भारत का भारी रॉकेट 22 अक्टूबर को वैश्विक बाजार में उतेगा

बेंगलुरु. भारत का सबसे भारी रॉकेट वैश्विक वाणिज्यिक प्रक्षेपित सेवा बाजार में उतरने के लिए तैयार है और यह मील का पत्थर 22 अक्टूबर को हासिल किए जाने की संभावना है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की वाणिज्य इकाई न्यूस्पेस इंडिया लिमिटिड (एनएसआईएल) की ओर से किए गए समझौते के अनुसार, अपने पहले सर्मिपत वाणिज्यिक मिशन के तहत जीएसएलवी-एमके तृतीय, श्रीहरिकोटा उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से ब्रिटिश स्टार्टअप वनवेब के 36 ब्रॉडबैंड उपग्रहों को प्रक्षेपित करेगा.

नवीनतम रॉकेट ‘जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर आॅर्बिट’ (जीटीओ) में चार टन के उपग्रह को प्रक्षेपित करने में सक्षम है. राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से नाम न छापने की शर्त पर कहा कि यह प्रक्षेपण 21 अक्टूबर को मध्य रात्रि के थोड़े वक्त बाद सवा 12 बजे होगा. यानी तब 22 अक्टूबर की तारीख लग जाएगी.

एनएसआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक राधाकृष्णन डी के हवाले से पहले कहा गया था कि जीएसएलवी-एमके तृतीय के जरिए वेनवेब के 36 उपग्रहों को भारत से प्रक्षेपित करना एनएसआईएल और इसरो के लिए ऐतिहासिक क्षण है. भारत की भारती एंटरप्राइसेजÞ वनवेब में एक प्रमुख निवेशक और शेयरधारक है.

 

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