अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की जगह केंद्र विपक्षी सरकारों को पटरी से उतार रहा है: कांग्रेस

नयी दिल्ली. कांग्रेस ने शुक्रवार को केंद्र सरकार पर हमला करते हुए उस पर अर्थव्यवस्था के ‘‘अकुशल प्रबंधन’’ और इस बारे में उसकी ‘‘अनभिज्ञता’’ की वजह से भारत की विकास गाथा को पीछे धकेलने का आरोप लगाया और कहा कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की जगह वह विपक्षी सरकारों को सत्ता की पटरी से उतारने का प्रयास कर रही है.

प्रमुख विपक्षी पार्टी ने सरकार से यह भी पूछा कि क्या भारत को पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने, किसानों की आय दोगुनी करने और 2022 तक सभी को पक्का मकान देने के अपने वादे से सरकार पीछे हटेगी? कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अब यह स्पष्ट है कि अर्थव्यवस्था के अकुशल प्रबंधन, कोई ध्यान ना देने और उसकी अनभिज्ञता की वजह से भारत के विकास की कहानी पीछे छूट रही है.’’ सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले तीन सालों में तीन प्रतिशत का विकास देखा है. उन्होंने केंद्र सरकार पर भारतीय अर्थव्यवस्था को ‘‘तबाह’’ करने का आरोप लगाया.

वल्लभ ने कहा, ‘‘ये आंकड़े ंिचतित करने वाले हैं. मोदी सरकार की निष्क्रियता की वजह से संभावनाएं बहुत उज्जवल नहीं दिख रही हैं. यहां तक कि स्टेट बैंक आॅफ इंडिया ने वित्तीय वर्ष 2023 में विकास दर के 7.5 प्रतिशत से 6.8 प्रतिशत होने का अनुमान जताया है.’’ उन्होंने कहा कि अन्य वैश्विक बैंकों और रेंिटग एजेंसियों ने भी इसी प्रकार की संभावनाएं व्यक्त की हैं.

उन्होंने सवाल किया, ‘‘सरकार की अपेक्षा के अनुरूप भारत कब पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा? क्या सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने और सभी पात्र शहरी परिवारों को 2022 तक पक्का मकान देने के वादे से पीछे हटने का इरादा रखती है?’’ कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर आ रहे बदलावों और भारत की सुस्त वृद्धि दर के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था को जल्द से जल्द दुरुस्त करने की आवश्यकता है लेकिन वित्त मंत्री इन ंिचताजनक आंकड़ों से बेपरवाह हैं.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए एक रूपरेखा तैयार करने की बजाय सरकार का पूरा जोर विपक्ष शासित सरकारों को अस्थिर करने पर है.

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर पहले भी आरोप लगाती रही है कि वह विपक्ष शासित राज्यों को गिराने के प्रयास में केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है. वल्लभ ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति को समझने के लिए किसी को ‘‘मन की बात’’ की जरूरत नहीं है क्योंकि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया गिरकर 79.70 पर पहुंच गया है और सीएमआई के आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त 2022 में बेरोजगारी की दर 8.28 प्रतिशत बढ़ गई है.

आधिकारिक आंकड़ों में बुधवार को कहा गया कि भारत दुनिया में सबसे तेज आर्थिक वृद्धि हासिल करने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बना हुआ है और चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 13.5 प्रतिशत रही जो पिछले एक साल में सबसे अधिक है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 13.5 प्रतिशत रही. इससे पिछले वित्त वर्ष (2021-22) की अप्रैल-जून तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडपी) की वृद्धि दर 20.1 प्रतिशत रही थी. जनवरी-मार्च, 2022 में यह 4.09 प्रतिशत रही थी.

वल्लभ ने इन आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि सरकार की ‘‘हैडलाइन प्रबंधन मशीनरी’’ की ओर से कुछ आंकड़ों से जुड़े कुछ बिन्दुओं को आगे बढ़ाया जाता है लेकिन सच्चाई तब सामने आती है जब ‘‘जब हम गहराई से आंकड़ों का अध्ययन करते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारी आर्थिक स्थिति की वास्तविकता क्या है, यह तभी पता चलेगा जब हम इसकी तुलना कोविड से पूर्व की स्थिति से करेंगे.’’

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