हिरासत से भागने के बाद अवैध कोयला कारोबारी पुलिस गोलीबारी में ढेर

हैलाकांडी. कोयले के गैर कानूनी कारोबार में कथित तौर पर शामिल एक व्यक्ति हिरासत से भागने के बाद हैलाकांडी जिले में शनिवार देर रात पुलिस की गोलीबारी में मारा गया. पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी. हैलाकांडी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) गौरव उपाध्याय ने बताया कि आरोपी को गैर कानूनी तरीके से कोयले के परिवहन के आरोप में करीमगंज जिले के सुतरकांडी इलाके से शनिवार सुबह गिरफ्तार किया गया था.

एसपी ने बताया कि जब आरोपी को नियमित चिकित्सा जांच के लिए लाला शहर के अस्पताल ले जाया जा रहा था, वह फरार हो गया.
उन्होंने बताया कि आरोपी शनिवार पूर्वाह्न करीब 11 बजकर 30 मिनट पर भागा और पुलिस ने तत्काल आसपास के इलाकों में तलाश अभियान शुरू किया व सीमावर्ती राज्यों के समकक्षों को भी इस संबंध में सतर्क किया. उपाध्याय ने बताया कि यह खुफिया सूचना मिली थी कि आरोपी शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर लखीनगर इलाके से भागने की कोशिश कर सकता है जिसके बाद पुलिस निगरानी बढ़ा दी गई.

उन्होंने बताया, ‘‘ शनिवार-रविवार की दरमियानी रात करीब डेढ़ बजे आरोपी ने एक अन्य व्यक्ति के साथ मोटरसाइकिल पर सवार होकर जांच चौकी पार करने की कोशिश की, तभी पुलिस ने उसे रोका तो उसने गोली चला दी.’’ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘जवाबी कार्रवाई में आरोपी घायल हो गया जबकि दूसरा व्यक्ति मौके से फरार होने में सफल रहा.’’ उन्होंने बताया कि आरोपी को हैलाकांडी शहर के एसके रॉय सिविल अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने बताया कि इस मामले में एक पुलिस कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया है.

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपी के खिलाफ भूमि घोटाला, अवैध कारोबार, जाली मुद्रा और फर्जीवाड़ा करने सहित 50 से अधिक मामले लंबित थे. उन्होंने दावा किया कि वह बराक घाटी में गैर कानूनी कोयला माफिया का सरगना था और उसके खिलाफ सीबीआई जांच चल रही है. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि यहां तक उसने मिजोरम में बचने के लिए अपना फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाया था और उस मामले की भी जांच चल रही है.

उपाध्याय ने बताया कि आरोपी को दो साल पहले भी करीमगंज जिले में ‘लैंड पोर्ट’ घोटाले में गिरफ्तार किया गया था और बाद में उसे जमानत मिल गई थी. गौरतलब है कि असम में पिछले साल मई में हिमंत बिस्व सरमा के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनने के बाद से कम से कम 47 लोग हिरासत से कथित तौर पर भागने की कोशिश के दौरान पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गये हैं, जबकि 113 लोग घायल हुए हैं.

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