बिहार में भाजपा 17, जद(यू) 16 और लोजपा (रामविलास) पांच सीट पर लड़ेगी चुनाव

नयी दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आगामी लोकसभा चुनाव में बिहार की 17 सीट, जनता दल (यूनाइटेड) 16 सीट और चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) पांच सीट पर चुनाव लड़ेगी. सीट बंटवारे को लेकर हुए समझौते में राजग में शामिल केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के दावे को नजरअंदाज किया गया है और उसे एक भी सीट नहीं दी गई है.

यहां भाजपा मुख्यालय में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाजपा महासचिव व बिहार मामलों के प्रभारी विनोद तावड़े ने यह घोषणा की. यह पहली बार होगा जब भाजपा को बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जद (यू) की तुलना में अधिक सीटें मिली हैं. यह कुछ महीने पहले जद(यू) और भाजपा के हाथ मिलाने के बाद समीकरणों में बदलाव को रेखांकित करता है.

संवाददाता सम्मेलन में जद (यू) के महासचिव व राज्यसभा सदस्य संजय झा, लोजपा (रामविलास) के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी और बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी सहित गठबंधन के अन्य घटक दलों के नेता भी मौजूद थे. बिहार में राजग के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर हुए समझौते के तहत, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाले हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक मोर्चा को एक-एक सीट दी गई है.

तावड़े के मुताबिक, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, औरंगाबाद, मधुबनी, अररिया, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, महाराजगंज, सारण, उजियारपुर, बेगूसराय, नवादा, पटनासाहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर और सासाराम से भाजपा के उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे.
उन्होंने कहा कि वाल्मीकिनगर, सीतामढ़ी, झंझारपुर, सुपौल, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, मधेपुरा, गोपालगंज, सीवान, भागलपुर, बांका, मुंगेर, नालंदा, जहानाबाद और शिवहर से जद(यू) के उम्मीदवार मैदान में होंगे.

तावड़े ने कहा कि लोजपा (रामविलास) के हिस्से वैशाली, हाजीपुर, समस्तीपुर, खगड़िया और जमुई की सीट गई है, जबकि गया से ‘हम’ और काराकाट से राष्ट्रीय लोक मोर्चा का प्रत्याशी चुनाव लड़ेगा. भाजपा महासचिव ने कहा कि बिहार में सभी सीटों पर राजग पूरी ताकत से चुनाव लड़ेगा और सभी सीट पर जीत दर्ज करेगा. बिहार की 40 लोकसभा सीट पर कुल सात चरणों में मतदान होगा. निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के मुताबिक, लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से एक जून के बीच सात चरणों में होंगे. मतगणना चार जून को होगी.

वर्ष 2019 में, भाजपा और जद(यू) ने 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जबकि रामविलास पासवान के नेतृत्व वाली अविभाजित लोक जनशक्ति पार्टी ने छह सीटों पर चुनाव लड़ा था. भाजपा और लोजपा ने अपनी सभी सीटें जीती थीं, जबकि जद(यू) को 16 सीटें मिली थीं. राज्य में राजग का मत प्रतिशत 53 से अधिक था, जो विपक्षी ‘महागठबंधन’ को मिले मतों से लगभग 20 प्रतिशत ज्यादा था.

रामविलास पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी 2020 में उनके निधन के बाद दो हिस्सों में बंट गई. उनके भाई पशुपति पारस राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) और उनके बेटे चिराग पासवान लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का नेतृत्व करते हैं. दोनों भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा हैं. तिवारी ने कहा कि चिराग पासवान हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे, जो 2024 के चुनावों के लिए सीट बंटवारे के समझौते के तहत पार्टी को दी गई है.

चिराग के चाचा पारस मौजूदा लोकसभा में इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और वह इस पर अपना दावा पेश करते रहे हैं.
राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) के प्रमुख पारस ने शुक्रवार को कहा था कि वह हाजीपुर सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे.
पारस ने यह भी कहा था कि उनकी पार्टी के अन्य सांसद उन सीट से चुनाव लड़ेंगे, जहां से वे 2019 के लोकसभा चुनाव में विजयी हुए थे.

भाजपा पर उनकी पार्टी के साथ न्याय नहीं करने का आरोप लगाते हुए पारस ने संकेत दिया था कि वह राजग से बाहर निकल सकते हैं. उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी कहीं भी जाने को ‘स्वतंत्र’ हैं और उनके ‘दरवाजे खुले हुए हैं’. उन्होंने कहा था कि वह बिहार में राजग उम्मीदवारों की आधिकारिक घोषणा का इंतजार करेंगे और उसके बाद भावी कदम के संबंध में कोई निर्णय लेंगे.

सम्राट चौधरी ने कहा कि पारस के साथ बातचीत चल रही है. सभी तीन मुख्य दलों को 2019 में जीती गई सीट दी गई हैं, जबकि मांझी और कुशवाहा की पार्टियों को समायोजित करने के लिए कुछ बदलाव किए गए हैं. शिवहर सीट भाजपा के कोटे से जद(यू) के खाते में चली गई है, जबकि नवादा सीट लोजपा के खाते से भाजपा के पास आई है. जद (यू) ने दो नए सहयोगियों को समायोजित करने के लिए काराकाट और गया पर अपना दावा छोड़ दिया. उसने दोनों सीट पर 2019 में जीत हासिल की थी.

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