तेज कर दिया.

चंद्रशेखर ने कहा, ”तीन राज्यों के नतीजों के बाद कांग्रेस और ‘इंडी अलायंस’ द्वारा विभाजनकारी राजनीति का एक नया अध्याय शुरू किया गया है.” उन्होंने कहा, ”पहले वे धर्म के आधार पर विभाजनकारी राजनीति करते हैं. उनके (कांग्रेस) सहयोगी उदयनिधि स्टालिन का कहना है कि सनातन डेंगू और मलेरिया है. तब द्रमुक के 2जी घोटाले के वास्तुकार और दूरदर्शी ए. राजा कहते हैं कि सनातन धर्म कुष्ठ रोग, एचआईवी के बराबर है.” चुनावों के दौरान सनातन धर्म के खिलाफ द्रमुक के कुछ नेताओं की टिप्पणियों को लेकर उठे विवाद को भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधने के लिए इस्तेमाल किया था.

चंद्रशेखर ने कहा, ”ये सब विफल होने के बाद उन्होंने कल उत्तर-दक्षिण विभाजन की रणनीति शुरू की. राहुल गांधी के नए करीबियों ने उत्तर और दक्षिण (विभाजन) और भाजपा-मुक्त दक्षिण (कथा) शुरू की. और ऐसी मूर्खता तब है जब दक्षिण में भाजपा के विधायक और सांसद हैं.” उन्होंने कहा, ”हम इसका कड़ा विरोध करेंगे. और देश के लोग इस तरह की राजनीति का पूरी तरह से विरोध करेंगे और उन्हें बेनकाब करेंगे.”

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