उच्च न्यायालय ने दुष्कर्म के आरोपी को जमानत दी, कहा- नाबालिग लड़की संबंधों के नतीजों को समझने में सक्षम थी

मुंबई. बंबई उच्च न्यायालय ने पिछले साल 15 वर्षीय एक लड़की से बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार 22 वर्षीय युवक को जमानत देते हुए कहा कि दोनों रिश्ते में थे और नाबालिग होने के बावजूद पीड़िता अपने कृत्य के परिणामों को समझने में सक्षम थी. न्यायमूर्ति भारती डांगरे की एकल पीठ ने 15 नवंबर के आदेश में यह भी कहा कि पीड़िता अपनी मर्जी से आरोपी के साथ उसकी चाची के घर गई थी जहां कथित अपराध हुआ था.

पीठ ने कहा, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि पीड़िता नाबालिग होते हुए भी अपने कृत्य के परिणामों को समझने में सक्षम थी और वह खुद ही याचिकाकर्ता (आरोपी) के साथ उसकी चाची के यहां गई. हालांकि वह नाबालिग है और उसकी सहमति महत्वहीन हो जाती है, इसके बावजूद इस तरह के मामले में जहां वह स्वेच्छा से युवक के साथ गई थी और स्वीकार किया है कि वह उससे प्यार करती थी, चाहे उसने शारीरिक संबंध के लिए सहमति दी या नहीं, यह सबूत की बात है.’’ पीठ ने कहा कि क्या पीड़ित लड़की ने यौन कृत्य का विरोध किया और किस ंिबदु पर आरोपी ने उसकी इच्छा के विरुद्ध उससे जबरन यौन संबंध बनाए, यह मुकदमे की सुनवाई के समय निर्धारित किया जाएगा.

उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता भी युवा है और उसके भी प्यार में पड़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. वर्तमान में, उसे और अधिक कैद में रखने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि उसे अप्रैल 2021 में गिरफ्तार किया गया और मुकदमे में काफी समय लग सकता है.’’ पीठ ने आरोपी को जमानत देते हुए उसे पीड़िता के साथ कोई संपर्क स्थापित नहीं करने और उपनगरीय मुंबई में उसके आवास के क्षेत्र में भी प्रवेश नहीं करने का निर्देश दिया.

पीड़िता द्वारा 29 अप्रैल, 2021 को आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण कानून (पॉक्सो) के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था. शिकायत के अनुसार, आरोपी ने छह अप्रैल, 2021 को लड़की से बलात्कार किया, जब वह उसके साथ मुंबई के एक उपनगर में उसकी चाची के घर गई थी. पीड़ित लड़की ने कहा कि उसने 29 अप्रैल को अपनी बहन को इस घटना के बारे में बताया जब उसके परिवार ने उसे व्हाट्सएप पर लड़के के साथ चैट करते हुए पकड़ा.

उच्च न्यायालय ने शिकायत दर्ज कराने में देरी पर भी गौर किया और कहा, ‘‘पीड़िता तब तक चुप रही जब तक कि आरोपी के साथ उसके व्हाट्सएप चैट पर उसके परिवार के सदस्यों द्वारा आपत्ति नहीं की गई. वह छह अप्रैल से चुप रही और घटना का खुलासा तब किया जब उसके परिवार ने आपत्ति जताई थी.

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