हार्दिक पटेल दो जून को भाजपा में शामिल होंगे : पार्टी प्रवक्ता

अहमदाबाद. कांग्रेस के पूर्व नेता हार्दिक पटेल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की गुजरात इकाई के अध्यक्ष सी. आर. पाटिल की मौजूदगी में दो जून को भाजपा में शामिल होंगे. राज्य में पार्टी के प्रवक्ता ने मंगलवार को यह जानकारी दी. पटेल ऐसे समय में पार्टी में शामिल हो रहे हैं, जब इस साल के अंत में गुजरात विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. भाजपा पिछले दो दशक से अधिक समय से राज्य में सत्ता में हैं.

पटेल (28) ने 2015 में पाटीदार समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर ंिहसक आंदोलन का नेतृत्व किया था. कभी भाजपा के धुर आलोचक रहे पटेल के खिलाफ गुजरात की तत्कालीन भाजपा सरकार ने राजद्रोह सहित कई आरोपों में मामले दर्ज किए थे.
पटेल 2019 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे और बाद में उन्हें राज्य इकाई का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था. हालांकि, इस महीने की शुरुआत में उन्होंने पार्टी से अलग होने का फैसला किया था. कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद, ऐसी अटकलें थीं कि वह राज्य में सत्तारूढ़ दल भाजपा में शामिल हो सकते हैं. उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व की कड़ी आलोचना की थी जबकि फैसले करने की भाजपा की क्षमता और कार्यशैली की तारीफ की थी.

भाजपा की राज्य इकाई के प्रवक्ता यागनेश दवे ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हार्दिक पटेल के दो जून को प्रदेश अध्यक्ष सी. आर. पाटिल की मौजूदगी में भाजपा में शामिल होने की खबर पुख्ता है.’’ पटेल के भाजपा में शामिल होने की खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए गुजरात के पूर्व उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा कि अगर कोई समाज की सेवा के लिए भाजपा में आना चाहता है, तो उसका पार्टी में स्वागत है.
उन्होंने कहा, ‘‘ विभिन्न जिलों का प्रतिनिधित्व करने वाले विभिन्न क्षेत्रों के कई लोग सी. आर. पाटिल के नेतृत्व में भाजपा की राज्य इकाई में शामिल हुए हैं.’’ हार्दिक पटेल के करीबी अल्पेश कथीरिया ने कहा कि भाजपा में शामिल होने के बाद, पाटीदार नेता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राज्य सरकार समुदाय के सदस्यों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस ले और पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान जान गंवाने वालों के परिवार के सदस्यों को नौकरी दे.

पटेल ने कांग्रेस छोड़ने से पहले पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे एक पत्र में दावा किया था कि पार्टी ने देश में कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर केवल ‘‘एक अवरोधक की भूमिका निभाई’’ है और वह ‘‘हर चीज का केवल विरोध करने तक ही सिमट गई’’ है. वह 2015 में सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में पाटीदार समुदाय के सदस्यों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर किए गए आंदोलन के दौरान चर्चा में आए थे. उन्होंने इस आंदोलन का नेतृत्व किया था. आंदोलन के दौरान हुई ंिहसा में एक पुलिसकर्मी सहित 10 लोग मारे गए थे और सार्वजनिक संपत्तियों तथा वाहनों को काफी नुकसान पहुंचा था.

पटेल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124 (ए), 121 (ए) और 120 (बी) के तहत मामला दर्ज किया गया था और वह 2016 से जमानत पर हैं. भाजपा सरकार ने भी हाल ही में 2015 के आरक्षण आंदोलन के संबंध में हार्दिक पटेल और अन्य के खिलाफ दर्ज कई मामलों को वापस लेने के लिए कदम उठाए हैं.

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